यादें – उमा वर्मा
आज मई की चौबीस तारीख है ।मेरे पति की बीसवीं बरसी।लगता है अभी कल ही की बात है ।समय कितना जल्दी बीत गया है ।वह दिन भुलाएँ तो कैसे? सुबह के आठ ही बजे थे पर उस दिन का सूरज मेरे लिए डूब चुका था ।सुबह उठे तो मैंने उन्हें सहारा देकर मुंह धुलाया।बाथरूम ले … Read more