अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 31) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi
“माॅं, मामा जी के आगमन की बेला हो रही है और आप अभी तक सोई हैं।” सूरज की किरणों से प्रतिस्पर्धा लगाती विनया किरणों को मात देकर बालकनी में उसके स्वागत के लिए काफी देर से खड़ी थी, तभी उसे अहसास हुआ कि अंजना जो अब तक किचन में माना जी के नाश्ते को लेकर … Read more