राजा साहब (भाग 3 ) – रश्मि प्रकाश

दस दिन किसी तरह बीत गए बच्चों को भी गाँव में मन लगने लगा था…हर दिन खेतों पर जाना.. ताजी ताजी सब्ज़ियाँ तोड़ कर लाना… नए नए अनुभव लेकर अब उनके जाने का दिन आ गया था। राजा साहब चाहकर भी बच्चों को रोक नहीं सकते थे क्योंकि सोहम और सोहा के स्कूल जो खुलने … Read more

राजा साहब (भाग 4 ) – रश्मि प्रकाश

सोना ने बहुत अच्छी तरह से रज्जु की देखभाल की ज़िम्मेदारी उठा ली थी। सोहम और सोहा शाहर जाने के इंतज़ार में बस अब दिन गिन रहें थे क्योंकि उनकी पढ़ाई का नुक़सान हो रहा था.. संग लाई किताबें पढ़ तो रहे थे पर स्कूल के दोस्तों को याद करते रहते थे गाँव में जो … Read more

राजा साहब (भाग 5) – रश्मि प्रकाश

सोना ने बहुत अच्छी तरह से रज्जु की देखभाल की ज़िम्मेदारी उठा ली थी। सोहम और सोहा शाहर जाने के इंतज़ार में बस अब दिन गिन रहें थे क्योंकि उनकी पढ़ाई का नुक़सान हो रहा था.. संग लाई किताबें पढ़ तो रहे थे पर स्कूल के दोस्तों को याद करते रहते थे गाँव में जो … Read more

राजा साहब (भाग 6 ) – रश्मि प्रकाश

राजा साहब भागे भागे रज्जु की कोठी पर पहुँचे उनके पीछे पीछे हरिया भी सोना, सोहम और सोहा को ले आया था। “ ये क्या बात हुई रज्जु एक दिन में ही तुमने जाने की बात कह दी.. ना पहले कुछ सुनने को तैयार हुई ना अब बस तुम्हें भागने की आदत है..!” राजा साहब … Read more

राजा साहब (भाग 7 ) – रश्मि प्रकाश

ऐसे ही महीने बीतने लगे रज्जु ने स्कूल आना बंद कर दिया कजली भी अब कभी आती कभी नहीं आती । राजा साहब से रहा नहीं गया तो हरिया को ले रज्जु के घर पहुँच गए। घर पहुँचे तो रज्जु के माता पिता घबरा गए। वो लोग रज्जु से मिलने नही दे रहे थे। राजा … Read more

राजा साहब (भाग 8 ) – रश्मि प्रकाश

राजा साहब अब सब छोड़ कर पिता के कारोबार में लग गए जो शहर जाकर सामान लाते और अपनी एक छोटी सी परचून की दुकान पर बेचा करते। गाँव में कम उम्र में ही ब्याह कर दिया जाता है बस राजा साहब के लिए भी रिश्ते की बात चलने लगी।राजा साहब हर रिश्ते में कमी … Read more

राजा साहब (आखिरी भाग ) – रश्मि प्रकाश

“ ये सब क्या है राजा?” पिता ने कड़क आवाज़ में पूछा “ पिताजी आप सदैव कहते हैं ना किसी भी अबला को मुसीबत में देखो तो मदद करना चाहिए.. बस आज ये लड़की अपने बच्चे के साथ नदी में कूद कर जान देने जा रही थी …..मैं इसे अपने साथ घर ले आया.. अब … Read more

बेटी हूँ पर बेटे से कम तो नहीं – रश्मि प्रकाश

माँ माँ चलो बारात आ गई …. पापा तुम्हें बाहर बुला रहे हैं ।” कामाक्षी ने अपनी माँ से कहा जो अंदर पूजा का सामान सहेजने में व्यस्त थी…. कौशल्या जी जल्दी से सिर पर रखी चुनरी सहेज दरवाज़े पर दूल्हे को परिछने आ गई । शादी की रस्में चल ही रही थी कि लड़के … Read more

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