शर्मिन्दा – मंजू ओमर : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : श्यामा आज जैसे ही सब्जी लेने बाहर निकली उनकी पड़ोसन रमा ने टोक दिया क्या बात है श्यामा भाभी जी आजकल आप बिल्कुल भी दिखाई नहीं देती है पहले तो सदियों में कुर्सी डाल कर बाहर धूप में बैठ जाया करती थी अब तो वो भी नहीं ।

श्यामा नजरें चुराती हुई उनके सवालों से बचती हुई, अरे समय नहीं मिलता इतना कहकर श्यामा अंदर चली गई रमा बहुत कुछ पूछना चाहती थी श्यामा भाभी से लेकिन श्यामा ने बिल्कुल मौका ही नहीं दिया।

                     अब श्यामा मुंह न छुपाती तो क्या करती बहू ने काम ही ऐसा किया था क्या कहें जाने क्या हो गया है आजकल नई पीढ़ी को श्यामा मन ही मन बड़बड़ाई। दरअसल श्यामा के बेटे की शादी को दस बरस हो गए हैं  दो बच्चे हैं एक आठ साल का और दूसरा अभी सालभर का है ।

श्यामा ने अपने घर के ऊपर के हिस्से के दो कमरे को किराए पर दे रखा है उसमें करीब पैंतीस साल का एक लड़का रहता है वो शादीशुदा हैं एक बच्चा भी है लेकिन फैमिली उसकी गांव में रहती है गांव में माता-पिता है और वो लड़का अपनी नौकरी के चलते यहां रहता है वहीं ऊपर ही उस लड़के के कमरे के बग़ल में एक छोटे से हिस्से में श्यामा की बहू ने अपना पार्लर खोल रखा है ।

श्यामा की बहू प्रिया का बराबर ऊपर आना जाना लगा रहता है और इसी बीच प्रिया की आंखें कब उस लड़के से चार हो गई पता ही न चला घर वालों को । फिर एक दिन वो मनहूस घड़ी भी आ गई कि प्रिया उस लड़के के साथ भाग गई घर में दो बच्चों को छोड़कर। दोनों कहां गए पता नहीं सुनने में आया कि दोनों कहीं अलग कमरा लेकर रह रहे हैं ।

प्रिया को बच्चों का भी ख्याल नहीं आया अब श्यामा पूरा घर और बच्चों को संभालने में व्यस्त हो गई ऊपर से अस्थमा की मरीज भी है ।और सबसे बड़ी बात शर्मिंदगी किसको क्या बताएं कैसे मुंह दिखाए । कहां तक छुपाओगे ये बातें छिपती नहीं है फिर घर में काम करने वालीयां सबसे पहले ये बातें फैला देती है । श्यामा इसलिए घर से बाहर नहीं निकलती थी सबकी नजरों का सामना करने की उसकी हिम्मत न थी ।

                   ये ऐसी बात हो गई थी कि परिवार वालों से न निगलते बन रहा था न उगलते बेटा तो कहने लगा मैं प्रिया को तलाक़ दे दूंगा लेकिन बच्चों का क्या मां बाप कबतक संभालेंगे उनका भी बुढ़ापा है ।छह महीने तक प्रिया उस लड़के के संग लापता रही फिर लड़के के घर पर उसकी बीबी को पता लग गई वो आ गई गांव से किसी तरह पता लगाया और जबरदस्ती गांव ले गई ।

अब प्रिया हड़बड़ा गई अब क्या करें अपने माता-पिता के पास गई तो उन्होंने भी उसको रखने से मना कर दिया ससुराल किस मुंह से जाएं ।प्रिया ने पुलिस कम्पलेन करा दिया कि मेरे को घर से भगा ले गया और मेरे साथ बलात्कार किया ।अब पुलिस उस लड़के को ढूंढती फिर रही है आखिर एक दिन वो पकड़ में आ गया और सलाखों के पीछे डाल दिया ।

प्रिया जेल में उससे मिलने गई लड़के ने मिन्नतें की कि अपना केस वापस ले लो मेरे बूढ़े मां-बाप है भागने में तुम्हारी मर्जी भी शामिल थी लेकिन प्रिया नहीं मानी वो उससे पैसे की मांग करने लगी पांच लाख दे दो तो मैं केस वापस ले लूंगी लड़का गिड़गिड़ाने लगा मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं मैं कहां से दूंगा ।

मेरी मां को कैंसर है मैं तो उनका इलाज भी नहीं करा पा रहा हूं । लेकिन प्रिया नहीं मानी इधर ससुराल वालों ने भी प्रिया को रखने से मना कर दिया । मां के पास गई तो मां ने कहा जा अपने ससुराल माफी मांग इतना अच्छा ससुराल मिला है फिर भी ठीक से रह नहीं पाती ।अब प्रिया परेशान हैं क्या करें हाथ में पैसा नहीं रहने की जगह नहीं है कहां जाएं । उसने ससुराल जाना ही उचित समझा वो जानती थी कि वहां हमारे बच्चे हैं सास ससुर माफ कर ही देंगे ।

जब तीन चार चक्कर  प्रिया ने ससुराल के लगाए तो श्यामा बच्चों को संभालते संभालते परेशान हो गई थी उसने प्रिया से कहा अपना पुलिस केस वापस लो रोज पुलिस का चक्कर घर पर लगता रहे ये हमें पसंद नहीं है ।जब कहीं कोई सहारा नहीं दिखाई दिया तो प्रिया ने सास-ससुर के कहे अनुसार किया और श्यामा की मजबूरी भी थी

क्या करें बच्चों की खातिर जिद को छोड़ दिया और प्रिया को घर में रहने की इजाजत दे दी । लेकिन उस शर्मिंदगी का क्या जो प्रिया की इस हरकत से परिवार में सास ससुर और बेटे को उठानी पड़ी। क्या कह सकते हैं ऐसी लड़कियों के बारे में जो आगे पीछे कुछ नहीं सोंचती ।

मंजू ओमर

झांसी उत्तर प्रदेश

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