मोगरे के फूल – पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

विश्वनाथ जी स्वयं ,खुरपी लेकर गुड़ाई करने के बाद, पानी का पाइप पकड़ कर सभी पौधों में पानी डाल रहे हैँ। भैय्या  आज तो शाम को रिसेप्शन है…. आज तो रहने देते.. किसी और को.. किसी नौकर चाकर को कह देते। बहन दमयंती ने कह तो दिया, मगर ये अच्छी तरह जानती है कि भाभी,दया … Read more

बदलते कल की ओर – पुर्णिमा सोनी: hindi stories with moral

hindi stories with moral :मां  रोटी सेंक रही है.. कैसी सोंधी महक उठ रही है,बैंगन का भर्ता और दाल चावल भी।  सभी भाई बहनों को मां ने गर्मागर्म दाल चावल ,भर्ता , उसमें बहुत सारा घी डालकर परोस दिया। बस कौर उठाया ही था कि बाबूजी के आने की आवाज आई… बाबू जी के खाना … Read more

घर है, कोई होटल नहीं!! – पूर्णिमा सोनी : hindi stories with moral

hindi stories with moral : बस- बस… यहीं रख देते हैं बेड, सुवर्णा ने बेड को जमीन पर टिका दिया। बाकी बड़े फर्नीचर और सामान पहले ही कुछ हेल्पर की मदद से अपने स्थान पर रख दिए हैं। थोड़ा बहुत  खींच, खिसका कर एडजस्ट करना अलग बात है। बेड के लिए इससे उपयुक्त जगह नहीं … Read more

पिया का घर प्यारा लगे!! – पूर्णिमा सोनी: Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : डरी (सहमी) सी ससुराल की देहरी पर खड़ी थी… अपने घर से काफी दूर…. घर था पिया का बस के लंबे सफर के बाद .. यहां पहुंची थी! सबसे सुन रही थीं.. तुम्हारी अम्मा ( सासू मां) जरा स्वभाव की तेज़ हैं एक तो वो ( नादान,कम अनुभवी) लड़की जिसका … Read more

रिश्तों की गर्माहट! – पूर्णिमा सोनी   : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : ‘ किट्टू अभी किचन में काम समेट कर बाहर निकलने  ही वाली थी कि डोर बेल बजी कब से रोहन कह रहे हैं कि चाय पिला दो.. हालांकि वो किट्टू को किचन में काम करते देख कर चुप हो गए.. पता है फुर्सत होते ही चाय बना कर लाएगी.. रजाई … Read more

पूत कपूत तो क्या धन संचै?,पूत सपूत तो क्या धन संचै! –  पूर्णिमा सोनी: Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “विमला काम पूरा हो गया हो तो,चल चाय बना लो, यहीं बाहर लेकर आ जाना ”  सुशीला जी ने आवाज देते हुए विमला से कहा। # बस लाई दीदी”, दरअसल चाय तो उसने आंगन की धुलाई करते समय ही धीमी आंच पर चढ़ा दिया था। ये रोज का ही काम … Read more

प्यार का कोई मोल नहीं – पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : और छन्न से अंगूठी आंगन में गिर चुकी थी। विशाल ने भाग कर आंगन में घूमती हुई अंगूठी को उठा लिया। ये मात्र एक अंगूठी नहीं थी…. उसने कितने प्यार से खरीदा था। अपने दोस्त राहुल के साथ प्रदर्शनी में गया था। राहुल ने अपनी पत्नी के लिए एक सेट … Read more

और अंधेरा मिट गया – पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : प्रिया अपना टिफिन रख लो… देखो तुम्हारी प्रैक्टिस फाइल बाहर ड्राइंग रूम में टेबल पर ही पड़ी है… तुम टीवी देखते – देखते डायग्राम बना रही थी ना… रख लो वरना भूल जाओगी।  नीरज आपने अपना बैग देखा.. देखिए ये फाइलें अभी भी बाहर पड़ी हैं… फिर आप भूल जाएंगे … Read more

पर उपदेश कुशल बहुतेरे- पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : पूर्वी ,चौके में जल्दी जल्दी हाथ चला रही थी… सब्जी, दाल, रायता… सब कुछ तैयार था.. बस अब पतिदेव के आने का इंतजार था… उधर फोन की रिंग लगातार बज रही थी… भागकर उठाया तो रश्मि दीदी का फोन था।  अभी  व्यस्त हो तो थोड़ी देर बाद बात करूं.. रश्मि … Read more

सुगना : पूर्णिमा सोनी  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : सुगना, देखो सबके नाश्ता करने के बाद ये( बचा हुआ) नाश्ता मिट्ठू को बुला कर खिला देना…. कहते हुए बड़ी ताई जी निकल गई अरे और कहां, अपने मोहल्ले की सहेलियों के साथ गप – शप करने   बड़ी ठसक थी ताई जी की घर और मोहल्ले सब जगह और हो … Read more

error: Content is Copyright protected !!