एक दिन ये समय भी गुजर जाता है – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

रिया एक सीधी -सादी सी गृहणी थी, पति और दोनों बच्चों में उसकी दुनिया थी। ख्वाब भी छोटे थे तो कोई कसक भी नहीं थी, जो था उतने में ही खुश रहती थी .। कहते है ना सुख एक जगह ठहरता नहीं, अच्छी भली रिया की गृहस्थी में अचानक एक तूफ़ाँ आ गया, जब पता … Read more

ये मेरी बहन है, नौकरानी नहीं. – सविता गोयल : Moral Stories in Hindi

” बेटा, बाथरूम में बहुत से कपड़े पड़े हैं। आज धुल जाते तो कल तक सूख जाएंगे। ,, रमा जी ने मनुहार करते हुए अपनी बेटी प्राची से कहा। ” मां मैं तो बहुत थक गई हूं। आज मुझसे कपड़ों की मशीन नहीं लगने वाली…. ,कल देखूंगी। ,, कहते हुए प्राची कमरे की ओर चल … Read more

एहसास – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

अस्पताल के एक अच्छे से कमरे में सामने शून्य की ओर निहारती श्रुति आसपास कौन है इन सब से बेख़बर बस बिना पलके झपकाए उस शख़्स को देखे जा रही थी पर चेहरे पर कोई भी भाव नहीं था कोई देख ले तो यही कहेगा वो मर चुकी हैं पर आँखें खुली हुई है। सामने … Read more

मार्डन से तो अनपढ़ भले – ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

आज जब सुनीता देर से काम पर आई तो मैंने उससे पूछा सुनीता आज तू फिर से देर से आई है कल तो तूने कहा था अब टाइम से आया करूंगी, पर तेरा तो रोज-रोज का हो गया है यह रोज-रोज का देर से आने का झंझट अब खत्म कर दे सुनीता । मुझे सुबह-सुबह … Read more

कलंक – निभा राजीव “निर्वी” : Moral Stories in Hindi

रात के 9:15 हो रहे थे। आंगन के दरवाजे में खटका होते ही रजनी ने आंगन की तरफ वाली खिड़की खोल कर देखी। विधवा जेठानी वैशाली अंदर घुसी थी और आंगन का दरवाजा बंद कर दिया और अपने कमरे की तरफ बढ़ गई। वितृष्णा से रजनी की भवें टेढ़ी हो गईं..’आ गई महारानी जी गुलछर्रे … Read more

दिल पर जोर चलता नहीं – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

आज अमित अपने दोस्त की शादी में बाराती बनकर आया था , समस्तीपुर।गांव की परंपरा के अनुरूप सभी शादी के आयोजन हो रहे थे।अमित का यह पहला अनुभव था।अमित अपने दोस्त माधव के साथ ही रुका था कमरे में। आस-पास की औरतें आ -आकर दामाद जी की खिंचाई कर जातीं।माधव झेंप तो जा रहा था … Read more

कलंक – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

कभी-कभी अनजाने में ही व्यक्ति के हाथों कुछ ऐसी घटना  हो जाती है,जिसका कलंक उसके सिर से ताउम्र नहीं मिटता है।सुनील सिंह के हाथों बचपन में ऐसी  ही घटना अनजाने में घटित हो गई थी और उस घटना का कलंक जब-तब उनके जीवन को काली स्याही से रंग देता है। आज भी सुनील सिंह जब … Read more

निष्कलंका – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

भाभी, साक्षी के बिना घर में मन ही नहीं लगता । पूरे मोहल्ले की रौनक़ थी । इस बार तो आ गई पर आगे से मुझे भी तब बुलाना जब साक्षी को बुलाओ । ये तो कोई बात नहीं दीदी…… तुम दोनों बुआ-भतीजी साथ आओगी और पूरे घर में सन्नाटा करके इकट्ठी चली जाओगी , … Read more

*कलंक धुल गया* – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

  ‘यह क्या पूनम जब देखो या तो कुछ लिखती रहती हो या पढ़ती दिखती हो। पता है……तुम अच्छी लेखिका हो,कहानीकार हो पर ……भाई हम भी तुम्हारे कुछ लगते है..  कुछ हमारा भी ध्यान रखा करो।’ एक मुस्कान बिखेरते हुए अमर ने घर में प्रवेश किया, उसे पूनम को चिढ़ाने में मजा आता था, और जब … Read more

मॉडर्न सोसाइटी का घिनौना सच – प्राची_अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

घर की लाडली बेटी शैलजा का रिश्ता बहुत बड़े घर में हो गया। घर में सभी लोग फूले नहीं समा रहे थे। बड़े-बड़े फलों के टोकरे, मिठाईयां के दर्जनों डिब्बे से घर भरा पड़ा था। गोल्ड और डायमंड की वेशकीमती ज्वेलरी देख कर सबको शैलजा की किस्मत पर नाज हो रहा था।  मध्यम वर्गीय परिवार … Read more

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