अभिमान ही मेरा गहना है – के कामेश्वरी

सरस्वती भगवान के पास हाथ जोड़कर विनती कर रही है कि हे भगवान मुझे अपने पास बुलाना भूल गए हो क्या ? और कितने दिन मुझे यह सब सहना पड़ेगा । मैंने ऐसी कौनसी ग़लतियाँ की हैं जिसकी सज़ा मुझे मिल रही है । सरस्वती है कौन उसके साथ ऐसा क्या हो रहा है जिससे … Read more

तोहफा – डा. मधु आंधीवाल

 रमेश जी बहुत दिनों से देख रहे थे रोनित की भाग दौड़ को । मंजुला ने बहुत जल्दी रमेश जी का साथ छोड़ दिया । रोनित की जिम्मेदारी सौंप कर । रमेश जी बहुत धनाढ्य परिवार के थे । पिता का बहुत बड़ा व्यापार । रमेश जी चार भाई थे तीन भाई छोटे थे । … Read more

समय बड़ा बलवान – मोना शुक्ला

मिश्रा जी ..आपको लड़की की शादी कर देनी चाहिए  आए दिन मोहल्ले में उसके बारे में बातें होती  रहती है  लोग बाग कहते हैं, कि मिश्रा जी की लड़की का चाल चलन ठीक नहींl  हम सुनते हैं हमें अच्छा नहीं लगता इसीलिए आपसे कह रहे हैं वैसे भी वह 18 की तो हो ही गई … Read more

दिखावे का व्यवहार – पुष्पा जोशी

  विधि जब से उस विवाह समारोह से लोटकर आई है, तभी से उसका मन बहुत विचलित है। उसके कानों में रह रह कर वो बातें गूंज रही है जो उसके करीब बैठी महिलाऐं आपस में कर रही थी, विधि उन्हें पहचानती नहीं थी और न शायद उन महिलाओं को यह ज्ञान था, कि वे किसके … Read more

दिखावा – मधु वशिष्ठ

जब दोनों ड्राइंग रूम में घुसे  तो उन्होंने शानदार करीने से सजा हुआ सोफा, बड़ा सा म्यूजिक सिस्टम वगैरह-वगैरह इत्यादि रखे हुए देखे। उस सरकारी मकान को भी उन लोगों ने बड़ी शिद्दत से सजाया गया था। पूरी रसोई भी आधुनिक साज सामानों से घिरी हुई थी। रीना खुशी खुशी नीता और राघव को अपना … Read more

कहानी बहु की कहानी – मनीषा देबनाथ

हां हम लेखक है, हम रोज कहानियां ढेर सारी लिखते है हर रोज नई रचनाएं बनाते है। उन रचनाओं में हम कितने किरदारों को नाम देते है। कितनी बार किसी को मौत देते है तो कितनी बार हम अपनी कहानियों में किसी को चमत्कारिक जीवन दान देते है। हमारी कहानी के किरदार और घटनाए हमारे … Read more

चकाचौंध – स्नेह ज्योति

रिम झिम बरसात हो रही थी , तभी फोन की घंटी बजी और प्रतीक की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा । इतना ठुकराए जाने के बाद तो उसने आस ही छोड़ दी थी ,पर कहते है ना कि भगवान के घर देर हैं, अंधेर नहीं ।चाहे उसका रंग काला है , पर आज वो खुश … Read more

फर्क – गुरविंदर टूटेजा 

शालिनी सुबह से तैयारियों में लगी हुई थी उसने घर की हालत ही बदल दी थी  कमरों में नई चद्दरें , नये टॉवल व नैपकिन और क्रॉकरी भी सारी अंदर से नई वाली निकाली थी…वो तो हाल में भी ए.सी. लगाने की जिद्द कर रही थी अजय ने मना कर दिया कि अभी नहीं लगा … Read more

 पुरषोचित अहम – शिप्पी नारंग

रेस्त्रां में घुसते ही सौम्या ने नजरें इधर उधर दौड़ाई और उसकी नजर एक टेबल पर जाकर स्थिर हो गई और वह उस टेबल की तरफ बढ़ी जहां बैठे रंजीत ने उसे देख लिया और खड़ा हो गया । दोनों ने एक मुस्कुराहट के साथ एक दूसरे का स्वागत किया और बैठ गए । औपचारिक … Read more

खुशी का दिखावा – प्रीती वर्मा

ब्याह के बाद पहली बार मानसी अपने मायके के किसी कार्यक्रम में शामिल होने आई थी।साथ में उसकी सास भी आई थीं।खूब अवभागत हुई उनकी, आखिर वो बेटी की सास जो थी।उनकी आवभगत में कोई कमी कैसे रहती भला? मौका था मानसी के चचेरे भाई की सगाई का।उसके पहुंचते ही घर गुलजार हो गया।सभी भाई … Read more

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