एक प्यार ऐसा भी …(भाग -26) – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

जैसा कि आप सबने अभी तक पढ़ा कि राजू को जोरदार तमाचा मारा था मैडम भावना ने… उसका बेतुका सा  कारण भी बताया…. पर राजू इससे बिल्कुल भी विचलित नहीं हुआ…. तभी सभी के बीच राजू के फ़ोन पर उसकी अम्मा के फ़ोन से निम्मी बात करती है … घबरायी हुई निम्मी बताती है कि आशीष के घर वाले ब्याह की बात  करने आयें है ….. उसे आशीष से ब्याह नहीं करना…. तभी भावना मैडम यह बात सुन राजू का मजाक बनाती है कि राजू पढ़ने नहीं इश्कबाजी करने आया है …. वो राजू को माहोल खराब करने वाला करार दे उसे गार्ड द्वारा बाहर निकालने को कहती है …. राजू गुस्से में मैडम भावना का हाथ पकड़ ….

अब आगे….

हाउ डेयर यू टू होल्ड माय हैंड ….

मैडम भावना गुस्से से तिलमिला रही है ….

राजू मैडम का हाथ पकड़ पास में रखी किताब पर उनका हाथ रखता है ….

मैडम जी… आप सबको पढ़ाती है … गुरु है …. विद्या का अपमान नहीं करेंगी…. विद्या पे हाथ रखके बोलिये कि आपने जिस रिश्वतखोरी का इलजाम मुझ पर लगाया है वो सही है …. और बात रही इश्क बाजी की तो वो मेरा निजी मामला है …. आप कौन होती है मुझे आवारा करार देने वाली….

सभी लड़के लड़किया कोचिंग के राजू और मैडम जी की तरफ देख रहे है …. पूरी कोचिंग में सन्नाटा पसरा हुआ है जैसे कोई फिल्म चल रही हो…..

इधर राजू का फ़ोन चल रहा है …

निम्मी राजू राजू बोल रही है …

राजू तू सुन तो रहा है ना ….

राजू फ़ोन उठा निम्मी से बोला…

निम्मी तू घर जा… परेशान ना होना… राजू है ना ….. मैं सब ठीक कर दूँगा ….. राकेश से कहना मेरे को फ़ोन करे ….. और सुन तू रोना नहीं बिल्कुल….. रोती हुई बड़ी बुरी लगती है…..

राजू निम्मी को बहलाने के लिए बोला…

निम्मी हंस पड़ी ……

ठीक है  रे राजू …. मै घर जा रही…. अपना ख्याल रखना तू …… इतना बोल निम्मी ने फ़ोन रख दिया ….

हां तो बोलिये मैडम जी… खाईये कसम……

राजू फ़ोन को पैंट की जेब में रख बोला….

भाई लौंडे बहुत देखे… पर ये तो सबसे अलग है ….. मैडमजी का ही हाथ पकड़ लिया …. हम तो तरस गए पकड़ने को…. ऊपर से दूसरी लड़की से भी खुले आम रोमांस कर रहा है … कुछ भी हो मज़ा बहुत आ रहा है देखने में..

क्यूँ विशाल सही बोला ना ….

टोहनी मारते हुए कोचिंग का लड़का राजन दोस्त विशाल से बोला….

भाई पिक्चर बाकी है … पूरी देख ले… फिर बात करेंगे….

भावना मैडम का चेहरा गुस्से से लाल था…

वो कुछ बोलती उससे पहले चपरासी बोला…

बड़े साहब… आ रहे है ….

बड़े साहब का नाम सुन मैडम भावना के चेहरे पर घमंड के भाव आ गए…..

बेटा…. आज कोचिंग में पढ़ाई नहीं हो रही है क्या …. कोई सेलिब्रेशन हो रहा है क्या …. हमें तो बताया नहीं …. यहीं पास में चौकी पर आया था… सोचा कोचिंग भी होता चलूँ……. इतनी शांति कैसे….. बोलो भावना  ??

भावना मैडम के बड़े ओहदे के पुलिस अधिकारी पिता बोले…..

पापा…. ये गांव का गंवार लड़का एडमिशन लेने आया था कोचिंग में…. अफसर बनना है इसे… कोई रूल्स फोलो नहीं किये ….. दो चार गर्ल फ्रेंड  है इसकी… ज़िनसे खुले आम सबके बीच बात कर रहा है … पूरी कोचिंग को डिस्टर्ब कर दिया है इसने…. अब आप ही भगाईये इसे यहां से… मेरा सर दर्द हो रहा है …..

