जिया लागे ना – के कामेश्वरी  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : यह बात बिल्कुल ही सही है कि हम सफर के साथ न होने का दर्द कोई नहीं बाँट सकता है । हम सफरचाहे पति हो या पत्नी दोनों को ही एक दूसरे का साथ ज़रूरी होता है । किसी एक के भी न होने परउसके दर्द की कोई सीमा नहीं … Read more

ओ साथी रे तेरे बिना भी क्या जीना – कामिनी केजरीवल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : जीवन साथी दो अलग अलग शब्दो का एक अभिन्न अखंडित शब्द है जीवनसाथी।यह वह शब्द है जो जिंदगी के ऊंचे नीचे , कच्चे –पक्के पथरीले या सहज रास्तो पर एक दूसरे का हाथ पकड़ कर मंजिल तक पहुंचने की कोशिश करता है ।      ऐसे साथी से हमेशा के लिए दूर … Read more

जोरू का गुलाम- लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : रहने दे बेटा मां को छोड़ तू तो जा अपनी बीबी की ही तीमारदारी कर …..राजमोहन जी ने बहुत धीमे से दांत दबाकर कहा था लेकिन फिर भी अंत का शब्द जोरू का गुलाम पलाश के कानों में पड़ ही गया था। पत्नी आनंदी के साथ पलाश का हंसी ठिठोली … Read more

मेरे घर आना ज़िंदगी – डा. पारुल अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

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Moral Stories in Hindi : आज करवाचौथ है,साथ ही साथ गरिमा और अंशुल की शादी की दसवीं सालगिरह है। अंशुल से मिलने के बाद ही उसने जाना था कि कुछ रिश्तें खून के रिश्तों से भी बढ़कर होते हैं। वो चांद के निकलने का इंतज़ार कर रही थी। आज पहली बार था जो अंशुल करवाचौथ … Read more

खडूस पति – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : प्रतिदिन की भांति उस दिन भी अनन्या शाम को झूले में बैठकर समीर के ऑफिस से आने का इंतजार कर रही थी… वो सोच रही थी रोज-रोज बस वही एक ही दिनचर्या , कभी-कभी जिंदगी में एक ही दिनचर्या से ऊब सी गई हूं ।           तभी अनन्या ने सोचा… आज … Read more

रिश्तों पर ऐसा इल्ज़ाम ना लगाओं….- रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “बाबूजी आज तो आपने हद ही कर दिया…आपकी ऐसी हरकतों की वजह से ही कुंती परेशान रहने लगी है…अरे वो तो आपकी बेटी जैसी है और आप…. आपने तो रिश्ते को ही अपमानित कर दिया..भला कोई पिता समान ससुर बहू के साथ… छिः छिः।”“ बेटे किशोर के मुँह से ऐसी … Read more

अधिकार – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : सेठ रामकिशोर जी एवं गायत्री के एक ही बेटा था।एकलौता होने के कारण रामकिशोर जी उसका नाम रखा था चिराग यानि परिवार का चिराग।माँ पिता चिराग को बेहद प्यार करते।एक बार चिराग को बुखार जो हुआ गायत्री तीन दिन तक सोयी ही नही बस चिराग को गोद मे लिये बैठी … Read more

काश! तू उस दिन मेरा दुख समझ जाती- बीना शर्मा : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ” मम्मी जी खाना दो ना” स्कूल से आकर रिचा ने अपनी मम्मी पूनम से खाना मंगा तो पूनम ने सुबह की बनी हुई रोटी रिचा को दी तो रिचा सुबह की ठंडी रोटी देखकर मुंह बनाते हुए बोली “मम्मी! जी मुझे गरम रोटी बना कर दो सुबह की ठंडी … Read more

अनजाना डर – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “माँ तुम अब बदल गई, पहले जैसी नहीं रही…!!”बेटी कली बोली जो भाई की शादी के बाद कुछ दिनों के लिये मायके आई थी…। कनक बेटी की बात सुन सोच में डूब गई, फिर बोली “तुम्हे ऐसा क्यों लगा “…।     “माँ, पहले जो हर गलत बात के लिये भिड़ जाती थी, … Read more

इल्जाम सिर्फ एक पर ही क्यों..? – रोनिता कुंडु  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अरे रामू..! आज तुम यहां..? मां कहां गई..? आशा जी ने अपने घर के सामने सब्जियों का ठेला लगाने वाले रामू से पूछा.. वैसे वहां ठेला रामू की मां मालती ही लगाती है, पर कभी जो मालती कहीं जाती या बीमार होती, तो उसके बदले रामू ठेला लगाता…  उस दिन … Read more

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