गाँव से अमेरिका तक का सफर – के कामेश्वरी  : Moral stories in hindi

सुरभि के माता-पिता गाँव में रहते हैं।  वहीं के सरकारी स्कूल में सुरभि के पिता रोहन जी शिक्षक थे । एक शिक्षक के लिए तीन लड़कियों को पढ़ाना लिखाना और शादी कराना आसान नहीं था । बड़ी बेटी सुरभि एम एसी करके शहर के एक बहुत बड़ी कंपनी में नौकरी करती थी । रमा और … Read more

दिल तो बच्चा है जी – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

दोनों बेटे की परवरिश, पति की आज्ञा का पालन.. दूसरों के मन मुताबिक चलते चलते विद्या भूल ही गई थी कि उसकी अपनी भी कुछ इच्छाएँ थी। बड़े बेटे सुजय ने अपने ही साथ पढ़ने वाली सौम्या से विवाह किया था। सौम्या अपनी माँ स्वाति की तरह ही बहुत मधुर स्वभाव की थी। उसी शहर … Read more

मदद – बीना शर्मा: Moral stories in hindi

कोमल अपनी मम्मी कंचन के साथ बाजार से शॉपिंग करके जब वापस घर की तरफ आ रही थी तब उसने देखा सड़क के किनारे एक बुजुर्ग आदमी गुब्बारे बेच रहा था उसका चेहरा देखकर ऐसा लग रहा था जैसे वह बहुत परेशान हो कोमल बेहद समझदार और चेहरे के हाव-भाव पढ़ने वाली युवती थी जो … Read more

धोखा – मंजू ओमर : Moral stories in hindi

अरे अनंत सिर्फ दुकान चलाने और पैसा कमाने में ही व्यस्त रहता है कि कुछ घर पर और बच्चों पर भी ध्यान देता है। काहे दीपक भइया ऐसा क्यों कह रहै हो अंनत बोला । अरे श्रेया अब बड़ी हो रही है जरा उसपर भी ध्यान रखा करों कहां जा रही है किससे मिलजुल रही … Read more

आशा की किरण – पुष्पा जोशी : Moral stories in hindi

     आज रीना अन्यमनस्क सी बैठी थी, उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे।अपनी परेशानी किससे कहें चारों तरफ अंधेरा नजर आ रहा था, लग रहा था कि उसके सारे सपने बिखर गए हैं।कितना अरमान था उसका कि पढ़ लिखकर आत्मनिर्भर बनेगी। लेकिन बी.ए.द्वितीय वर्ष के बाद ही ऐसी स्थिति … Read more

पश्चाताप – प्रतिभा परांजपे : Moral stories in hindi

सुबह से फोन पर फोन आ रहे थे। आज मेरा  जन्मदिन जो है मम्मी भाभी यहां तक के ननंद का भी फोन आ गया करीबन 2:00 बजे मोबाइल बज उठा ,अंदाज़ तो था ही सुप्रिया का ही होगा । ‘हाय सखी कैसी हो, जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं’ वगैरह बातें हुई।  “और बता ,कितने दिन हो … Read more

तीन बेटों की अम्मा…रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi

कितनी ठसक में रहती थी अम्मा…. आखिर तीन बेटों की मां जो थी… अपनी जवानी के दिनों में जब पान चबाती… सर ढके… शान से मटकती निकलती.. तो रमा काकी अक्सर टोक ही देती थी.…” क्या दीदी सुबह-सुबह कहां होली… हम तो अभी तक चौके बर्तन से ही ना उबरे… नहाना धोना ना हुआ… और … Read more

शगुन – गीता वाधवानी : Moral stories in hindi

दादी ललिता अपनी पोती प्रगति के गले लग कर रो रही थी। वे थोड़ी देरऐसे ही रोती रही फिर प्रगति ने कहा-“बस करो दादी, ऐसा ना हो कि आपके आंसुओं से बाढ़ ही आ जाए।”  “चल हट नटखट”और दादी ललित हंस पड़ी।  दरअसल प्रगति ललिता जीकी सबसे छोटी औरतीसरी पोती थी। ललिता जी जब प्रगतिके … Read more

समयचक्र – सोनल जोशी : Moral stories in hindi

भाभी का फ़ोन आने के बाद अरुणा काफ़ी देर तक असमंजस में थी. उसके पति विनय ने उससे पूछा तो उसने बताया कि भाभी ,नेहा और रिया के साथ कल सबेरे आ रही है, नेहा के लिए कोई रिश्ता देखने आ रहे थे. पहले कितने बार बुलाया, पर भाभी नहीं आई , इस बार बड़ी … Read more

हरे धनिया की सिलबट्टे वाली चटनी – संध्या त्रिपाठी : Moral stories in hindi

       वाह वाह …क्या खाना बनाया है यार इंदु…… मजा आ गया और यह हरे धनिया की चटनी ….वो भी सिलबट्टे वाली…. इसका तो जवाब नहीं…. लीना तारीफ करते नहीं थक रही थी…! बस कर लीना तू कुछ ज्यादा ही तारीफ कर रही है ….इतने लोगों में बस तुझे ही खाना इतना ज्यादा पसंद आया जो … Read more

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