सहनशक्ति – ऋतु गुप्ता : hindi stories with moral

hindi stories with moral : निर्मला जी आज अपनी कोठी में जीवन की संध्या में नितांत अकेला जीवन व्यतीत कर रही थी ।आराम कुर्सी पर बैठी वह याद कर रही थी जिंदगी के उन पन्नों को जिसमें जिंदगी ने उन्हें बहुत कुछ दिया, आदर, सत्कार, पैसा रुतबा सब, पर उन्होंने अपने कर्कश व्यवहार के कारण … Read more

बेघर – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : hindi stories with moral

hindi stories with moral : सुबह-सुबह मैं अपने किचन गार्डन में पौधों में पानी दे रही थी तभी मोबाइल बजने लगा। मैं जल्दी से हाथ धोकर अपने रूम में आई और मोबाइल उठा लिया। शिवनाथ अंकल का फोन था। मैंने फोन उठाया  “अंकल नमस्ते ,कैसे हैं ?” “नमस्ते बेटा…!, वह बोलते हुए रुक गए। मैं … Read more

चाहत (अंतिम भाग ) – : hindi stories with moral

hindi stories with moral : “पर आप जीवन भर साथ निभाते आए उसका जो चाहे जिस्मानी रूप से हमारे सामने ना था थी पर उसकी यादें हमेशा हमारे बीच दीवार की तरह खड़ी रहीं.” “मैं आप से पूछती हूं अगर आप इन्हें यादों के भंवर जाल में रहना चाहते थे तो क्यों शादी की मुझसे? … Read more

चाहत (भाग 5 ) : hindi stories with moral

hindi stories with moral : मीरा का सर चकराने लगा था. जिस्म पसीने से तरबतर हो चुका था. पैर लड्खड़ाने लगे थे उसके. खुद को संभल नहीं पायी और पलंग पर औंधे मुँह गिर पड़ी. उसकी आंखों के आगे पूर्ण अँधेरा छा गया था और धीरे धीरे उसकी आंखे मुंदती चली गयी. फिर जब उसकी … Read more

चाहत (भाग 4 ) : hindi stories with moral

hindi stories with moral : मीरा का जन्मदिन आया तो घर में ही छोटा सा आयोजन किया गया. उसे मिले सभी तोहफे अच्छे पर जिस तोहफे में आज उसकी जान बस गई थी वो थीं वैभव की दी हुई चांद बालियां .खूबसूरत गहरे नीले रंग की वेलवेट की डिबिया में सजी बालियां उस दिन से … Read more

चाहत (भाग 3 ) – : hindi stories with moral

hindi stories with moral : सुबह सभी नाश्ते के वक्त डाइनिंग टेबल पर मौजूद थे. मीरा वैभव को नाश्ता परोस ही रही थी की तभी चीकू वह आ गया. “चाची आज आप मेरे लिए कस्टर्ड बनायोगें ना…“ वैभव ने उसे अपनी गोद में खींच लिया. “ओ चाची के लाडले, हमें तो कभी इतने प्यार से … Read more

चाहत (भाग 2 ) – : hindi stories with moral

hindi stories with moral : पूरी कोठी सितारों की तरह झिलमिलाती रोशनी में नहाई हुई थी और मीरा जो खुद चांद समान खूबसूरत थी, उसकी अर्धांगिनी बनकर उसके जीवन में प्रवेश कर गई थी. जागती आँखों में कटी थी मीरा की सुहागरात. कमरे में प्रवेश करने के कुछ पल बाद वैभव ने मीरा से धीमे … Read more

चाहत ( धारावाहिक) : hindi stories with moral

hindi stories with moral :मीरा वैभव की पत्नी थी. वैभव गंभीर स्वभाव पर कोमल दिल का  मालिक था.  उनका अपना पारिवारिक व्यवसाय था जिसे उसने अपनी शिक्षा समाप्त करके संभाला था. यह उसके पिताजी की भी इच्छा थी जिसे वैभव ने पूरे दिल से अपनाया था हालांकि वह संगीत के क्षेत्र में कुछ करने की … Read more

तर्पण – नरेश वर्मा

जी हाँ ! यह संगीता-कुंज नाम का आशियाना मेरा ही है ।अपनी सेवानिवृत्ति होने से चार वर्ष पूर्व मैंने इसे बनवाया था।यह चमत्कार कैसे संपन्न हो सका ,मुझे नहीं मालूम।इसे मैं ईश्वर कृपा ही कहूँगा अन्यथा निखालिस आय वाले सरकारी मुलाजिम के लिए इस महंगाई में मकान बनवाना इतना सहज नहीं होता ।  कुछ सरकारी … Read more

पिया का घर है, रानी हूं मैं –  अर्चना खंडेलवाल

“शुभि उस बर्तन को इधर रैक में रख, उस तरफ मेरा हाथ नहीं जाता है और वो शक्कर का डिब्बा इधर ला, उसे यहां रखना है।” शुभि ने वैसा ही किया जैसा मां ने बोला| “तू शादी के बाद सब भूल गई, मायके की रसोई में तेरा अब ध्यान नहीं है” मां ने हंसकर उलाहना … Read more

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