एक कदम – संगीता त्रिपाठी : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : तमाम विरोधो के बावजूद नव्या और रोहन की शादी हो ही गई, दरवाजे पर माधवी ने बेमन से ही आरती उतार बहू का गृहप्रवेश कराया।नव्या भी सासू माँ के प्रति कुछ अच्छे विचार ले कर नहीं आई।       नव्या और रोहन का प्रेम विवाह है, नव्या दिल्ली की आधुनिक ख्यालो वाले … Read more

सच्चा मित्र – संगीता त्रिपाठी : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : वो शर्मिंदा थी, जिस पड़ोसन से उसने कभी बात नहीं की, वही कठिन पलों में आज उसके साथ थी।          दो साल पहले ही तो इस सोसाइटी में आई थी, सभी ने आगे बढ़ कर दोस्त की।धीरे -धीरे सुनंदा की दोस्ती माही,नमिता, पल्लवी, रीमा से हो गई,। सुनंदा के पति मर्चेंट … Read more

सिक्के के दो पहलू – संगीता त्रिपाठी  : hindi kahani

hindi short story with moral :  “आज ऑफिस से आने में आपको देर हो गई, मैंने कॉल भी किया था पर आपने उठाया नहीं “ऊषा ने शंकर जी के हाथ से उनका बैग लेते हुये बोली। “आज मोहन जी ने पार्टी दी थी, मै बताना भूल गया था, पार्टी के शोर में मोबाइल की रिंग … Read more

अनजाना डर – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “माँ तुम अब बदल गई, पहले जैसी नहीं रही…!!”बेटी कली बोली जो भाई की शादी के बाद कुछ दिनों के लिये मायके आई थी…। कनक बेटी की बात सुन सोच में डूब गई, फिर बोली “तुम्हे ऐसा क्यों लगा “…।     “माँ, पहले जो हर गलत बात के लिये भिड़ जाती थी, … Read more

जोड़ -घटाव – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ” सुनो कल वो कानपुर वाले फूफा जी है न….. अरे वही जो चाची के फूफा जी… जो हमारी शादी में नहीं आ पाये थे… वो कल आ रहे “राघव ने मुझे यानि राधिका को हैरान देख,अपनी बात पूरी की। जब से राधिका यहाँ आई है रिश्ते उसे खिचड़ी के … Read more

किस्मत का फेर – संगीता त्रिपाठी   : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  उफ़्फ़ इस जंगली बेल के साथ मै कैसे जीवन बीता सकता हूँ, ऊँची साड़ी, होठों के बाहर तक फैली लिपस्टिक, राघव ने चिढ़ कर मुँह फेर लिया। जूली की करीने से लगाई गई लिपस्टिक और आँखों में लगाया आई -लाइनर याद आ गया।और एक ये महारानी हैं जो ना साड़ी … Read more

किससे करूँ शिकायत : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : मयंक और माला की पचासवीं वर्षगांठ थी, घर में धन की कमी थी नहीं, बेटे -बहू, बेटी -दामाद सबने बड़े उत्साह से तैयारी की।   तैयारी पर मयंक जी नजर रखें थे, कोई कमी ना रह जाये,उनकी इज्जत का सवाल जो था,आखिर लोगों को दिखाना भी तो था, उनकी पार्टी कितनी … Read more

खुशियों की चाभी – : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज मीरा का मन बहुत अशांत था। बचपन और माँ बहुत याद आ रही थी । सुनने वाले बोलेंगे पचपन में बचपन क्यों याद आना..। पर शायद हर इंसान के दिल में एक बच्चा छुपा होता है,जब दिल पर चोट पड़ती तो, उसे अपना बचपन और माँ शिद्दत से याद … Read more

शार्टकट- संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

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Moral Stories in Hindi : “सुन, जिस जोड़ी से हम सब जलन करते थे, उसका बुरा हाल है…”अपनी उखड़ी साँसो को दुरस्त करते माही बोली। “क्या बोल रही तू, अरे वो जोड़ी तो एक दूसरे के लिये बनी है, क्या प्रेम था दोनों में.,.., उन लोगों के मुहल्ले से जाने से रौनक़ ही खत्म हो … Read more

निर्णय – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

  “अंजू चल ना, बड़ी अच्छी मूवी लगी है,” नेहा ने जिद करते कहा! “नेहा, मम्मी जी मूवी जाएंगी नहीं और उनको अकेले छोड़ कर मैं भी नहीं जा पाऊँगी”, अंजू बोली “क्या यार, तू भी दिन भर मम्मी जी, मम्मी जी करती रहती, कौन सी तेरी अपनी माँ या सगी सास है,” नेहा चिढ़ कर … Read more

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