एक प्यार ऐसा भी …(भाग -27) – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

जैसा कि आप सबने अभी तक पढ़ा कि राजू को मैडम भावना के पिताजी के  कहने पर एडमिशन मिल गया है दुर्गा कोचिंग में… हालांकि कि भावना मैडम बिल्कुल नहीं चाहती थी कि राजू उनकी कोचिंग में पढ़े पर उनके पापा के आगे उनकी एक ना चली…. राजू को कोचिंग के चपरासी ने बुलाया कि एडमिशन की फोरमैलिटी पूरी कर लीजिये राजू जी………..

अब आगे….

राजू उत्सुक हो मैडम भावना के ऑफिस में आया….

हां तो मिस्टर राजू…. आप अपने ज़रूरी डोक्यूमेंट ज़मा करवा दीजिये …… और आपकी ग्रैजुएशन हो गयी कम्पलीट??

मैडम भावना ने राजू से सख्त लहजे में पूछा…….

मैडम जी…. अभी तो मैने 12वीं ही की है अब बी. एस. सी में एडमिशन लूँगा यहीं शहर में…. 12वीं में टॉप किया है मैने मैडम जी अपने गांव में… तभी तो सर जी ने कहा कि राजू तू  होशियार है ….. अफसर बन …. ये देखिये मैडम जी मेरे कागज….

राजू अपने कंधे उचकाते हुए बोला….

ठीक है ठीक है मिस्टर राजू…. मुझे ज्यादा बोलने वाले लोग पसंद नहीं….. बस ज़ितना पूछा जायें उतना ही जवाब दीजिये ……

आप तीन साल कोचिंग करेंगे…. उसके बाद पेपर दे पायेंगे…. और ये भी कोई ज़रूरी नहीं कि फर्स्ट अटेम्ट में ही पेपर क्रैक कर ले….. तो इतने सालों की कोचिंग के पैसे आप दे पायेंगे???

मैडम भावना ने राजू की ओर एक और प्रश्न दागा ……

मैडम जी…. आप भी क्या बात करते हो… मैं कोई बुद्धु थोड़े ना हूँ….मैं तो बस एक साल कोचिंग करूँगा…. मुझे तो बस ये जानना है कि अफसर बनने के लिये क्या क्या पढ़ना होता है ,, कैसा पेपर आता है …… एक साल में सब समझ जाऊंगा फिर घर पे ही किताबों  से ही पढूँगा ….

राजू बोला….

आपको क्या अफसर बनना इतना आसान लगता है …… नानी याद आ जायेगी राजू जी…. और क्या क्या पढ़ना होता है ,,, ये तो आपको नेट से भी यूट्यूब से पता चल जायेगा…..

मैडम जी के बगल में खड़ी उनकी असिस्टेन्ट बोली…..

जस्ट कीप योर माउथ शट ……..

मैडम भावना असिस्टेन्ट को डांट लगाती है ….

ठीक है जैसा आप सही समझे मिस्टर राजू…. अपनी एक फोटो, आधार कार्ड की कॉपी, सारे डोक्यूमेंटस की कॉपी सबमिट करवा दीजिये …… एंड ये फोर्म फिल कर दीजिये …..

मैडम भावना बोली….

मैडम जी वो फीस की बात तो आपको सर जी ने,,जो वो पुलिस वाले है ना ,,, आपके बापू, उन्होने बता दी होगी….???

राजू मैडम की तरफ देख बोला…

हां हां… आल इज क्लीयर ……. कल से आप सुबह के 9 बजे के बैच में आना शुरू कीजिये …..

मैडम भावना इतना बोलते हुए अपनी क्लास की तरफ जाने लगी…..

राजू उनके पीछे पीछे गया…

उसने मैडम भावना के पैर छुये ….

मैडम ने सकपकाते हुए अपने पैर पीछे की ओर खींच लिए ….

थैंक यू मैडमजी…… आपने मुझे एडमिशन दे दिया इतनी बड़ी कोचिंग में……

राजू भावुक होते हुए मैडम भावना से बोला….

