वो एक फरिश्ता थी -सुषमा यादव Moral stories in hindi

कुछ रिश्ते खून के रिश्तों से भी बढ़कर हो जाते हैं। ये रिश्ते हमारे दिलों से जुड़ कर# दिल का रिश्ता बन जातें हैं। जिन्हें हम ताउम्र निभाते हैं। राजस्थान के कोटा में स्नेहा को मेडिकल कोचिंग के लिए उसके माता-पिता ले गए थे । उसे एक पीजी होस्टल में रखा था पर वहां की … Read more

दिल का रिश्ता -रश्मि झा मिश्रा Moral stories in hindi

“नीलिमा नाम है ना तुम्हारा… तुम ही आई थी ना काम के लिए…!” ” हां साब… नीलिमा ही है… मेरी बेटी है… अब अकेले से नहीं होता मुझसे… इसलिए सोचा इसे भी लगा दूं काम पर…!” ” वह तो ठीक है… पर मुझे दिन भर वाली बाई चाहिए…!” मिलिंद बाबू ने पूछते हुए कहा…” यह … Read more

दिन में तारें दिखायी देना -संध्या सिन्हा Moral stories in hindi

अभी खाना डाइनिंग टेबल पर लगाया ही था कि.. डोरबेल  “ डिंग-डाँग..”  मैं देखती हूँ.. कह कर मैंने मेन डोर खोला तो… “ब्लिंकिट” का डिलीवरी बॉय था.. “ जी मेम आपका सामान.. “इधर रख दो “ मैंने सोफ़े के पास रखने को कहा.. “ क्या माँ…  तुम्हारा कितना ऑर्डर आता हैं…कभी bbnew . कभी blinkit, … Read more

आइसक्रीम -अंकित चहल Moral stories in hindi

कल इतवार था। इतवार को हमारे यहाँ साप्ताहिक बाज़ार लगता है। सब्जी से लेकर लगभग सभी घरेलू सामान, बाज़ार में आसानी से मिल जाता है। आसपास के लोग भी इसी बाज़ार में ख़रीदारी करने आते हैं।                     मैं भी हर हफ्ते की भाँति सब्जी, दालें और कुछ सामान लेकर आ रहा था।  आइसक्रीम वाले के पास … Read more

लो जी संभालो-शुभ्रा बैनर्जी Moral stories in hindi

स्वाति जी का छोटा सा परिवार था।छोटे से कस्बे में सबसे बड़ी दुकान थी,उनके पति गोविंद जी की।स्वाति जी अपने बेटे की शादी को लेकर बड़ी चिंतित रहतीं थीं।सिठानी सी सजी-धजी स्वाति जी गजब की खूबसूरत लगतीं थीं अब भी।अब बहू भी उन्हीं की टक्कर की चाहिए थी,जो बीस हो उनसे।गोविंद जी ने कारोबार शुरू … Read more

देवरानी जी , हां मैं गंवार हुं-स्वाति जैन Moral stories in hindi

रीमा की शादी को अभी एक ही महिना हुआ था !! संयुक्त परिवार होने की वजह से घर में किसी ने भी उस पर काम का बोझ नहीं डाला था !! रीमा की जेठानी सीमा घर की सारी जिम्मेदारियां खुशी खुशी निभाती थी !! घर में सास और नंनद भी थे मगर सीमा की वजह … Read more

दिन में तारें दिखायी देना-संध्या सिन्हा Moral stories in hindi

अभी खाना डाइनिंग टेबल पर लगाया ही था कि.. डोरबेल  “ डिंग-डाँग..”  मैं देखती हूँ.. कह कर मैंने मेन डोर खोला तो… “ब्लिंकिट” का डिलीवरी बॉय था.. “ जी मेम आपका सामान.. “इधर रख दो “ मैंने सोफ़े के पास रखने को कहा.. “ क्या माँ…  तुम्हारा कितना ऑर्डर आता हैं…कभी bbnew . कभी blinkit, … Read more

हीरो बनने की चाहत -डाॅ उर्मिला सिन्हा Moral stories in hindi

#प्रदत्त विषय -दिन में तारे दिखना  शीर्षक- हीरो बनने की चाहत 18/4/2024     अच्छे खाते-पीते घर के तीनों लड़कों को आज कल पढ़ाई में कम इधर-उधर की बातों में मन ज्यादा लगता था।  यश, गौरव और भूषण।      दर असल तीनों को मुंबई फिल्मी दुनिया में जाकर हीरो बनने की हार्दिक इच्छा थी। अपने शकल-सूरत पर कुछ … Read more

दिन में तारे देखना -रश्मि झा मिश्रा Moral stories in hindi

सासू मां की तो कभी उनके जीते जी कदर ही नहीं की रम्या ने… ना कभी कोई रीति रिवाज जानना चाहा… ना कोई गांव घर, नाते रिश्ते, ही निभाए… हमेशा यही कहती रही की… “मां हैं ना… वह कर ही रही हैं तो मुझे क्या…!”  पर सासू मां जल्द ही उसका साथ छोड़ कर चल … Read more

दिल के रिश्ते -विभा गुप्ता Moral stories in hindi

 ” नीतू…अब तुम्हें इन लोगों की गुलामी नहीं करनी पड़ेगी।मुझे दिल्ली में नौकरी मिल गई है… हम अगले महीने ही वहाँ शिफ़्ट हो जाएँगे..।” सिद्धार्थ ने धीरे-से अपनी पत्नी से कहा जो तह किये हुए कपड़ों को अलमारी में रख रही थी।सुनकर वह आश्चर्य-से बोली,” सच!…लेकिन फिर अम्मा जी को क्या कहेंगे..।”     ” माँ को … Read more

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