** बिरादरी की जूठन ( भाग 2)  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :    दिलीप के माता-पिता उसे कुछ कहना छोड़ दिये थे क्योंकि वह उन्हें भी अपमानित करने से नहीं चूकता। आये दिन घर में अशांति का माहौल बना रहता था। पूनम इस माहौल को स्वीकार नहीं कर पा रही थी। इस घर में कोई उसकी तकलीफ समझने वाला नहीं था। दिलीप … Read more

** बिरादरी की जूठन ( भाग 1)  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : पंच आपस में विचार- विमर्श करने के उपरांत दिलीप को बीच का मार्ग समझा रहे थे। लेकिन दिलीप अपनी जिद पर अड़ा था कि वह अपनी पत्नी पूनम के साथ  किसी प्रकार का सम्बन्ध न रखते हुए उसे अपने घर में नहीं रखेगा।    पूनम पंचों, ग्रामीणों के साथ ही … Read more

मां की पाती (भाग 2)- डॉ.पारुल अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : रीति इसका गुस्सा भी उन पर निकालती थी। जब रीति मां बनने वाली थी और अपने प्रसव के लिए मायके आई हुई थी। तब भी मां का उसके बेटी होने के बाद का जो चालीस दिन का समय होता है उसके खान पान के लिए वो चाची और बुआ से … Read more

मां की पाती (भाग 1)- डॉ.पारुल अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  रीति के पास पापा का फोन आया कि मां तीन दिन से हॉस्पिटल में भर्ती है और उनकी हालत ठीक नहीं है। रीति की पांच दिन से मां से कोई बात भी नहीं हुई थी। उनकी गंभीर हालत का सुनकर वो अपनी दो साल की बेटी को सास के पास … Read more

पश्चाताप या आत्मग्लानि : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : टीशा जैसे ही कॉलेज से आई, उसने देखा ड्राइंग रूम में कुछ गेस्ट बैठे हुए है। वह नमस्ते करके अंदर घर में दाखिल हुई और सबसे प्रश्न सूचक निगाहों से पूछने का प्रयास करती है कि कौन लोग हैं? उसकी चाची मंद-मंद मुस्कुरा कर कहती है, “बेटा अब कॉलेज-वालेज छोड़ो … Read more

मुझे बहुत आत्मग्लानि महसूस होती है – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

 “दीदी, मुझे दो महीने काम के पहले पैसे दे दो, मुझे बेटी के स्कूल की फीस भरनी है, मै बाकी के  महीने आराम से पगार ले लूंगी।”  मेरी कामवाली ने कहा तो मैं  सोचने लगी अभी तो नई-नई आई है, दस दिन भी नहीं हुए हैं और पूरे दो महीने की पगार पहले से मांगने … Read more

अन्त:करण की पीड़ा – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ‘साहब आपने जो काम दिया था, वह मैंने पूरा कर दिया।’ रामलाल ने आकर चेतन कुमार से कहा।’तो वे उठकर बैठ गए।आज रविवार था और कोर्ट की छुट्टी थी, अत: वे उठने के बाद फिर आराम कुर्सी पर कुछ आराम करने के लिए लेट गए थे। उन्होंने उत्सुकता से रामलाल … Read more

आत्मग्लानि (भाग 3) – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : एक दिन कावेरी जी फोन पर स्वरा से बोली कि कैसे वह घर के सारे काम काज संभाल लेती हैं और बहु नेहा नौकरी पर जाती हैं !! नेहा मुझसे बहुत प्यार करती हैं बेटा और कहती हैं सासु मां आप इस उम्र में भी कितनी एक्टिव हैं और इतना … Read more

आत्मग्लानि (भाग 2) – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : स्वरा की सासू मां गायत्री जी बोली कि उन्हें स्वरा के नौकरी करने से कोई आपत्ति नहीं बस फिर क्या था स्वरा और राहुल का रिश्ता तय हो गया , शादी के बाद पंद्रह दिन तो घूमने फिरने और रिश्तेदारों के यहां आने जाने में निकल गए इसलिए स्वरा के … Read more

आत्मग्लानि (भाग 1) – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : पापा नितिन के घरवाले नहीं चाहते कि मैं शादी के बाद नौकरी करूं और अगर नौकरी करूं भी तो घर के सारे काम मुझे ही करने होंगे ऐसा नितिन का कहना हैं इसलिए मैं नितिन से शादी नहीं करना चाहती स्वरा अपने पापा गिरधारी जी से बोली !! गिरधारी जी … Read more

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