दिल का रिश्ता जिंदगी के साथ भी जिंदगी के बाद भी – अनुपमा

राहुल अपने कॉलेज के जमाने से ही लड़कियों के बीच बहुत मशहूर था , दिलफेंक आशिक के नाम से ,ऐसी कोई लड़की नहीं थी जिस पर उसका दिल न आया हो , सभी लड़कियां ये जानती थी तो कोई भी कभी सीरियस वाली उसकी गर्ल फ्रेंड बनी भी नही ।

अब तो राहुल की शादी भी हो चुकी है और पत्नी और बच्चे के साथ वो बैंगलोर मैं रहने चला गया था , पर कहते है ना इंसान का वक्त भले ही बदल जाए पर इंसान की आदतें कभी नही बदलती , इस कारण से राहुल कई बार बड़ी ही अजीब सी स्थिति मैं भी फस जाता था ,ऐसा ही एक वाकया यहां प्रस्तुत है ।

हुआ यूं कि राहुल का फोन बजा कोई अनजान नंबर था , राहुल ने फोन रिसीव किया तो उधर से एक लड़की की मधुर आवाज सुनाई दी , हेलो ! राहुल जी से बात हो रही है क्या ? 

राहुल ने भी बड़े उत्साह से जवाब दिया हां मैं राहुल ही बोल रहा हूं आप कौन ? 

अरे मैं माधुरी भूल गए मुझे , कॉलेज मैं तो आगे पीछे घूमते रहते थे ! 

राहुल ने भी अपने चिर परिचित अंदाज मैं जवाब दिया । अरे तुम्हे कैसे भुल सकता हूं कॉलेज की सबसे हसीन लड़की कभी भुलाई जा सकती है क्या ?? 

माधुरी ने कहा अच्छा ऐसा था क्या तब बताया नही तुमने कभी ! 

राहुल ने जवाब दिया तो अब बता रहा हूं ना 

माधुरी ने उससे कहा की मिल कर बताओ ! 

दोनो ने मिलने की जगह सुनिश्चित की ओर फोन रख दिया ।

राहुल ने माधुरी से मिलने की जोर शोर से तैयारी शुरू कर दी , अच्छे से रेस्टोरेंट मैं उसने टेबल बुक किया , अपने लिए ब्रांडेड कपड़े और जूते लिए , शेड भी लिए और इन सबके बाद उसने पार्लर जाकर अपने सफेद बाल छुपाने को हेयर कलर भी करवा लिया ।



राहुल की महीने के सैलरी इन सब में ही खत्म हो गई , वो चिंतित तो था पर माधुरी से मिलने की खुशी मैं वो सब बर्दाश्त कर गया ! 

राहुल की पत्नी ने जब ये सब देखा तो उसे बड़ा आश्चर्य हुआ , राहुल ने उसे ऑफिस की महत्वपूर्ण मीटिंग है संडे को , ये कह कर चुप करा दिया ।

बड़ी बेसब्री से इंतजार करने के बाद रविवार भी आ गया और राहुल तैयार होकर घर से निकल कर ओला बुक करके सीधे रेस्टोरेंट पहुंच गया , माधुरी को वो रेस्टोरेंट का एड्रेस और टेबल नंबर पहले ही भेज चुका था ।

राहुल वहां पहुंचा तो माधुरी को अपना इंतजार करते पाया , माधुरी को देख उसका दिल बाग बाग हो गया , दिल मैं , पेट मैं सब जगह हजारों की संख्या मैं तितलियां उड़ने लगी  , राहुल ने इंप्रेशन झाड़ने के लिए महंगे से महंगा खाना और नाश्ता ऑर्डर किया ।

 दोनो ने बहुत सारी बातें की ओर खाने का मजा लिया ।

राहुल ने जब बिल भरा तो लगभग उसका खाता पूरा खाली ही हो गया था ।

वो माधुरी के पास वापिस टेबल पर आ जाता है , माधुरी बड़े प्यार से उससे कहती है , राहुल मुझे इतने सालों बाद तुमसे मिल कर बहुत अच्छा लगा ,मुझे तुमसे कुछ काम था , उम्मीद है तुम मना नहीं करोगे ! 

राहुल ने भी बड़ी गर्मजोशी से उसका जवाब दिया ,अरे ऐसा क्यों कह रही हो तुम्हारे लिए तो जान भी हाजिर है ! 

वैसे मन ही मन राहुल की जान तो निकल ही चुकी थी इतना सारा खर्चा करके ….

माधुरी ने अपना पर्स खोला और कुछ कागज निकाले और उसके सामने रखते हुए बोली की मैं एलआईसी की एजेंट हूं ,मुझे इस महीने का टारगेट पूरा करना है , तुम बस यहां हस्ताक्षर कर दो , बाकी सबकुछ तुमने इतनी देर मैं मुझे बता ही दिया है , मैं भर दूंगी !!!!! 

राहुल की जान तो हलक मैं ही अटक गई ।

दिखावा करने के चक्कर मैं वो बुरी तरह फस चुका था , मरता क्या नही करता उसे उन कागजों पर हस्ताक्षर करने पड़े । 

घर आ कर उसने सबसे पहले माधुरी का नंबर ब्लॉक किया और अपने दोस्त से महीने के खर्चे के लिए कुछ पैसों का इंतजाम किया , और तौबा की आगे से अपना दिल कहीं भी फेंकने की !!!!!!

#दिल_का_रिश्ता

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