माँ तो माँ होती है – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ सुन रही हो माँ की तबीयत बहुत ख़राब है अब उनके बचने की उम्मीद जरा भी नहीं है…. भैया कह रहे थे एक बार आकर उन्हें देख लो ।”कुन्दन अपनी पत्नी रूचि से कह रहा था जिसकी आँखों में आँसू और आवाज़ में कंपन रूचि महसूस कर रही थी  “ तुम्हें क्या लगता है … Read more

 सास का सबक…. – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi

सुबह के दस बजे चुके थे, तभी वहां नेहा कपडों का ढेर लगाकर रखती है। उसी समय संध्या भी गंदे कपड़े की गड्डी लेकर आ जाती है,अरे नेहा तूने कपडों का ढेर क्यों लगाकर रखा है? आज मुझे कपड़े मशीन में लगाने है, ये संध्या अपनी देवरानी नेहा से कहती है, तब नेहा कहती- भाभी … Read more

 दूसरा मायका – रत्ना पांडे : Moral Stories in Hindi

संयुक्त परिवार में पली-बढ़ी लता बहुत ही संस्कारी थी।   सबकी चहेती थी वह, भगवान ने भी रंग रूप देने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। दादा-दादी, चाचा-चाची, ताऊ-ताई, छह बहन, पाँच भाई इतना बड़ा परिवार था उसका। परिवार में इतनी बेटियाँ होने के कारण शीघ्र ही उनका विवाह कर दिया जाता था। लता भी … Read more

 मुंह मोड़ लेना – अर्चना झा : Moral Stories in Hindi

जाने क्या बात हुई कि  सुधा ने फोन का रिसिवर उठाते हुए कहा कि आज के बाद कभी इस नम्बर पर फोन मत करना सुरेश,आज से तुम्हारा और मेरा कोई संबंध नहीं , उधर से हैलो हैलो की आवाज आ ही रही थी कि सुधा ने फोन क्रेडिल पर पटक दिया और बिजली की तेजी … Read more

 अपनापन – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

          मनीष आज मानसिक रूप से बेहद परेशान था,आत्मविश्लेषण करने में परेशानी तो होती ही है।आज स्कूल से आते ही उसके बेटे बबलू ने पूछा पापा ये ताऊ जी क्या होते हैं,किन्हें ताऊ जी कहते हैं? इस अजीब से प्रश्न को सुनकर मनीष ने सोचा कि स्कूल में किसी बच्चे ने अपने ताऊ जी का जिक्र … Read more

 मुंह मोड़ना – पूनम सारस्वत : Moral Stories in Hindi

दिल तोड़ने वाले तुझे दिल ढ़ूंंढ रहा है…. पार्श्व में गाने के बोल मंजरी के कानों में पिघले शीशे से लग रहे थे और वह न चाहते हुए भी आंसुओं के समुद्र में भीगी जा रही थी। रह रह कर वह खूबसूरत पल उसे याद आ रहे जो उसने अमित के साथ गुजारे थे, हाथों … Read more

 ससुराल की खट्टी-मीठी यादें!! – पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

कहां से शुरू करुं?  लंबा वक्त गुजर गया  जब पापा की पढ़ाई में डूबी,रहने वाली,एक छोटे से परिवार की बेटी एक बड़े से परिवार की बहू बनी! बहुत डरते डरते ही पापा ने हां बोला था  और डर होता  भी क्यों ना? आखिर जब पापा पहली बार मेरे ससुराल गए थे, सभी भाई, मेरे पूज्य … Read more

 मुझे संयुक्त परिवार में शादी नहीं करनी। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

मानसी, आज शाम को तुझे लड़के वाले देखने आ रहे हैं, कॉलेज से जल्दी आ जाना, मै तो कह रही हूं कि तू आज कॉलेज ही मत जा, ताकि अच्छे से उनके आने से पहले ही तैयार हो सकें और फिर बाकी काम भी तो होते हैं, उनमें भी हाथ बंटा देगी, दादी ने कहा … Read more

 ससुराल – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

“सुनयना मिताली दीदी ने अपनी तृप्ति के लिए एक रिश्ता बताया है !” विशाल जी घर में आते ही अपनी पत्नी से बोले। ” देखिए अगर आपको लगता है घर परिवार अच्छा है तो आप आगे बात कीजिए शादी तो हमे तृप्ति की करनी ही है ना!” सुनयना जी पानी लाते हुए बोली। ” बाकी … Read more

 मां ने समझाया था! – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

   मैं किसी प्रख्यात व्यक्तित्व या पद विशेष की स्वामिनी नहीं हूँ। मैं एक सामान्य महिला हूँ। फिर भी एक औसत परिवार में जन्मी महिला विपरीत परिस्थितियों में से निकल कर कैसे अपना रास्ता बना सकती है,यही बताना इस कथा का उद्देश्य है। अक्सर अति ‘आर्थिक अभावों’ को ही संघर्ष का नाम दिया जाता है लेकिन … Read more

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