परिवर्तन – डॉक्टर संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

तालियों की गड़गड़ाहट के बीच,शारदा देवी को मंच पर बुलाया गया और उन्हें बेस्ट समाज सेविका की पदवी से सुशोभित किया गया। पिछतर वर्ष की आयु में भी वो कितने सुचारू रूप से समाज कल्याण में व्यस्त थीं,गरीब लड़कियों की सामूहिक शादी कराना,छोटे बच्चों को निशुल्क शिक्षा दिलाना उनके प्रमुख काम थे। ओ कार्यक्रम के … Read more

सुकून – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

हाँ शांति….. मैं बोल रहा हूँ जयभगवान , घर में सब ठीक है ना? बापूजी कैसे हैं …..  हाँ जी…. सब ठीक है यहाँ…. आप कैसे हैं ? अब तो बस एक महीने की बात रह गई ……कब से इंतज़ार कर रहे हैं हम सब ….आख़िर रिटायरमेंट के दिन आ ही गए । बापू जी … Read more

लेखिका – दिक्षा बागदरे : Moral Stories in Hindi

#गुरुर  लेखिका आज अनिका के पांव जमीन पर नहीं पड़ रहे हैं। वह सोच रही है कि वह कहां थी और कहां पहुंच गई है।  उसने कभी नहीं सोचा था कि उसका लेखन उसे इस मुकाम पर ले जाएगा। अनिका को कहानी पढ़ने का बहुत शौक रहा है। वह बचपन से ही नंदन, देवपुत्र आदि … Read more

जिठानी का गुरूर – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

लो ऐ साड़ी तुम रख लो शालू, तुम्हारे ऊपर बहुत अच्छी लगेगी पूरे सात हजार की है ।तुम तो इतनी महंगी साड़ी खरीद नहीं पाओगी कभी शालू की जेठानी ने शालू से कहा । शालू बार बार मना कर रही थी नहीं भाभी मैं नहीं लूंगी ये साडी ।अरे सिर्फ दो ही बार पहनी है … Read more

गुरुर – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

ऑफिस में नये साल पर मॉल में खुले नये रेस्टोरेंट में लंच होना तय किया गया,सुबह सबको मुबारकवाद देने में गुजरा, दोपहर में लंच के लिये सहकर्मी वर्मा जी के साथ सुधाकर जी मॉल पहुँचे, सीढ़ियों पर बैठे एक स्कूली लड़के और लड़की को देख, वर्मा जी बोले, “क्या जमाना आ गया, स्कूल बंक कर … Read more

अपना अपना – अंजना ठाकुर : Moral Stories in Hindi

गुरुर  आज इस्त्री के लिए नीरा कपड़े देने आई तो पहले तो इस्त्री वाले पर चिल्लाई की तुम्हारा बेटा कपड़े लेने क्यों नहीं आ रहा ।और एक घंटे मै करके पहुंचा देना । इस्त्री वाला बोला मैडम अभी मेरे बेटे की परीक्षा चल रही है तो कुछ दिन आप लोगों को ही आना पड़ेगा लेने … Read more

गुरुर – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

भैया आप माँ को कुछ दिनों के लिए अपने घर में रख सकते हैं क्या ? पल्लवी ने फोन पर राजीव से कहा । राजीव ने कहा कि क्या बात है बिटटो माँ को कुछ हुआ है क्या या फिर तुम्हारे पति ने कुछ कहा है ? नहीं भाई ऐसी कोई बात नहीं है । … Read more

गुरुर – डाॅक्टर संजु झा। : Moral Stories in Hindi

आजकल के समय में केवल बेटे ही नहीं बेटियाँ भी माता-पिता की गरुर होती हैं।राम प्रसाद जी की तीन बेटियाँ थीं।तीन बेटियों के बाद उन्होंने बेटे की आस छोड़ दी।हाँ! उनकी पत्नी सीमा जी के मन में जरुर बेटे की तड़प बनी हुई थी।गाहे-बगाहे अपने मन की इच्छा पति से व्यक्त करते हुए कहतीं -” … Read more

गुरुर – मनीषा सिंह : Moral Stories in Hindi

शालिनी जी एक सिंगल मदर थी तथा केंद्रीय विद्यालय में हिंदी की शिक्षिका के रूप में कार्यरत थीं।  दो बेटियां अवंतिका और अनुराधा उनकी जिंदगी का सबसे अहम हिस्सा थीं । अब चुकी सिंगल मदर थीं तो घर की सारी जिम्मेदारियां उनको निभानी थी।  शालिनी जी  बेटियों की शिक्षा में कोई कसर नहीं रहने देना … Read more

जीवन का सवेरा (भाग -13 ) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

“सॉरी रोहित.. मैं भी तो खुद से भागने के चक्कर में खुद को खत्म करना चाहती थी। ऐसे तो कभी किसी समस्या का समाधान ना निकले। सामने से समस्या को फेस नहीं करना, ये तो खुद की समस्या को बढ़ाना ही है। अब तो सबको बताती हूँ खुद से भागने से बेहतर है खुद को … Read more

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