कलाकृति (अंतिम भाग )-डॉ पारुल अग्रवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : थोड़े समय बाद जब बीमारी पर थोड़ा नियंत्रण हुआ तो स्कूल भी खुल गए। तीनों बच्चे एक साथ स्कूल जाते और आते। बच्चों के स्कूल आने पर अमृता अपने दोनों बच्चों को गले से लगाती पर पीहू को देखकर जैसे पत्थर हो जाती।वो बच्ची भी पता नहीं जैसे सब कुछ … Read more

कलाकृति (भाग 2)-डॉ पारुल अग्रवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : सास ने भी अमृता की भावना को ना समझते हुए दिव्या का ही साथ दिया। सुधाकर ने भी अमृता की तरफ से बोलना चाहा तो सास ने उनको भी चुप करा दिया। सास ने अमृता को बहू के कर्तव्य याद दिलाते हुए वो झुमके दिव्या को दिला दिए। बेटे के … Read more

आत्मग्लानि – अनिला द्विवेदी तिवारी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : सुधा जी  एक सरकारी विद्यालय में प्रधान अध्यापिका थीं, जो अब सेवा निवृत्त हो चुकीं थीं। उनके पति सेना में एक उच्च अधिकारी थे, जो किसी आतंकी हमले में शहीद हो गए थे।  सुधा जी के तीन बेटे थे। सुधा जी के पति की मृत्यु के पश्चात उन्हें सरकार द्वारा … Read more

 बन्धन (भाग 5)- नीलम सौरभ

“मैं समझाता हूँ न मेरी माँ तुझे! …देख, हमारी फैक्ट्री में काम करने वाले बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो बाहर से यहाँ मेहनत करने आये हैं, परिवार साथ नहीं है और या तो ख़ुद किसी तरह से खाना बना कर खाते हैं या फिर होटल या ढाबों में…और इन सबको अपने घर के, अपनी … Read more

 बन्धन (भाग 4)- नीलम सौरभ

मेरे बाबूजी ने तुरन्त उसे डाँटते हुए कहा था, “ख़बरदार जो ऐसी मनहूस बात मुँह से निकाली तो! अरे हम मर गये हैं क्या..जो तू जहर खाएगी, मासूम बच्चियों को जहर खिलाएगी? वो तो बिटिया, मैं इसलिए पूछ रहा था कि अभी तेरी उम्र ही क्या हुई है, तेरे कितने अरमान होंगे, कितने सपने होंगे। … Read more

 बन्धन (भाग 3)- नीलम सौरभ

मेरे खुर्राट बाबूजी जिनके सामने मैं अपनी आधी उम्र पार कर चुकने के बाद भी ऊँची आवाज में बोल नहीं पाता था, फैक्ट्री के कर्मचारी और लेबर भी जिनके गुस्से से खौफ खाते थे, वे उस समय भीगी बिल्ली बन लीला की उस झिड़की को चुपचाप सुन रहे थे। तत्क्षण मुझे अपनी स्वर्गवासी अम्माँ याद … Read more

 बन्धन (भाग 2)- नीलम सौरभ

मैं उसकी जगह अपने जीवन में किसी को दे नहीं पाऊँगा, यह मुझे अच्छे से पता था अतः मैंने किसी की भी बेटी का जीवन न बिगाड़ते हुए कभी ब्याह न करने का निश्चय कर लिया था। अम्माँ-बाबूजी के लाख बोलने, समझाने, दबाव डालने के बाद भी इस मामले में मैंने चुप्पी साधे रखी। फिर … Read more

 बन्धन (भाग 1)- नीलम सौरभ

सम्मानित अतिथियों के लिए आरक्षित सबसे सामने की पंक्ति में बैठे मैं और बाबूजी आज फूले नहीं समा रहे हैं। आखिर हमारी लीला को आज पुरस्कार जो मिलने वाला है। नवोदित उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए हमारे जिले के माननीय जिलाधीश श्री अवनीश शरण ने पिछले साल ही यह योजना शुरू की थी, जिसमें … Read more

तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : तनु ज्यूडिशियरी की परीक्षा पास कर ली… फोन से और घर आकर बधाई देने वालों का सिलसिला चालू हो गया था.. तनु के साथ साथ मुझे भी बधाइयां मिल रही थी.. अखबार  वाले टीवी वाले कोचिंग सेंटर वाले …बधाई देने वाले चले गए तब तनु मेरे गोद में सर रखकर … Read more

पश्चाताप या आत्मग्लानि : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : टीशा जैसे ही कॉलेज से आई, उसने देखा ड्राइंग रूम में कुछ गेस्ट बैठे हुए है। वह नमस्ते करके अंदर घर में दाखिल हुई और सबसे प्रश्न सूचक निगाहों से पूछने का प्रयास करती है कि कौन लोग हैं? उसकी चाची मंद-मंद मुस्कुरा कर कहती है, “बेटा अब कॉलेज-वालेज छोड़ो … Read more

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