प्रेम की अनुभूति – रश्मि प्रकाश  : Moral stories in hindi

“केशवी सुन तो बेटा किधर भागी जा रही है… तेरे दोस्त आते ही होंगे…अच्छे से तेल लगा लेना नहीं तो रंग छुड़ाते वक्त रोने लगेगी ।”कला अपनी बेटी को घर से बाहर जाते देख कर जोर से बोली “ आती हूँ माँ पहले अपने कान्हा के साथ होली तो खेल आऊँ नहीं तो वो ग़ुस्सा … Read more

रंगो की आड़ में.. – रश्मि प्रकाश : Moral stories in hindi

“ भाभी रसोई से निकलो और बाहर चलो ना… देखो सब रंग खेलने आए हुए हैं आप बाहर नहीं जाएगी तो वो रसोई में आ जाएँगे फिर माँ नाराज़ अलग होगी और हमारी मेहनत डबल… प्लीज़ भाभी चलो ना..।” अपनी भाभी कौशांबी से मनुहार करती तृप्ति कहे जा रही थी  “ आप देख रही है … Read more

भाभी ने कहा है तो ठीक होगा…. – रश्मि प्रकाश : Moral stories in hindi

रति के देवर निकुंज की की शादी बहुत धूमधाम से हुई… नई बहू राशि जब ससुराल आई तो दूसरे दिन रिसेप्शन की तैयारी चल रही थी। दस साल बाद इस घर में शादी हो रही थी… रति की शादी के समय तो रिसेप्शन में ऐसे ही घर के ड्राइंग रूम को हल्का सजाया गया था … Read more

मायके के लिए फ़र्ज़ कैसे भूल जाऊँ – रश्मि प्रकाश  : Moral stories in hindi

“ अरे बेटा तू अचानक यहाँ आ गई.. सब ख़ैरियत तो है?” दरवाज़े की घंटी बजते दरवाज़े पर राशि को यूँ अचानक आया देख सुमिता जी बोली “हाँ माँ तुम तो जानती हो मैं बहुत जल्दी घबरा जाती हूँ दो तीन दिन से बड़े बुरे सपने देख रही थी तो सोचा आकर तुम सब से … Read more

भरोसे का खून – रश्मि प्रकाश : Moral stories in hindi

सुबह सुबह पाँच बजे दरवाज़े की घंटी बजते ही रचिता आँखें मलते हुए उठी और दरवाज़े की तरफ़ बढ़ गई साथ ही साथ बुदबुदाती भी जा रही थी इतनी सुबह सुबह कौन आ सकता है….? दरवाज़ा खोलते ही देखती है सामने पड़ोस में काम करने वाला लखना परेशान सा खड़ा है  “दीदी जी  जल्दी घर … Read more

दूसरा मौक़ा – रश्मि प्रकाश   Moral stories in hindi

 वह बत्तीस वर्ष की एक जिंदादिल महिला थी .. पति तो शादी के एक साल बाद ही गुजर गए। ससुराल वालों ने भी मुंह मोड़ लिया था। मायके में माता पिता का साथ मिल रहा था पर कहते हैं ना जब पति ना हो तो बहुत कुछ बदल जाता है .. उसकी जिन्दगी में भी … Read more

बेटी के घर जाकर रहने का पाप नहीं होगा – रश्मि प्रकाश: Moral stories in hindi

“ मम्मा.. ये दादी माँ अपना सामान पैक कर कहाँ जा रही हैं…?” अद्दू ने निशिता से पूछा तो वो चौंक गई. जल्दी से कलछी छोड़ सासु माँ के कमरे की ओर भागी. “ आप बिना बताए कहाँ जा रही हैं माँ…. ?” निशिता ने पूछा. “ बहू मुझे राशि के पास जाना है… अब … Read more

गृह प्रवेश – रश्मि प्रकाश  : Moral stories in hindi

माधुरी एक महीने से अपने नए घर के गृहप्रवेश की तैयारियों में व्यस्त थी, अपना घर जिसका सपना उसने ना जाने कब से संजो कर रखा हुआ था और आख़िर वो दिन आने वाला था पर क्या सब कुछ उसकी सोच के मुताबिक़ होने वाला था या फिर कुछ ऐसा होने वाला था जिसकी उसने … Read more

काश मेरी कोई औलाद ही नहीं होती – रश्मि प्रकाश : Moral stories in hindi

अभी भी रमा बुत बनी वैसे ही भीगी बैठी हुई थी,बदन थर-थर काँप रहा था पर उसे होश ही नहीं था छत से नीचे चली जाए, जाने कब बारिश शुरू हो गई थी और वो ख़्यालों में ही खोई हुई थी,अभी भी ठंडी हवाएँ चल रही थी पर बारिश थम चुकी थी,तभी उसे अपना नाम … Read more

कड़वी यादों से बिगड़ते रिश्ते – रश्मि प्रकाश   : Moral stories in hindi

“ दीदी गूंजा की शादी में आ रही हो ना….जल्दी से आओ ना…. सब बार-बार पूछ रहे हैं घर की बड़ी बेटी कहाँ ग़ायब है…. भतीजी का ब्याह है उनको तो सबसे पहले आना चाहिए ।” रति अपनी बड़ी बहन राशि से बोली  राशि हूँ हूँ कर बोली,“ माँ को फोन दो…. हम बात कर … Read more

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