बड़े भैया पिता समान – गरिमा जैन 

4 January 2007 तिहाड़ जेल  सुबह के नौ बजे भोलू : यार मुकेश आज तो तू रिहा हो जाएगा। अब तो बता दे उस रात क्या हुआ था ?इतने सालों से एक उदासी जो मैंने तेरे चेहरे पर देखी है उससे मुझे यही लगता है कि उस रात जो कुछ भी हुआ वह सच सच … Read more

“वैराग्य क्यूँ..?” – रंजना बरियार

एक समय था जब माली के बेटे सोनू को आम का पौधा लगाते देख नीलिमा जी ने पूछा था “कहाँ से लाकर पेड़ लगा रहा है सोनू?” आँटी जी, आज बाबा ने मुझे सौ रुपये दिये, कहा “मैं तो तुझे पढ़ा नहीं सकूँगा..एक-एक आम का पौधा  मेरे पाँच घरों में लगा ले, बीस साल बाद … Read more

वीरागंना – रीमा महेन्द्र ठाकुर

वीरागंना – रीमा महेन्द्र ठाकुर आज फिर उदास बैठी थी “कर्णिका, कोई रास्ता न बचा धा।  भाग निकलने का, राजा साहब बन्दी बना लिए गये थे “गौरवमय इतिहास धूल धूसरित हो चुका था।  पर अब नारी सम्मान की बात थी। राजकुमारी कर्णिका पीछे  हटने वालो मे से न थी।  वो साहस के साथ उठ खडी … Read more

बड़ा भाई भी पिता का ही रूप होता है। – संगीता अग्रवाल

” क्या बात है संदीप बेटा परेशान नजर आ रहे हो सब ठीक तो है ?” ऑफिस में संदीप से उम्र और ओहदे दोनो में वरिष्ठ सिन्हा जी ने पूछा।  ” जी सिन्हा साहब बहन की शादी करनी है पर कोई रिश्ता अभी समझ नही आया !” संदीप ने कहा।  ” क्यों बेटा ऐसी क्या … Read more

बड़ा भाई पिता जैसा ही होता है – राम मोहन गुप्त

अन्नू तुम यह ठीक नहीं कर रहे हो सुनते ही अन्नू, अमन पर फट पड़ा और बोला हाँ मैं कब और कहाँ कुछ भी ठीक करता हूँ, अच्छा करने और अच्छे बने रहने का ठेका जो है तुम्हारे पास। अपने छोटे भाई अनुज की दिल फटी बातें सुनते ही अमन की आँखें भर आईं और … Read more

बड़ा भाई पिता जैसा ही होता है – प्रीती सक्सेना

पतिदेव का जन्म दिन है, काफी लोग आने वाले है, मैं माया जल्दी जल्दी तैयारी करती जा रही हूं, बेटी को नाश्ता करा दिया, मेरा छोटा नन्हा शायद भूखा है, इसलिए दादी की गोद में मचल रहा है, दूध पिला ही देती हूं, वरना सम्भालना मुश्किल होगा, लाइए मम्मी सनी को मुझे दे दीजिए, बेटे … Read more

बरगद की छाँव – नीरजा कृष्णा

एक बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी में ऊँची पोस्ट पर कार्यरत शशांक बहुत व्यस्त चल रहे हैं। उनके यहाँ हैडऑफिस से अमेरिकी डेलीगेशन आया हुआ है। वो मिस्टर ब्राउन और उनकी पत्नी  के लिए रात का डिनर किसी बढ़िया पांचसितारा होटल में प्लान कर रहे थे …तभी उनके सहयोगी सुधाकरजी सुझा बैठे,”सुनो, ये लोग होटलों में तो … Read more

एक माँ का गणित – नीरजा कृष्णा

अरे मम्मी जी! आप अभी तक तैयार नहीं हुईं। गाड़ी आ गई है।” बहू ममता हैरानी से पूछ रही थी। एक पारिवारिक विवाह समारोह में उन सबको हाजीपुर जाना था। बेटे मनोज को पटना में कुछ काम था अतः वो शाम को आने वाला था। वो धीरे से बोलीं,”अभी तुम दोनों बच्चों को लेकर चली … Read more

साथ – कंचन श्रीवास्तव

“कामवाली से लेकर पति का नाश्ता, बच्चों का टिफिन सांस ससुर की दवा उनका नाश्ता सबसे खाली होके पल भर अखबार लेके बैठी तो पहले ही पन्ने पर हेड लाइन पढ़कर रेखा  सहम गई । लिखा था ” रिश्ते बनाम पैसे “ बाकी क्या लिखा है भीतर पढ़ती कि उसके पहले उसके अपने भीतर के … Read more

बड़ा भाई पिता जैसा ही होता है – अनुपमा

शमिता आज फिर छोटी स्कर्ट पहनी है तुमने , कितनी बार बोला है कॉलेज जाते वक्त ऐसे कपड़े मत पहना करो , पीछे से सुधा ने उसे आवाज देते हुए कहा तो शलभ ने मां का हाथ पकड़ के बोला रहने दो मां , पहनने दो उसे जो पहनना चाहती है ।  शमिता तो बिना … Read more

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