शर्मसार – रश्मि झा मिश्रा। : Moral stories in hindi

भैया आपको जरा भी शर्म नहीं आई… ऐसे आने में… देखिए सब कितना कुछ लाए हैं… कितने महंगे महंगे गिफ्ट… गहने.. कपड़े.. और आप क्या सिर्फ चांदी की मठिया और कपड़े लेकर आ गए… क्या कहूंगी मैं सबको… कैसे दिखाऊंगी… अब तो शर्मसार करना बंद करिए… हमेशा से आपका वही रोना रहा है….!  नीता अपने … Read more

खिलाफ… – रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi

शीला ने सधे शब्दों में पूछा…” उम्र क्या है तुम्हारी..?” “… जी आंटी.. 17 साल..!” रिशु लगभग मिमियाता हुआ बोला..  “…और निशी तुम्हारी.. 15 है ना.. हां तो क्या तुम लोगों को अभी शादी करनी है…!” ” नहीं मां ऐसा नहीं है…!”  “फिर क्या है… क्या चाहते हो.. ऐसे तो पढ़ाई लिखाई.. घर परिवार.. कुछ … Read more

बीमार होने से फर्क पड़ता है… रश्मि झा मिश्रा  : Moral stories in hindi

“अरे मां…! कितनी बार कहा है… इतनी सुबह मत नहाया करो.. तुम हो कि तुम्हें कुछ सुनाई ही नहीं देता… क्या जरूरत है.. ठंडी में इतनी सुबह हड़़बड़ हड़़बड़ करने की… आराम से सब चले जाएं.. तब नहा लो.. धूप निकलने दो.. तब नहाओ….!” आदर्श अपनी मां रमा जी को लगभग डांटते हुए ही.. इतना … Read more

सही फैसला…. रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi

सूनी सड़क पर.. भरी दोपहरी में.. बाइक उड़ाता कार्तिक.. पता नहीं किस दिशा में चला जा रहा था…!  सुबह से बिना कुछ खाए पिए… खुन्नस में और दिमाग काम नहीं कर रहा था…!  बाइक को सड़क पर दौड़ाता काफी दूर निकल गया… पहले 2 घंटे तो यूं ही गुजर गए.. दिमाग में अनेकों विचार.. द्वंद … Read more

तुम पर सिर्फ मेरा अधिकार है…. रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi

मोनू भाग कर दादी के पीछे छुप गया…” दादी बचा लीजिए.. दादी बचा लीजिए…! पीछे से सिया गुस्से मे आई तो मोनू डरते हुए बोला…” दादी प्लीज दादी.. मम्मी से बचा लीजिए…!” दादी उसे समेट कर आगे ले आई.. फिर हंसते हुए बोली…” पर हुआ क्या.. यह तो बताओ..!”  सिया खीझ कर बोली..” एक भी … Read more

दायित्व – रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi

आंगन के बाहर बने… बरगद के चबूतरे पर… नन्ही रिया बैठी चुपचाप अंदर हो रहे घमासान को देख रही थी….!  उसकी आंखों के आंसू सूख चुके थे… चेहरा पीला पड़ गया था…. आंगन में उसके पिता की लाश पड़ी थी…. मां तो उसे जन्म देते ही गुजर गई थी… और यह पिता जिन्होंने 10 सालों … Read more

जो मेरे साथ हुआ….. रश्मि झा मिश्रा   : Moral stories in hindi

नेहा के पापा सरकारी महकमे में.. उच्च पदस्थ अधिकारी थे… उनका घर.. लेकिन किसी बड़े शहर में न होकर… एक छोटे कस्बे में था… जहां उच्च शिक्षा की… बेहतर सुविधाएं.. उपलब्ध नहीं थी….। अपनी 12वीं की परीक्षा संपन्न करने के बाद.. आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए… नेहा को घर से हॉस्टल भेजना पड़ा…! … Read more

अहमियत किसकी – रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi

प्रभा जी ने कमर में खोंसी हुई.. चाबी का गुच्छा निकाला… भंडार घर खोलकर… श्वेता को आवाज़ लगाई…” लो जी कहां है बर्तन… किस में डालूं चावल… ऐसा नहीं होता कि बर्तन लेकर आए… फरमाइश चला दी.. की अम्मा दाल चावल निकाल दीजिए… सर पर निकालूं क्या…!”  तभी श्वेता भागती हुई… दो बर्तन लेकर… भंडार … Read more

जमाना बदल रहा है -रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi

नमिता ने घर पहुंच सौरभ को मां की गोद में दिया… बैग रखे… मां पापा के पैर छूकर… सीधा अपने कमरे में घुस गई….!  मां ने आवाज लगाया….” क्या हुआ नम्मो… इतनी जल्दी में क्यों है…. चाय बनाऊं …! नमिता बोली…. “नहीं मां… रुको… आती हूं….”  थोड़ी देर बाद एक ढीला ढाला गाउन डाले अंदर … Read more

किस्मत का खेल…(भाग 2)- रश्मि झा मिश्रा:Moral stories in hindi

ट्रेन स्टेशन पर रुकी तो अंधेरा हो चुका था…. नरोत्तम जी बच्ची का हाथ पकड़ घर की तरफ बढ़े… अंधेरे में कदम बढ़ाते उन्होंने कहा…” अरे बेटा तुम्हारा नाम तो पूछा ही नहीं… क्या नाम है तुम्हारा…”  लड़की ने चेहरा उठाकर नरोत्तम जी की तरफ देखते हुए कहा…” मालूम नहीं….. नई मां तो कलमूंही ही … Read more

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