आत्मग्लानि – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : कामिनी जब से शारदा के घर से आई थी आत्मग्लानि से बोझिल हुई जा रही थी,मैं तुम्हारी मदद करूंगी शारदा को हर वक्त ऐसा बोलने वाली कामिनी आज अपने आपको बहुत छोटा महसूस कर रही थी।                       शारदा कामिनी के घर काम करती थी झाड़ू पोंछा बर्तन वगैरह, उसके तीन बेटियां … Read more

जिंदगी में कब कौन सा मोड़ आयेगा –  मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  नीलम और प्रिया देवरानी जेठानी थी ।नीलम के पति यानि प्रिया के जेठ का बिजनेस था और प्रिया के पति नौकरी करते थे।नीलम के पास पैसा था।दो बेटे थे जो पढ़-लिखकर अच्छी नौकरी में थे बड़ा बेटा पूना में नौकरी करता था और छोटा अमेरिका में था ।नीलम को अपने … Read more

बहुत दुखी होना : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : निशा आज अपने बहू के द्वारा दिए गए आघात से उबर नहीं पा रही थी उसका सीना छलनी हो गया था।वह गुमशुम सी हो गई थी अकेली बैठी रहती घंटों किसी से बातचीत करने का मन ही नहीं करता उसका धीरे धीरे वो डिप्रेशन का शिकार हो गई थी जिसकी … Read more

बड़ों का आशीर्वाद : hindi stories with moral

hindi stories with moral : संजीव के तीसरी बेटी की भी शादी आज निपट गई,सारे मेहमान चले गए ।काम से निवृत्त होकर संजीव मम्मी के कमरे में डले पलंग पर थोड़ा आराम करने के लिए लेट गये । सामने टेबल पर मम्मी की मुस्कुराती हुई तस्वीर संजीव उठकर बैठ गए मम्मी के फोटो के सामने … Read more

नालायक बेटा – मंजु ओमर : Moral Stories in Hindi

गोविन्द भइया करीब डेढ़ महीने से बीमार चल रहे थे बहन मालती ने आज भाई से मिलकर हाल-चाल जानना चाहा सो पहुंच गई गोंविदा भाई के पास । मालती जब घर गई तो बाहर चबूतरे में भतीजा राजीव कुछ उदास सा बैठा था , मालती ने पूछा अरे राजीव यहां क्यों बैठे हो तो उसका … Read more

संस्कार हीन बच्चे – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

सविता का पार्थिव शरीर बिस्तर पर पड़ा था । आसपास की बहुत सी महिलाएं उसके पास बैठी थी । अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी। सविता की दो बेटियां थीं जो अभी तक नहीं आ पाई थी उन्हीं का इंतजार हो रहा था।बेटा बाहर खड़ा था और बहू बेशरम सी दूर बैठी थी। सभी … Read more

शर्मिन्दा – मंजू ओमर : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : श्यामा आज जैसे ही सब्जी लेने बाहर निकली उनकी पड़ोसन रमा ने टोक दिया क्या बात है श्यामा भाभी जी आजकल आप बिल्कुल भी दिखाई नहीं देती है पहले तो सदियों में कुर्सी डाल कर बाहर धूप में बैठ जाया करती थी अब तो वो भी नहीं । श्यामा नजरें … Read more

मैं सब कर लूंगी – मंजू ओमर  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : ममता के बेटे की दो महीने बाद शादी थी ममता सोंचने लगी कैसे इतना काम निपटेगा शादी ब्याह में हजारों काम होते हैं और वो अकेली जान कोई करने वाला नहीं । लेकिन ममता एक सुलझी हुई बहुत समझदार और बहुत मेहनती सब काम को बहुत करीने से करने वाली … Read more

पत्नी और बेटी – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : तुम जब देखो मायके ही जाती रहती हो तुम्हारा भी घर है पति है बच्चे हैं मम्मी पापा है उनका ख्याल है कि नहीं तुम्हें नीरज जोर से संध्या से बोला संध्या बोली हां मैं सब जानती हूं सब है मेरे पास लेकिन मैं एक पत्नी  मां और बहू के … Read more

गैरों की ममता – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : मैं अपनी बाइस दिन की बेटी को लेकर इस दो कमरे के मकान में रहने को आई थी । मकान मालिक का भरा पूरा परिवार था चार ,चार बेटे और एक बीस साल की बेटी ।मैं अपने परिवार में मेरे पति और बूढ़ी सास बस इतने ही लोग थे । … Read more

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