ओके ओके…..

मैडम भावना राजू के निश्चल चेहरे को एक मिनट देखती रही….

मैडम जी आगे चलिये… राजू गया….

उनके साथ चलती असिस्टेन्ट बोली…..

मैडम भावना जैसे सपने से बाहर आयीं….

और आगे बढ़ गयी….

राजू सारी फोरमैलिटी पूरी कर सर जी के साथ अपने कमरे पर आ गया….

आज़ तो थक गए रे राजू… बस तुझे दाखिला मिल गया… इस बात की बेहद ख़ुशी है मुझे… कल से नहा धोके तैयार होकर, घर से मैडम जी (सर जी की पत्नी) से खाने का डिब्बा लेते हुए कोचिंग चले जाया करना तू … कल जब तू कोचिंग से आ जायें तो मेरे स्कूल आ जाना,,, तेरे कोलेज में तेरा एडमिशन होना है कल …..

अरे वाह सर जी…. और निम्मी का??

बताया तो था राजू…..

हां हां… सर जी…. याद आ गया….. बाद में आयेंगे प्राईवेट फोर्म ……

सर जी…. एक बात और????

मुझे पता है राजू… तू क्या कहना चाहता है …. कल तेरा दाखिला कोलेज में करवाने के बाद गांव जाऊंगा निम्मी के अम्मा बापू के पास ….. उनकी अकल ठिकाने कर दूँगा …. आशीष से क्या अगले चार सालों तक किसी से भी शादी करवाने का ना सोचेंगी….. उसके बाद प्रधान जी के घर रुक जाऊंगा,, अगले दिन कुछ काम है ऑफिस में…..

सर जी राजू से बोले…..

सर जी…. आप मेरे मन की सब जान ज़ाते हो….. आप पे पूरा भरोसा है ……

राजू बोला….

ठीक है चलता हूँ मैं राजू…. शाम को खाना खाने आ जाना…..

ठीक है सर जी…..

यह बोल सर जी घर की ओर चले गए…..

राजू शाम को खाना खाके सोने की कोशिश कर रहा है पर नींद तो उसकी आँखों से कोसों दूर थी….

रात में ही अपने कपड़ों को प्रेस करने लगा…. जूतों को चमकाने लगा… कि कल से कोचिंग जाना है ……

अगले दिन सुबह उठ राजू नहा धोकर तैयार था….. उसने सामने रखे ठाकुर जी को धूपबत्ती लगायी….. फिर बैग से निकाल निम्मी  की फोटो को हाथ में ले बोला…

ए री …. निम्मी …. आज से मेरे अफसर बनने की तैयारी शुरू…… तू ठीक से रहना बस…..

अफसर बनने के बाद तेरी अम्मा बापू से एक ज़रूरी बात करूँगा….

यह बोल…. उसने घड़ी में टाइम देखा…. बैग टांग सर जी के घर की तरफ चला……

मैडम जी ने राजू का डब्बा तैयार रखा था… उसके हाथ में थमाया…..

राजू ने आगे बढ़ सर जी और मैडम जी के पैर छुये…..

खूब मन लगाके पढ़ राजू…. अपने अम्मा बापू का नाम रोशन कर …..

मैडम जी ने राजू को आशीर्वाद दिया ……

राजू मैं चलूँ क्या छोड़ने कोचिंग??

सर जी बोले….

नहीं नहीं… सर जी….. मैने रास्ता देखा है …. आप स्कूल के लिए लेट हो ज़ायेंगे….. मैं चला जाऊंगा…..

ठीक है राजू….आराम से जा…. कोई दिक्कत हो तो बताना……

ठीक है सर जी…

राजू ओटो पकड़ कोचिंग आ चुका है ….

वो अभी क्लास में बैठा ही था कि सामने से……

आगे की कहानी कल….. तब तक के लिए जय माता दी

अगला भाग

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मीनाक्षी सिंह की कलम से

आगरा

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