बहु जब लड झगड़कर अपने मायके पहुंची तब उसे हुआ आत्मग्लानि का एहसास !! (भाग 1) – स्वाति जैन : Moral Stories in Hindi

 Moral Stories in Hindi :निकल जाओ तुम लोग अभी की अभी मेरे घर से , भगवान यह दिन दिखाने से पहले काश मुझे उठा लेते , इतने सालों से जो परिवार एक साथ रहा मैं नहीं जानता था वह इस तरह टूटेगा , क्या यही दिन देखने के लिए तुम लोगों को इतना बडा किया … Read more

आत्मग्लानी – माधुरी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : एसी कोच में बैठे होने पर भी सुधा जी केचेहरे पर पसीना आ रहा था,बगल में बैठे पति मनोहरजी ने पूछा   क्या बात है है तबियत तो ठीक है न तुम्हारी इतना पसीना क्यों आरहा है फिर।नहीं कुछ नहीं बस ऐसे ही मन में कुछ पिछली कडबी यादें सिर उठा … Read more

आत्मग्लानी – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : एक तो सर्दियों के दिन वैसे ही छोटे होते हैं उस पर से ठंड में काम करने का मन भी नहीं करता। रजनी को भी काम निपटाते निपटाते 1:00 बज गया, सोचा.. बच्चों को आने में एक घंटा है तब तक थोड़ी देर धूप का आनंद ले लिया जाए! जैसे … Read more

अब जाकर आंखें खुली हैं!!-  पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आंगन में पड़ी तख्त पर ढेर सारे सामान,सजे पड़े थे। अर्पिता के भैया अंकित अभी – अभी राखी बंधवा कर गए हैं!  यूं तो भैया अपने काम में बहुत व्यस्त रहते हैं… और इस बार तो बोला भी था, मुझे बिजनेस के काम से कहीं निकलना था, तो शायद रक्षा … Read more

error: Content is Copyright protected !!