एक प्यारा सा रिश्ता – डा.मधु आंधीवाल
एक पेड़ के नीचे एक कृशकाय महिला प्रति दिन चुपचाप बैठी रहती थी । रुचिका सुबह कालिज आती जाती उसे देखती थी । वह किसी से ना भीख मांगती ना कुछ बोलती थी । आंखों में उदासी और टकटकी लगाये रास्ता निहारती । एक दिन रुचिका वहां से निकली तो देखा वहाँ भीड़ लगी हुई … Read more