बहू तुम मेरी बेटी की तरह हो – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : सुशीला जी सुबह उठती है और अपनी भाभी को रसोई में काम करते हुए देखकर भड़क जाती है,” ये क्या हेमा ! बहू के होते हुए तू रसोई में चाय बना रही है, अब तो बहू आ गई है, उसे उठा, हम तो ससुराल में चार बजे उठ जाते थे, … Read more

तुमने तो मेरा गला ही पकड़ लिया – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “राहुल बेटा ये तुम किसको घर ले आये हो, मैंने पहले ही कहा था कि मेरे कमरे में ऐसे वैसे लोग नहीं आने चाहिए, तुम अपनी ये यारी दोस्ती बाहर की बाहर ही निभाया करो, मेरे घर में दो बेटियां हैं तो मै इस तरह के लोग घर में आने … Read more

अपनी पहचान (भाग 2 ) – अर्चना खंडेलवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : “ओहहह!! दादी फिर से वो ही बात, ये पेंटिंग ही तो मेरी पहचान है, मुझे कितने पुरस्कार, मेडल और ट्राफियां मिली है, अगर खाना बनाने में समय बर्बाद करती तो ये सब नहीं कर पाती।” तभी नेहा जी डांटती है, “मिताली अपनी दादी से ऐसे बात करते हैं, इनसे माफी … Read more

अपनी पहचान (भाग 1) – अर्चना खंडेलवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : मिताली ये क्या कर रही हो? पूरा कमरा बिखरा है, इधर-उधर कलर फैला हुआ है, किसी का ढक्कन खुला है तो किसी पेंसिल कलर का छिलका उड़ रहा है, कहीं  पर ब्रश पड़ा  है, देख चादर पर भी रंगों के दाग लग गए हैं, कमरे की हालत ही खराब कर … Read more

मुझे हिन्दी बोलने पर गर्व महसूस होता है।- अर्चना खंडेलवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : “अरे! वाह सलोनी भाभी आ गई, आइये भाभी आपका ही इंतजार हो रहा था, आप जल्दी से रसोई में जाइये और हम सबके लिए चाय बना दीजिए।” सलोनी अपनी ननद मीनू की सहेलियों को देखकर बड़ी खुश हो गई, और प्यार से बोली,” दीदी आप सबको मेरा प्रणाम! “सदा सुहागन … Read more

 मैंने अपना फर्ज निभाया है – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : देर रात फोन की घंटी बजती है, रमेश बाबू घबराये से उठकर देखते हैं, आखिर रात के सन्नाटे में घंटी की आवाज डरा देती है, किसी अनहोनी की आशंका से उनकी नींद झट से खुली, जल्दबाजी में चश्मा लगाकर देखा तो फोन उनके दुकान के पास ही पहरा देने वाले … Read more

हमारे खानदान में बहू को इंसान समझा जाता है। – अर्चना खंडेलवाल : short moral stories in hindi

“तुम तो रहने ही दो, तुम्हारे खानदान में तुमने ये सब नहीं देखा होगा, तुम्हारे खानदान वालों को तो पता भी नहीं है कि बेटियों को कैसे विदा करते हैं?” ये सुनते ही साक्षी की आंखें गीली हो गई, आज उसकी ननद वापस ससुराल जाने वाली थी तो उसकी सास कल्पना जी अपनी बेटी को … Read more

मै बच्चों को माफ नहीं कर सकती – अर्चना खंडेलवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : राघव मेरा नया चश्मा बनवा दें, मुझे आजकल इसमें से कुछ भी साफ नहीं दिखता है, मै भगवान की पूजा -पाठ भी नहीं कर पाती हूं, ललिता जी ने अपने बड़े बेटे को कहा जो लगभग घर से निकलने को तैयार हो रहा था।ओहहह, मां आपको कितनी बार कहा है … Read more

तू अच्छी सास बनकर दिखा। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

अरे! क्या हुआ? बहू पर इतना गरम क्यों हो रही है? जब देखो तेरा तो दिमाग ही चढ़ा रहता है, अपने स्वभाव में नरमाई ला, पर तू तो मेरी कभी सुनती ही नहीं है, सास बन गई पर बहू को ढ़ंग से रखने की तुझमें अभी तक भी अक्ल नहीं आई, प्यार और दुलार से … Read more

हिम्मत – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई? मेरी बेटी की इस ड्रेस को छूने की, अपने गंदे हाथों से तुमने इसे भी मैला कर दिया, उसे आज ही सगाई की पार्टी में पहनकर जानी है, इससे दूर हटो।” शालू ने गुस्से से अपनी काम वाली सविता को डांट दिया। “नहीं मैमसाब, मै तो … Read more

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