ग़लतियाँ इंसानों से ही होती है – करुणा मलिक : Moral stories in hindi

ऐसे कैसे मेरे बेटे को कोई फँसा सकता है….. मैं अभी एडवोकेट सिन्हा को फ़ोन करता हूँ । बहू … तुम परेशान मत होना । रिटायर्ड जज कर्मवीर सिंह जी बौखलाए से बोले । उन्होंने तुरंत अपने शागिर्द रहे आनंद सिन्हा को फ़ोन मिलाया पर फ़ोन नहीं उठाया गया । दो/ तीन बार रिंग करने … Read more

अंदाज अपना-अपना – करुणा मलिक : Moral stories in hindi

आज पूरे छह महीने के बाद घर में एकदम से सन्नाटा सा पसरा था । नीरा को रह रहकर मिनी और अपने पोते ध्रुव की याद आ रही थी । आज सुबह बेटे मोहित , बहु मिनी और नन्हे से ध्रुव के जाने के बाद से ही मन बड़ा उदास था । जब छह महीने … Read more

शीतल छाया – करुणा मलिक : Moral stories in hindi

पम्मी, कुछ दिनों के लिए इंडिया जाना चाहती हूँ । मेरी टिकट बुक करवा दे पुत्तर । मम्मा, अभी तो मुझे छुट्टी नहीं मिल सकती । फिर बच्चों के पेपर आ जाएँगे । अभी कैसे…… मैं अकेले चली जाऊँगी । कुछ दिन आराम से रहना चाहती हूँ । जल्दी-जल्दी में जाना – आना , मन … Read more

मैं किसी के पचड़े में नहीं पड़ती –  करुणा मलिक : Moral stories in hindi

भाभी, प्लीज़ माँ से बात करो ना कुमुद के बारे में ।  तुम तो जानते ही हो माँ का स्वभाव समीर …. एक तो अनाथ  ऊपर से गरीब , …. माँ बिल्कुल भी नहीं मानेंगी ।  भाभी, आपका ही सहारा है…. करो ना कुछ । भैया को तो बताओ….. फिर माँ से भी बात करने … Read more

कपड़े बदलने पड़ेंगे – करुणा मलिक : Moral stories in hindi

रीमा , चलो बाज़ार घूम आते हैं, सब्ज़ी भी ले आएँगे और इस बहाने मन भी बहल जाएगा । हाँ, आप चले जाइए । मैं तो कहती हूँ कि मंडी चले जाओ । ताज़ी और सस्ती सब्ज़ियाँ तो वहीं मिलती हैं ।  तुम चलो , जो चाहिए, ख़रीद लेना….. ना मैं नहीं । मुझे तो … Read more

नई सुबह – करुणा मलिक   : Moral stories in hindi

गायत्री का मन बेचैन हो रहा था । फ़ोन रखने के बाद ग़ुस्से के साथ दुख इतना हुआ कि वे जी भर कर रोईं पर उसके बाद भी रह-रहकर आँखें छलछला उठती थी । उन्होंने अपने मन को समझाने की भरसक कोशिश की लेकिन मन मानने को तैयार ही नहीं था कि  उनका सुशांत अपनी … Read more

असली हीरा – करुणा मलिक : Moral stories in hindi

अम्माजी , आज भइया आएँगे, होली का सामान लेकर । चाय के साथ थोड़ा सूजी का हलवा लूँ क्या?  कल पापाजी भी कह रहे थे कि बहुत दिनों से हलवा नहीं बनाया ? भाई के लिए बनाना है पापाजी का नाम लेकर ? पता भी है, देशी घी का क्या भाव चल रहा है  , … Read more

बड़बोली – करुणा मलिक : Moral stories in hindi

कमरे में चारों ओर बैठी औरतें और ख़ासतौर पर युवतियाँ नीरजा की बातों को सुनकर सम्मोहित हो गई थी । उम्र भले ही ढलान पर थी पर  दिल कभी बूढ़ा नहीं होता । अधेडावस्था को पार करती हुई पार्वती बोल पड़ी—- हाय! जीणा तो सहर की लुगाइयों का , यहाँ तो सारा दिन खाओ ना … Read more

ईश्वर की रचना – करुणा मलिक : Moral stories in hindi

सुना चाची  आपने  ! भोला मर गया आज सुबह । बड़ी बुरी मौत पाई बेचारे ने । कल रात कोई पानी देने वाला भी नहीं था उसके पास । सोहन और उसकी औरत ने बुरा किया । भुगतेंगे, कोल्हू के  बैल की तरह काम किया भोले ने इनका ।जब तक  माँ-बाप और मोहन था तो … Read more

सुबह का भूला… – करुणा मलिक : Moral stories in hindi

साक्षी बेटा , कल गाँव तुम्हारे बाबूजी के पास गई थी । भइया  तो सचमुच भाभी के जाने के बाद एकदम से बहुत कमज़ोर और बूढ़े दिखने लगे हैं ।  हाँ बुआ जी , शरद हमेशा ही वीडियो कॉल पर बातें करते हैं पर क्या करें ? अम्मा की तेरहवीं के बाद हमने बाबूजी को … Read more

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