मैडम भावना राजू की तरफ देख बोली….

राज ने झट से सर के पैर छू लिए…..

खुश रहो राजू बेटा….वाट ऐ प्लीज़िंट सरप्राइज …. मैं तो रोज तुम्हारा वेट करता हूँ कि तुम शिवाजी पार्क आओ शायद…. तुमसे मिलने का बहुत मन था… ज़िसे ढूंढ़ा पूरे शहर में ,,, वो नौजवान था हमारी दुर्गा  कोचिंग में….. और कैसे हो बरखुर्दार ???

भावना मैडम के पिता जी अपने मजाकिया लहजे में बोले…..

मैडम भावना का मुंह खुला का खुला रह गया कि  क्या पापा इस गंवार लड़के को जानते है ….

पापा आप इस लड़के को कैसे जानते हो??

क्या आप इससे पहले मिले हो…..??

मैडम भावना पापा की तरफ देख बोली….

भावना बेटा… ये राजू है …. बहुत बहादुर लड़का….. तुम्हारे पास समय ही नहीं होता कि अपने केसेस के बारे में बताऊँ… इसने बहुत बड़ी प्रोस्टीट्यूशन की गैंग का पर्दाफाश करवाया है … हमें इस पर प्राउड होना चाहिए….. इसे एडमिशन दो…. ये अफसर नहीं बनेगा तो कौन बनेगा… इससे ज्यादा ईमानदार अफसर नहीं होगा….. मेरी गारंटी है …..

थैंक यू सर जी…

राजू पुलिस ऑफिसर की तरफ देख बोला….

पर पापा…..

मैडम भावना बोली…

पर वर कुछ नहीं…. भावना एडमिशन दो इसे…. इट्स माय ओरडर … अंडरस्टूड …..

सर ने अपना एकटूक फैसला सुना दिया…..

अगर पापा इसने कुछ भी बतमीजी की… मेरी कोचिंग के बच्चों को बिगाड़ा तो मैं इसे निकाल दूँगी…..

मैडम भावना बोली…..

मुझे पूरा विश्वास है …. राजू से अच्छा लड़का नहीं होगा कोचिंग में आने वाले समय में…..

भाई… कुछ ज्यादा बड़ाई नहीं कर रहे बड़े सर जी इस गांव के लड़के की…. अच्छे तो हम भी है …. हम कौन सा गांजा, तंबाकू ले रहे है…… लड़की पटा रहे है …..

आपस में लड़के फुसफुसाते है ……

ठीक है बेटा राजू… कल से ही पढ़ने आओ… किसी चीज की दिक्कत हो तो बेझिझक मुझसे कह सकते हो….

पुलिस वाले सर राजू की पीठ थपथपाते हुए बोले…..

वो बाहर जाने लगे तो सरपट राजू उनकी तरफ दौड़ पड़ा ……

हां बोलो और कुछ कहना है राजू तुम्हे ??

सर पीछे मुड़कर राजू की तरफ देखते हुए बोले…

सर जी… वो सब तो ठीक है … पर मैडम जी की कोचिंग की फीस बहुत है ….. मैं कहां से लाऊँगा इतने पैसे??

राजू धीरे से बोला….

तुम्हारे पैसे मुझ पर उधार है …. तुम मिले ही नहीं… तुम्हारा बहादुरी का इनाम सरकार की तरफ से और मेरी तरफ से बचा है …. उसे अपनी कोचिंग की फीस समझ लेना….

और कोई बात ..???

नहीं सर जी… बहुत बहुत थैंक यू …. आप बहुत अच्छे है …. अम्मा बापू खुश हो ज़ायेंगे सुनके कि उनके राजू को अफसर बनने के लिए कोचिंग में एडमिशन मिल गया…..

तो फिर लग जाओ…. स्टार्ट करो तैयारी ……

जी सर जी……

सर जी की गाड़ी जा चुकी थी….

राजू पीछे खड़े मुस्कराते हुए मास्साब को देख उनके गले लग गया…..

राजू जी… आपको भावना मैडम बुला रही है …. एडमिशन की फोरमैलिटी पूरी कर लीजिये ……

राजू आगे बढ़ता है ….

आगे की कहानी कल …. तब तक के लिए जय श्री राम

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मीनाक्षी सिंह की कलम से

आगरा

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