बहू ने कोई दर्द नहीं झेला है! – प्रियंका सक्सेना

बहू ने कोई दर्द नहीं झेला है! – प्रियंका सक्सेना “मम्मी जी, पापा जी को तकलीफ़ हो रही होगी, अब मैं थोड़ा बहुत सम्भाल लूंगी आप पापा जी के पास हो आइए।” आस्था ने अपनी सास कल्याणी देवी से कहा “आस्था बहू! अभी तो  दो महीने ही हुए हैं। तुम सच में सबकुछ सम्भाल पाओगी। … Read more

बुढ़ापे के दर्द की दवा – पूजा मनोज अग्रवाल

अरे मम्मा क्यूं बर्तन धो रही हो,,,कितनी सर्दी पड़ रही है ,,,फिर से बीमार हो जाओगी तुम,,, । नही बेटा,,,,तुम्हें तो पता है ना में तो पुराने जमाने की हूं और मेरे हिसाब से रसोई में रात को झूठे बर्तन छोड़ना अच्छी बात नहीं है,,, कहकर मालती जी हंसने लगी । ” आपको कितना भी … Read more

कुछ बुजुर्ग भी गलत होते है – संगीता अग्रवाल

” रीमा ओ रीमा बहु मेरी चाय नही आई अब तक !” किशोरीलाल जी अपने कमरे से चिल्लाए। ” अभी लाई बाबूजी दो मिनट बस !” रीमा ने रसोई से ही आवाज दी। ” तुम करती क्या हो पता नही जो एक चाय भी समय से नही दे सकती हो …तुम्हारी सास थी तो मुझे … Read more

क्या औरत आज भी आज़ाद है – संगीता अग्रवाल

” नमस्ते भाभी कैसी है आप ?” बाजार में अचानक एक परिचित आवाज सुन मैं रुक गई मुड़ कर देखा तो अपने पुराने मोहल्ले में रहने वाली रति थी। ” अरे रति तू कैसी है तू और ये क्या तूने शादी कर ली !” मैंने आश्चर्य से उसकी मांग में भरे सिंदूर को देख कर … Read more

अब और नहीं – निभा राजीव “निर्वी”

नवविवाहिता कनक अपने पति सुबीर के साथ ससुराल की देहरी पर गृह प्रवेश के लिए खड़ी थी। चावल से भरे हुए कलश को पाँव से गिरा उसने अंदर प्रवेश किया। उसकी सासु मां रमा देवी पूरे विधि विधान के साथ उसे अंदर ले गईं। विधि-विधानों के दौरान उनके द्वारा दिए जा रहे निर्देशों के ढंग … Read more

धरा जैसी बेटी – प्रियंका त्रिपाठी ‘पांडेय’

धरा और मेघा दोनो का ग्रेजुएशन का प्रथम वर्ष था , दोनो ही होनहार छात्रा थी परन्तु दोनो के आचार विचार मे जमीन आसमान का अन्तर था। धरा सभ्य सुशील सुलझी आधुनिक सोच की मर्यादा और संस्कारों मे बॅ॑धकर रहने वाली लड़की थी । धरा के पहनावे मे भी स्मार्टनेस के साथ साथ शालीनता थी,वह … Read more

नई संस्कृति- डेटिंग – कमलेश राणा

क्या बात है विनीत ,,ओये होये कहाँ जा रहा है ऐसे सज संवर के,, परफ्यूम भी बड़ा ही महक रहा है। अरे कहीं नहीं आंटी एक दोस्त से मिलने जा रहा हूँ , मुस्कुराते हुए विनीत बोला। हमें तो भई यह स्पेशल सजधज देखकर कुछ अलग सी फीलिंग आ रही है। आंटी आप तो अब … Read more

नाम लेने से इज्ज़त नहीं घटती…!  – मीनू झा

क्या बताऊं विमला..तू तो मेरा स्वभाव जानती है ना मैं शुरू से बहुत मीन मेख निकालने वाली नहीं रही हूं…जो खाना है खाओ जो पहनना हो पहनो जैसे रहना हो रहो जहां जाना आना है जाओ आओ…तुम तो देखती हो ना…बड़ी बहू के समय से ही हां सविता भाभी…बड़ी किस्मत वाली है तुम्हारी बहुएं सच … Read more

टमाटर के 10 फायदे – Tomato Benefits and Side Effects in Hindi

मुझे कुछ आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों की जानकारी अपने बाबू जी से विरासत में मिली है। वे आयुर्वेद विशारद की उपाधि से विभूषित थे।।  उनके ही मदद से मैंने कुछ रोगों में अनुभव सिद्ध प्रयोग किए और आशातीत सफलता मिली,, वैसे तो हम सब इसके फायदे के बारे में बखूबी जानते हैं,,पर फिर भी चलिए एक … Read more

शहर की लड़की – संगीता अग्रवाल

“क्या बात है रोशन की मां क्या सोच रही है यूं अकेले बैठे?” हरिहरन ने अपनी पत्नी रमिया से पूछा। ” रोशन के बापू आप तो हमारा बेटा पढ़ लिखकर अफसर बन गया है अब जल्द ही उसका ब्याह करना पड़ेगा !” रमिया बोली। ” हां ये तो तू ठीक कहे है पर छोरा अब … Read more

error: Content is Copyright protected !!