आस का बंधन – मीना माहेश्वरी 

आज सोसाइटी में बहुत रौनक थी, झिलमिलाती रोशनी में सजी धजी, सुहागनों के चूड़ियों की खनखनाहट और खिलखिलाती हंसी से पूरा वातावरण संगीतमय हो गया था,,,,,,,,,, आज हरतालिका तीज की पूजा थी, सभी तैयारियां हो गईं थी, गानेबजाने का कार्यक्रम जोर_शोर से चल रहा था…… फुलेरा की शोभा देखते ही बनती थी,,,, ,,,, देवों के … Read more

कुछ बंधन तोड़ देना ही अच्छा होता है – नेहा गुप्ता 

सच जीजी,,,तुम्हे देख कोई भी नही कह सकता की,, अब तुम सास बनने जा रही हो,,  फुर्ती इतनी की अच्छी अच्छी जवान लड़कियां भी गच्चे खा जाए,,, वैसे एक तरह से ठीक ही है,,,अपने हाथ पैर चलाते रहो,,तो किसी के भरोसे नहीं रहना पड़ता,,,पर एक बात  कहूं जीजी,,अब न आपके आराम के दिन आ गए … Read more

तेरे मेरे बीच में कैसा है ये बंधन अनजाना – कुमुद मोहन 

शहर के सबसे बड़े कैंसर हास्पीटल की अपनी पार्किंग स्पेस में गाड़ी खड़ी करके डाक्टर सुमी जब अपने नपे-तुले क़दम रखती हस्पताल में दाखिल होतीं तो वहां छोटे से बड़े सब की नज़रें बरबस कुछ पलों के लिए उस पर टिकी रह जातीं| सुन्दर होने के साथ-साथ उसका सौम्य व्यक्तित्व, मीठी बोली और होठों पर … Read more

बंधन रिश्तों का – नीलिमा सिंघल 

“आन्या,,आन्या ” तेजस की तेज चीख आन्या के कानों मे पड़ी तो वो हड़बड़ा कर छत से नीचे उतरी और साड़ी मे पैर फिसल कर धड़ाम धड़ाम से नीचे गिरती चली गयी,, तेजस ने आवाज सुनी पर नजरअंदाज करते हुए गुस्से मे बाहर चला गया,,  आन्या की आवाज निकल नहीं रही थी पर उसको अहसास … Read more

माँग भरो सजना – कमलेश राणा

आभा आंटी हमारे पड़ोस में ही रहतीं थी,, मम्मी – पापा और अंकल- आन्टी हम उम्र थे तो शीघ्र ही उनसे हमारे पारिवारिक और बहुत घनिष्ट संबंध बन गये,, उनके बच्चे और हम लोग भी अच्छे मित्र बन गये,, परदेश में अच्छा पड़ोसी मिलना बहुत बड़े सौभाग्य की बात होती है,, घर परिवार दूर होने … Read more

हम साथ साथ हैं – सीमा बी

रंजीत और किरण जी के तीन बच्चे हैं। दो बेटे और एक बेटी। भरा पूरा खुशहाल परिवार है। रंजीत जी एक सफल बिजनेस मैन और किरण जी सरकारी स्कूल से रिटायर टीचर। पिछले दो साल से कोविड के चलते रंजीत जी के दोनो बेटो ने पापा से जिद करके बिजनेस को बंद करने के लिए … Read more

*प्रसाद* – *नम्रता सरन ” सोना “*

मंदिर के बाहर बहुत लंबी कतार थी दर्शनार्थियों की ,हर किसी को जल्दी से जल्दी भगवान के दर्शन पाने थे। कई लोग पंक्ति के बीच में घुसकर खुद को आगे बढाने का भी प्रयास कर रहे थे।लोगों मे धक्का मुक्की हो रही थी , कहासुनी भी हो रही थी, कोई कह रहा था.. ये कोई … Read more

छोटी छोटी खुशियां ही  बड़ी खुशी दे जाती है – गरिमा जैन

भाई ऐसा कर मां को थोड़ी दिनो के लिए मेरे यहां भेज दे। थोड़ा आराम हो जाएगा और रोज के कामों से थोड़ा ब्रेक भी मिल जायेगा। हां भैया मैं भी यही सोच रहा हूं। मम्मी यहां बहुत थक जाती हैं ।मैं और विनीता  दोनों काम पर निकल जाते हैं और दोनों बच्चों की जिम्मेदारी … Read more

बेटी – शबनम सागर

ननद भाभी की खूब बनती थी।एक दूसरे से राय लेना, सबके साथ निभाना ,ऊंचा नीचा वक़्त आने पर एक दूसरे की सहायता करना,मनोबल बढ़ाना मन से जुड़ी थी दोनों। एक बार ननद जब पीहर आई, तो दोनों ने खूब मस्ती की,बच्चे भी खुश थे बहुत।रोज कहीं आना जाना, खाना पीना सब बढ़िया रहा। एक दिन … Read more

सात फेरों का बंधन – संगीता त्रिपाठी

 गेट खुलने की आवाज से, बेचैनी से चक्कर काटती सावि, झट से दरवाजा खोल कर रधिया पर बरसने वाली थी,पर उसकी भेष -भूषा देख निःशब्द हो गई। तेल लगा कर संवारे गये रूखे केश,, मांग के बीच सिंदूर की लाल रेखा, माथे पर बड़ी सी बिंदी और साफ -सुथरी साड़ी पहनी रधिया रोज से कुछ … Read more

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