खूबसूरत छल – शुभ्रा बैनर्जी : moral stories for adults

अनुपमा एक बैंक में नौकरी करती थी।एक साल पहले ही कानपुर शहर में ट्रांसफर करवाया था उसने, पंकज से शादी होने की वजह से।पंकज भी एक निजी कंपनी में असिस्टेंट मैनेजर थे।कंपनी की तरफ से जो घर मिला था वह अनुपमा के बैंक से बहुत दूर था,इसलिए उन्होंने पास में ही मित्तल अंकल का घर … Read more

अभिशप्त हूं मैं – शुभ्रा बैनर्जी

आलोक आज दफ्तर से घर जल्दी आ गया था, नवविवाहिता पत्नी अकेली जो थी घर पर।अभी दस दिन पहले ही शादी हुई थी मीनल के साथ।शिमला‌,मसूरी में हनीमून बिताकर कल ही वापस आए थे दोनों। साधारण सी शक्ल सूरत वाले आलोक के सामने मीनल किसी अप्सरा से कम नहीं थी। हनीमून पर जाकर आलोक को … Read more

पितृ दोष – शुभ्रा बैनर्जी 

समीर ने कई बार कहा था अम्मा और बाबूजी से,शहर में उसके पास आकर रहने के लिए।बाबूजी हर बार कुछ ना कुछ बहाना‌ करके टाल जाते थे।अम्मा का बड़ा मन होता था अपने बेटे के घर आकर रहने का,पर पति की इच्छा के चलते मन मारकर रह जातीं थीं।बाबूजी एक स्कूल मास्टर थे।थोड़ी बहुत खेती … Read more

दर्प दमन – शुभ्रा बैनर्जी

कामिनी संयुक्त परिवार में पली बढ़ी सुशिक्षित लड़की थी। परिवार में संस्कारों की छांव में पली कामिनी शुरू से ही अति महत्वाकांक्षी थी।पढ़ने में अव्वल तो थी ही,दिखने में भी खूबसूरत थी।यौवन की दहलीज पर कदम रखते ही,सपनों के राजकुमार के साथ अपने सुनहरे भविष्य के ख्यालों में रहने लगी थी। स्नातकोत्तर की परीक्षा उत्तीर्ण … Read more

हैसियत के हिसाब से रिश्तेदारी

आज नव्या की शादी की तिथि पक्की हो गई थी।नीरजा ने चैन की सांस ली।लगभग साल भर से, परेशान थी नीरजा। नव्या की पसंद का लड़का और परिवार ढूंढ़ना बड़ी टेढ़ी खीर था। नव्या की ढेर सारी शर्तों की चेतावनी के बाद,आशीष को पसंद किया था नीरजा ने। नव्या की पसंद नीरजा से ज्यादा और … Read more

मां की आह – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Story In Hindi

बाबूजी नौकरी में रहते ही,घर बनवा गए थे। फिजूलखर्ची ना करने वाले बाबूजी ने गांव में बंजर पड़ी काफी ज़मीन खरीद कर रखीं थीं।वैभव को पढ़ा-लिखा कर नौकरी भी लगवा दी और दोनों बेटियों की शादी भी करवाई थी संपन्न घरों में।उनकी मृत्यु के पश्चात अक्सर वैभव मां को ताना देता था”मां,तुमने बाबूजी को रोका … Read more

आपकी बहू तो बन सकती है, पर मेरी पत्नी नहीं: family story in hindi

प्रखर ने घर आते ही अपनी पैंट की जेब से उस कागज़ के टुकड़े को निकाला।”अनुभा” नाम उसके दिल और दिमाग में उथल-पुथल मचा रहा था। रह-रहकर उसका अतीत उसकी आंखों के सामने घूम रहा था।ओह!!तो मेरा मन सच ही बोल‌ रहा था,अनुभा इसी शहर में है।मेरे आस-पास ही है।आखिर इतनी दूर क्यों चली गई … Read more

नानी का घर –  Short Hindi Moral Story

moral story in hindi

नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए “नानी तेरी मोरनी को, मोर ले गए,   बाकी जो बचा था ,काले चोर ले गए” आज रेडियो एफ एम पर अरसे बाद यह गीत सुना।मयूरी अपने हांथ से सब्जियां और चाकू रखकर, इत्मीनान से गाना सुनने लगी।कितनी सारी यादों ने इस गीत को सुनकर,मचलना शुरू कर दिया।मयूरी की … Read more

बूढ़े माता-पिता अच्छे नहीं लगते – शुभ्रा बैनर्जी | motivation story in hindi

रागिनी अपनी ननद के बेटे के उपनयन संस्कार में दिल्ली आई थी। सास-ससुर एक महीने पहले ही आ चुके थे।सास को इस अनुष्ठान के विधि-विधान का अच्छा अनुभव था, इसलिए ननद ने जल्दी बुलवा लिया था।दस साल पहले रिटायर हो चुके ससुर के पास जमा-पूंजी के नाम पर कुछ विशेष नहीं बचा था।उनके घर का … Read more

मां तुम तो वट वृक्ष हो हमारी – शुभ्रा बैनर्जी | best hindi kahani

इस लड़की का मैं क्या करूं?कभी सुनती ही नहीं मेरी।सुधा पहले से ही जानती थी कि उसकी बेटी यशा मानेगी नहीं।शादी की बातचीत जब से शुरू हुई थी,तब से सुधा का मन इसी आशंका से आहत हो रहा था।पक्की बात करने जब वैभव और उसके माता-पिता आए,तभी यशा ने सहज तरीके से उन्हें समझाया था … Read more

error: Content is Copyright protected !!