मेरी आत्मा को दुःख देकर तू कभी सुखी नहीं रह सकती – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi
सांवला रंग और दोहरे हाड़ काठ की प्रमिला काकी जब तन कर चलती तो लोगों को उनके स्त्री कम पुरूष होने का आभास अधिक हुआ करता… तीन बेटियां और दो बेटे होने के दंभ के साथ वो जब रास्ते में निकलती तो… अनायास हीं मुहल्ले की स्त्रियां ईर्ष्या से भर उठती… प्रमिला काकी की बेटियां … Read more