बस अब और नहीं – डॉक्टर संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

पायल! पायल!तेजी से श्याम चीखा तो घबरा के पास आती वो बोली, क्या हुआ जी! क्या कह रहे हैं? क्या कह रहे हैं? गुस्से में उसकी नकल करता उसका पति श्याम बोला..भोली तो ऐसे बनती हो जैसे बड़ी सीधी हो..ये बच्चियां शोर कर रही हैं इन्हें कौन संभालेगा? पता नहीं मेरे ऑफिस का काम कितना … Read more

समझौता अब नहीं – पूनम सारस्वत : Moral Stories in Hindi

सुनिए कल सुबह मुझे सात बजे की बस पकड़नी है ऋषिकेश के लिए। कल सुबह? ऋषिकेश? किसलिए? आनंद जैसे नींद से जागा हो,इस तरह चौंक गया। अरे मैंने आपको बताया तो था कि मैं अब कुछ दिन के लिए प्रकृति की गोद में रहना चाहती हूं, यहां की भागम भाग से आजिज आ चुकी हूं … Read more

पत्नी तो में पहले ही बन गई थी पर बहु ओर भाभी आज बनी हूँ – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

प्रेशर कुकर की सीटी लगातार बज रही थी… 1…2…3…5… फिर अचानक दो बार और… जैसे बिन मतलब की हड़बड़ी हो, बेमन की दिनचर्या। रसोई में हल्की-सी हल्दी और धनिया की खुशबू तैर रही थी, पर मनाली की आँखें रसोई की खिड़की से बाहर, सूनी सी सड़कों पर अटकी थीं। उसकी उँगलियाँ आटे से लथपथ थीं, … Read more

“समझौता… अब नहीं” – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

पूनम जब से इस घर में बहू बनकर आई है वह देख रही है सारे काम तो वह स्वयं करती है किंतु दूध के समय मम्मी जी सबका दूध तैयार करती है उसमें से पूनम और खुद का दूध आधा गिलास करती है बाकी पापा जी, पतिदेव, देवर जी और दोनों नंदो का, हमेशा पूरा … Read more

समझ के रिश्ते – रेणु सिंह : Moral Stories in Hindi

एक छोटी सी बात का बतंगड़ बना दिया है तुम दोनों ने, सविता जी ने अपने बेटे सुजीत और बहू शिखा को  डांटते हुए कहा  कई दिनों से तुम दोनों को देख रही हूं ना एक दुसरे से बात कर रहे हो और ना ही एक दुसरे की तरफ़ देख रहे हो  हमे भी तो … Read more

जुआ का दांव – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

जुआ का अंतिम दांव लगा हुआ था। दोनों पक्षों के लोग अपने अपने साथी को जीतते हुए देखना चाह रहे थे… आज तीन चार घंटे से लगने वाला हर दांव कमल ने हीं जीते थे.. और जीते भी क्यों नहीं,,ले देकर यहीं तो एक काम आता था जिसमें उसे महारथ हासिल थी… और विरासत में … Read more

बुद्धू मम्मा – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

      चलो बच्चों …7:00 बज गए हैं पढ़ने बैठो…. हां मम्मी… बस 5 मिनट…. आरंभ और आरवी ने पुष्पा की बातों का उत्तर दिया….!            अरे ,अभी तक तुम लोगों की किताबें खुली नहीं …..इधर लाओ मोबाइल ….मुझे दो और तुरंत पढ़ने बैठो….. 5 मिनट बोलकर आधे घंटे से मोबाइल में लगे हो…. पुष्पा गुस्से में बड़बड़ा … Read more

पति का प्रेम – कंचन श्रीवास्तव आरज़ू : Moral Stories in Hindi

समझ नही आता अम्मा कभी-कभी इतना कड़वा क्यों बोलती है ? किसी बात का सीधे जवाब ही नही देती, पूछो कुछ तो नमक मिर्च लगा के त खेल स्वर में बढ़ा चढ़ा के ही बोलती है। ये सवाल मेरे ही नही हम उम्र सभी लड़कियों के मन में आता है कि क्या इस उम्र तक … Read more

गहने – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

आभूषण की दुकान में गौरी ने आभूषण दिखाते हुए सुमित्रा जी से पूछा….”माँ जी ! ये सारे तो फाइनल हो गए, और कुछ देखना है या बिल बनवाएं ..? सुमित्रा जी ने कहा…”ये तो केतकी (पोता बहु) के गहने हो गए । इसी डिजाइन में थोड़े हल्के एक सेट और ले ले । “एक सेट … Read more

काश तुम समझ पाते! – प्रियंका सक्सेना : Moral Stories in Hindi

“अभी-अभी तो ऑफिस से आई हो, अब बैग पैक कर कहां चली, मीनल?” दमयंती जी ने बहू के रूम में प्रवेश करते हुए पूछा “मम्मी जी, घर से फ़ोन आया है पापा की तबीयत खराब हो गई है, अस्पताल में भर्ती करना पड़ा है। मम्मी को मैंने कह दिया है कि मैं पहुंच जाऊंगी।” मीनल … Read more

error: Content is Copyright protected !!