किसी से ना कहिएगा – लतिका श्रीवास्तव: hindi stories with moral

hindi stories with moral : रमेश जी आप ही बताइए मैने ऐसा क्या  कहा जो मोहन जी मुझ पर बिगड़ने लग गए कल मैंने उनके बारे में सोसाइटी की मीटिंग में कोई बुराई नही की थी फिर भी वह ऐसा क्यों सोच रहे हैं !! हां हां मैं भी यही सोच रहा था राधेश्याम जी … Read more

विधवा नहीं सधवा – प्रीति सक्सेना

मैं सुधा!! एक नई नवेली दुल्हन  !! पर मैं न तो शरमा रही हूं न ही लाज से मेरी आंखें बोझिल हो रही हैं, मैं सोच में डूबी हूं…. क्यों डूबी हूं ? क्या वजह है मेरे सोचने की? उसके लिए मुझे दो वर्ष पीछे की स्मृतियों में जाना पड़ेगा और अपने अतीत को बाहर … Read more

घर अब घर लगता है – संगीता अग्रवाल : hindi stories with moral

hindi stories with moral : ” क्या बात है नीलेश इतना उदास क्यो लग रहा है ?” अतुल जो नीलेश का सहकर्मी और दोस्त दोनो था उसकी सीट पर आ पूछने लगा। ” क्या बताऊं यार परेशान हो गया हूँ मैं अपनी जिंदगी से !” नीलेश दुखी स्वर मे बोला। ” अरे मेरे भाई अभी … Read more

नेम प्लेट – गीता वाधवानी : hindi stories with moral

hindi stories with moral : आज रमा के पर जमीन पर नहीं पड़ रहे थे। मानो वह उड़ती उड़ती सी फिर रही थी। बार-बार घर के बाहर जाकर  दरवाजे के पास वाली दीवार पर लगी हुई नेम प्लेट को अपने पल्लू से पोंछती और उसे देखकर खुश होती फिर मुस्कुराती और अंदर चली जाती। पिछले … Read more

कैसा ये इश्क है ( भाग – 5) – संगीता अग्रवाल : hindi stories with moral

hindi stories with moral : इधर मीनाक्षी की आँखों मे नींद नही थी आज के घटनाक्रम से वो सहमी सी हुई थी । अपनी तरफ से इतने दिनों मे मीनाक्षी ने पूरी कोशिश की के केशव और उसके बीच मे उसके पिता का पैसा ना आये पर आज लगता है उस पैसे ने उनके रिश्ते … Read more

कैसा ये इश्क है ( भाग – 4) – संगीता अग्रवाल : hindi stories with moral

hindi stories with moral : ” देखिये कैलाश जी हम बच्चो के जन्मदाता है भाग्यविधाता नही हमने अपने बच्चो को लायक़ बना दिया । अब उन दोनो ने एक दूसरे को पसंद किया है तो कुछ सोच समझकर ही ना । रही अमीरी की बात मेरे बच्चो को उसकी लत नही है वो आज भी … Read more

कैसा ये इश्क है ( भाग – 3) – संगीता अग्रवाल : hindi stories with moral

hindi stories with moral : कुछ दिनों की कोशिश के बाद मीनाक्षी ने केशव की नौकरी अपने ऑफिस मे लगवा दी। केशव शुरु मे ये नौकरी करना नही चाहता था क्योकि उसे ऐसा लगता था एक ऑफिस मे नौकरी होने से कही दोनो मे दूरियां ना आ जाये या कही किसी मोड़ पर दोनो का … Read more

कैसा ये इश्क है ( भाग – 2) – संगीता अग्रवाल : hindi stories with moral

hindi stories with moral : अब प्यार का इजहार तो हो गया पर कॉलेज का आखिरी दिन था तो रोज मिलना तो संभव था नही तो अब एक ही जरिया था जिससे उन दोनो का प्यार परवान चढ़ सकता था वो था फोन …तो फोन पर लम्बी लम्बी बाते होने लगी …। दोनो ने भविष्य … Read more

कैसा ये इश्क है ( भाग -1) – संगीता अग्रवाल : hindi stories with moral

hindi stories with moral : “ये अदालत एक घंटे तक के लिए मुल्तवी की जाती है ।” जज के इतना बोलते ही शांत अदालत मे चहल पहल शुरु हो गई। दोपहर के डेढ़ बजे थे लंच ब्रेक था। जज अपनी कुर्सी छोड़ जा चुके थे। कुछ लोग बाहर आ चाय पी रहे थे कुछ आस … Read more

आंखे चार  : hindi stories with moral

hindi stories with moral : रजनी बड़ी तेजी से सीढ़ियों पर चढी जा रही थी | सोच रही थी,आज आफिस में उसका पहला दिन था और कहीं आज ही देर न हो जाये |लिफ्ट उपर गया हुआ था और आफिस पहली मंजिल पर ही है, यह सोचकर रजनी फटाफट उपर आ गई |आफिस में वह … Read more

error: Content is Copyright protected !!