डिज़ाइनर जुड़ा – बीना शर्मा: Moral Stories in Hindi

विमला बड़ी बेचैनी से अपनी बेटी मोनिका और जमाई मयंक का मैरिज होम से आने का इंतजार कर रही थी बड़ी ख्वाहिश थी उनकी अपनी बेटी का विवाह देखने की उसे अपना आशीर्वाद देकर घर से विदा करने की जिसके लिए वह खुशी-खुशी विवाह की सारी तैयारी कर रही थी इससे पहले की वें बेटी … Read more

ससुराल के चार दिन ( भाग -4)- माता प्रसाद दुबे : hindi Stories

hindi Stories : चार दिन बीत चुके थे, उर्वशी को विदा कराने के लिए लखनऊ से उसका भाई रंजीत आया हुआ था। उर्वशी को अपने साथ ले जाने के लिए,जिसे देखकर उर्वशी को कोई प्रशनन्ता नहीं महसूस हो रही थी। सच्चाई तो यह थी कि वह अभी जाना ही नहीं चाहती थी। ससुराल में बिताए … Read more

ससुराल के चार दिन ( भाग -3)- माता प्रसाद दुबे : hindi Stories

hindi Stories : “ऐसा कुछ नहीं होगा मम्मी!वह बहुत अच्छी है,वह कभी भी अपने बेटे से दूर मुझे गांव में रहने के लिए नहीं कहेंगी,वह बहुत ही समझदार है” उर्वशी कौशल्या देवी की बातों को अनसुना करते हुए बोली। “और मैं बेवकूफ हूं,जो तू एक बार मिलने से ही अपनी सास के गुण गा रही … Read more

ससुराल के चार दिन ( भाग -2)- माता प्रसाद दुबे : hindi Stories

hindi Stories : “रवि बेटा! मुझे उर्वशी बेटी बहुत पसंद है,तुम बिना देर किए उर्वशी के माता-पिता को निमंत्रण देकर अपने गांव वाले घर पर बुलाओ, में जल्दी से जल्दी तुम दोनों की शादी करना चाहती हूं” शांति देवी उर्वशी को अपने गले लगाते हुए बोली। शांति देवी की बात सुनकर उर्वशी के मन की … Read more

ससुराल के चार दिन ( भाग -1)- माता प्रसाद दुबे : hindi Stories

hindi Stories : रवि की रेलवे में नौकरी लगने के बाद वह लखनऊ शहर में रेलवे कालोनी में अकेले ही रहता था, कुछ दिन तक उसके पास उसकी मां शांति देवी,बहन पायल,व भाई राजेश,बारी-बारी से उसके पास आकर रहते थे,और वापस गांव अपने घर चले जाते थे, रवि का मन भी गांव में ही रमा … Read more

सदा सुहागन रहो – पूजा गीत : Moral Stories in Hindi

मेरे पड़ोस में ६५ वर्षीय सलिल और उनकी ६२ वर्षीय पत्नी सुधा रहते हैं। मैं जब भी आंटी को प्रणाम कहती या तीज त्याहारों में पैर छूती, वो सदा सुहागन रहो, सौभाग्यवती भवः का आशीर्वाद देतीं। अंकल आर्मी से सेवानिवृत्त हैं जिसका असर उनके व्यक्तित्व में स्पष्ट देखा जा सकता है अर्थात वो काफी अनुशासनप्रिय … Read more

जाने कब जिंदगी में कौन सा मोड़ आ जाए, यह कोई नहीं जानता – अनिला द्विवेदी तिवारी : Moral Stories in Hindi

सुनीता पढ़ी लिखी लड़की थी लेकिन ना जाने किन परिस्थितियों वश वह एक छोटे से गाँव में व्याह दी गई। जो एक अत्यंत पिछड़ा गाँव था। वहाँ पर ना तो स्कूल था ना डाकघर ना ही अस्पताल।  फिर भी धीरे धीरे वह सामंजस्य बैठाने की कोशिश में लगी रहती थी। उसका पति तो और भी … Read more

“खुशियों की झालर” – कविता भड़ाना   : Moral Stories in Hindi

“मानवी बेटा जल्दी से तैयार हों जाओ तुम्हारे सब दोस्त आते ही होंगे”… शिप्रा ने अपनी बारह साल की बेटी से कहा और बाहर लॉन में पार्टी की तैयारियां देखने चली गई।  शिप्रा अभी बाहर आई ही थी की मानवी मम्मा मम्मा पुकारती हुई शिप्रा के पास आई और गुस्से से बोली, क्या मम्मा ये … Read more

हमें बस आपका आशीर्वाद चाहिए – अर्चना खंडेलवाल   : Moral Stories in Hindi

“रंजन बेटा, तेरे बाबूजी का चश्मा टूट गया है, आज नया बनवाकर ले आना, इन्हें अखबार पढ़ने में बहुत दिक्कत होती है।” निर्मला जी ने अपने बेटे से कहा। “ठीक है, मम्मी दे दो समय मिला तो बनवा लूंगा, और वो चश्मे का फ्रेम लेकर चला गया।” निर्मला जी अपने पति और बेटे बहू के … Read more

पैसा ही सब कुछ नहीं होता – राजिन्दर कौर   : Moral Stories in Hindi

“बहू रानी सुनंदा बिटिया को भी अपने साथ रसोई में रखा कर, देख देख कर वो भी कुछ सीख जाएगी। इस वर्ष बारह की हो जायेगी। मेरी पोती इस से एक दो साल बड़ी है, रोटी सब्जी बना लेती है।” घर में काम करने वाली कांता ने अपनी मालकिन यशोदा से कहा। “क्या बोलूं कांता … Read more

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