किसी से ना कहिएगा – लतिका श्रीवास्तव: hindi stories with moral

hindi stories with moral : रमेश जी आप ही बताइए मैने ऐसा क्या  कहा जो मोहन जी मुझ पर बिगड़ने लग गए कल मैंने उनके बारे में सोसाइटी की मीटिंग में कोई बुराई नही की थी फिर भी वह ऐसा क्यों सोच रहे हैं !!

हां हां मैं भी यही सोच रहा था राधेश्याम जी कि ये मोहन जी को हो क्या गया है भला इस टोन में कोई बात करता है वो भी आपसे राम राम वो तो आप हैं जो कि सब सह गए अरे भैया जी किसी से ना कहिएगा …ये उनकी जलन  है सोसाइटी के अध्यक्ष का उनका पद आपने जो छीन लिया है…. अब आप उनकी हवा पानी बंद कर दीजियेगा ….ही ही ही कर उठे थे रमेश जी।

सही कह रहे हैं मेरे मित्र हैं मुझसे बड़े भी है …मैं कुछ ज्यादा ही सम्मान और संकोच में पड़ जाता हूं इसी का फायदा मोहन जी उठा लेते हैं राधेश्याम जी का गुस्सा रमेश की बातो से बढ़ गया था।

हां सोलह आने सही कहा आपने श्याम जी…. आप किसी से ना कहिएगा ..पूरा मोहल्ला यही कहता है ..कहां आप कहा वह मोहन बाबू..!!आग में और घी डालते हुए रमेश ने कहा और श्याम जी को भड़का कर  चले गए।

चरण प्रणाम आपको मोहन जी…मोहन जी को कॉलोनी के टी स्टाल पर चाय पीते देख रमेश जी ने पुकार लगाई।

आइए आइए रमेश जी चाय पी लीजिए मोहन जी ने रमेश की तरफ चाय का गिलास बढ़ाया।

राम राम मोहन बाबू आप कितने विशाल हृदय के हैं चाय भी पिलाते रहते हैं मुझे और वो श्याम जी आपके मित्र कहलाते हैं और आपकी ही बुराई करते रहें हैं लपक कर रमेश ने गिलास पकड़ लिया।

श्याम क्यों मेरी बुराई करने लगा रमेश जी आप लगाई बुझाई की आदत छोड़ दीजिए जूते ना पड जाए किसी दिन आपको मोहन जी ने जोर से हंसते हुए कहा

राम राम मोहन जी मैं क्या नारद मुनि हूं जो आग लगाता फिरू  फिर आप दोनो की दोस्ती तो पूरा मोहल्ला जानता है लेकिन इस बार श्याम जी को अध्यक्षीय कुछ ज्यादा ही चढ़ गई है आपके लिए बुरा नही बोलना था उन्हे वो भी मुझसे… रमेश जी की बेलगाम आदत कहां छूटने वाली थी।

अच्छा तो बता ही दीजिए क्या कह रहा था श्याम मेरे बारे में मोहन जी ने मजा लिया।

आप किसी से ना कहिएगा  ..श्याम जी कह रहे थे अब मोहन आया है पहाड़ के नीचे बहुत अध्यक्ष का रौब झाड़ता था अब उसकी धूल ना उड़ा दूं तो मैं भी अध्यक्ष नहीं..!!बताइए

जबरदस्ती रोक रोक कर आपकी बुराई किए जा रहे थे हम तो भैया बुरे फंस गए थे बड़ी मुश्किल से जान छुड़ा कर भागे… कितने सीधे और सच्चे इंसान हैं आप पूरा मोहल्ला कहता है… कहां आप और कहां वो राधेश्याम बाबू..तेजी से चाय का गिलास सुड़कते हुए रमेश कह ही रहे थे कि जोरों की हंसी सुनकर निगाह उठाई तो श्याम जी को अचानक सामने देख फक्क हो गए .. जब तक ही ही करके बात संभालते

राम राम रमेश बाबू आप भी किसी से कहिएगा नहीं…सुनिए तो  पूरा मोहल्ला यह भी कहता है कि यह रमेश हमेशा #जूते पड़ने वाली बातें ही करता है  … राधेश्याम जी की बात सुन और मोहन जी के साथ आते देख रमेश जी सिर पर पैर रख कर भाग निकले….!!

लतिका श्रीवास्तव

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