अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 13) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

“दीदी, एक बात तो अधूरी ही रह गई।” कैब के घर के समीप आते ही अचानक विनया को कुछ याद आया। “क्या भाभी।” संपदा विनया की ओर मुड़ती हुई पुछती है। “आप सुबह किसी बात से परेशान थी और इस कारण माॅं,से भी नाराज दिख रही थी। क्या बात रही दीदी।”” विनया संपदा को सुबह … Read more

लड़के वाले सीजन -3 भाग -23 एवं अंतिम भाग : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : जैसा कि आप सबने अभी तक पढ़ा कि उमेश और शुभ्रा की तेल हल्दी की रस्म और मेहंदी संगीत भी पूरी धूम धाम से हो चुका हैँ… दोनों घरों में खुशियों का माहोल हैँ…. शादी वाले दिन सुबह दादा नारायण जी अपने दामाद जी से कहते हैँ कि बबलू के … Read more

अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 12) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

“तो मिस संपदा, आपकी भाभी गेम में आपसे आगे चल रही हैं। क्या आप इस गेम को जीतना चाहेंगी और बताना चाहेंगी कि आपकी भाभी मिसेज विनया को खाने में क्या–क्या पसंद है।” टेबल पर रखे अखबार को रोल कर माइक की तरह बनाती दीपिका संपदा के सामने करती हुई कहती है। “उस दिन रात … Read more

लड़के वाले सीजन -3 (भाग – 22) : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : जैसा कि आप सबने अभी तक पढ़ा कि उमेश और शुभ्रा की हल्दी तेल की रस्म शुरू हो गयी हैँ…. दोनों तरफ ढ़ोलक की ढापों  से पूरा घर गूंज रहा हैँ… इधर शुभ्रा को उसकी माँ बबिता जी हल्दी लगा रही हैँ तभी विक्की हांफता हुआ आता हैँ…. वो दादा … Read more

अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 11) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

“हूं तो अब बताइए ऐसे ही घर पर भी आप दोनों गुटर गूं करती रहती हैं क्या?” दीपिका कॉफी के सिप के साथ पूछती है। “क्यों जलन हो रही है क्या भाभी।” विनया चुटकी लेती हुई दीपिका से कहती है। “जलन क्यों होगी भला, कभी हम ननद–भाभी भी इसी तरह गुटर गूं करती थीं, फिर … Read more

दादी का जन्मदिन – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

 अनन्या की दादी की उम्र सतर वर्ष की थी | उसके दादाजी की मृत्यु एक साल पहले हुई थी |जबसे उसके दादाजी की मृत्यु हुई थी, तबसे दादी बहुत दुखित रहती थी | अनन्या संयुक्त परिवार में रहती थी | उसके दो चाचा, दो चाची, मम्मी-पापा और उनके दो – दो बच्चे, कुल छह बच्चे … Read more

लड़के वाले सीजन -3 (भाग – 21) : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : जैसा कि आप सबने अभी तक पढ़ा कि उमेश का टीका चढ़ने वाला हैँ…. शुभ्रा के घरवालें गेस्ट हॉउस के लिए निकल चुके हैँ…. उमेश भी नीले रंग का गर्म सूट पहन तैयार हो चुका हैँ …. वो टीका में जाने से पहले शुभ्रा से बात करना चाहता हैँ…. झट … Read more

अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 10) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

“अच्छा दीदी, वो अखबार वाले अंकल का क्या सीन है। माॅं उन्हें दादाकहती हैं और अंकल उन्हें बहन।” कुछ देर चुप रहने के बाद विनया पूछती है। “क्या है ना भाभी कि दो तीन साल पहले मम्मी सुबह सुबह सब्जी लेने नीचे गई थी और उन्हें चक्कर आ गया था। मम्मी ने हम सभी को … Read more

जो जीता वही सिकंदर – स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

भवानी प्रसाद जी ने अपने दोस्त से बहुत मिन्नत समाजत की , तब जाकर उसने बहुत जुगाड़ से किंशुक की नौकरी का इंतज़ाम किया । भवानी प्रसाद जी ने किंशुक को कहा कि तुम्हें कल एक ऑफ़िस में साक्षात्कार के लिए जाना है । बस तुम्हें वहाँ जाकर उनसें मिलना है और नौकरी मिल जाएगी … Read more

लड़के वाले सीजन -3 (भाग – 20) : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :जैसा कि आप सबने अभी तक पढ़ा कि उमेश अपने दोस्तों संग घर पहुँच चुका हैँ…. आज़ टीका की रस्म होनी हैँ…. उमेश और शुभ्रा की प्यार भरी नोंक झोंक जारी हैँ…दोनों तरफ के  सभी मेहमान आ चुके हैँ…घर में रौनक छा  गयी  हैँ…उमेश शुभ्रा से बात कर ही रहा होता … Read more

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