रंगों का त्योहार – मंजू ओमर : Moral stories in hindi

होली का त्योहार नजदीक था लेकिन गायत्री जी के मन में कोई उत्साह नहीं था। गायत्री जी सोच रही थी क्या फर्क पड़ता है अब कोई त्यौहार आए या जाए । जैसे सब दिन बीतते हैं वैसे ये भी दिन बीत जायेंगे।अब कैसी होली और कैसी दीवाली।                    चाय पीते पीते अतीत में खो गई गायत्री … Read more

जिंदगी सुख कम और दुख ज्यादा देती है – मंजू ओमर  : Moral stories in hindi

आज संजय की मृत्यु हो गई थी वहां से आकर मन बहुत उदास था । संजय मेरे पति के दोस्त थे बहुत ज्यादा प्रगाढ़ता थी आपस में बिल्कुल घर जैसे संबंध थे हम दोनों के परिवार में। हमारी और संजय की शादी भी साथ साथ चार महीने के अंतर पर हुई थी । दोनों के … Read more

समय का बदलाव – मंजू ओमर : Moral stories in hindi

ये समय चक्र है हमेशा एक सा नहीं रहता कभी किसी का पलड़ा भारी तो कभी किसी का। लक्ष्मी आंटी का बड़ा रूतबा था अपने घर पर , अपने बहुओं पर , रिश्तेदारों में , मुहल्ले पड़ोस में।हर समय बस वो अपनी अपनी ही कहती रहती है घर के बाहर थोड़ी देर को खड़ी हो … Read more

इंजीनियर बनना है – मंजू ओमर: Moral stories in hindi

आज नरेंद्र जी भारी मन से बेटे पियूष का बोरिया बिस्तर समेटकर दिल्ली के कालेज से लेकर घर आ गये । पत्नी ने दरवाजा खोला तो बोले नरेन्द्र जी लो आ गया तुम्हारा गधा बेटा तीन साल बर्बाद करके । पत्नी भी उदास हो गई थी क्योंकि नरेन्द्र जी और उनकी पत्नी दोनों चाहते थे … Read more

कितना शर्मशार करोगे – मंजू ओमर  : Moral stories in hindi

मर क्यों नहीं जाता तू कितना शर्मशार करेगा ,कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा,हे भगवान इसे उठा क्यों नहीं लेता तू कुसुम आंटी बराबर उसको डंडे से पीटती जा रही थी। आखिर में वो डंडा भी दो टुकड़ों में टूट गया। प्रकाश जी जो उनके पड़ोसी थे कुसुम आंटी को पकड़कर घर तक छोड़ने आए … Read more

पुलिस कम्पलेन , बहू बेटे के खिलाफ – मंजू ओमर : Moral stories in hindi

आज सुबह सुबह सामने गुप्ता आंटी के घर पुलिस आई थी उन्होंने अपने बहू बेटे के खिलाफ पुलिस कम्पलेन की थी ।      75 साल की गुप्ता आंटी काफी परेशान रहती थी अपने बहू बेटे से। उनके दो बेटियां और एक बेटा है । पति का दस साल पहले स्वर्गवास हो गया था । सभी बच्चों … Read more

रितेश का फैसला – मंजू ओमर  : Moral stories in hindi

रितेश अपने साले को बाहर गाड़ी तक छोड़ कर जब अंदर आया तो देखा नुपुर मुनमुन की फोटो लिए आंसू बहा रही थी। रितेश ने नुपुर को गले से लगा लिया और आंसू पोंछते हुए समझाने लगा धीरज रखो नुपुर कितना रोओगी बस भी करो नहीं था अपनी किस्मत में मुनमुन,वो बस थोडे समय के … Read more

प्यार हर वक्त जाहिर करने की चीज नहीं होती – मंजू ओमर: Moral stories in hindi

राहुल देख रहा था मानसी कल से गाल फुलाए हुए हैं बात नहीं कर रही है चाय , नाश्ता, खाना सब चुपचाप रखकर चली जाती है। राहुल के समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर मानसी क्यों रूठी हुई है। बात करने पर भी ज्यादा बात नहीं करती है बस छोटा सा जवाब देकर … Read more

तुम पर सिर्फ मेरा अधिकार है –   मंजू ओमर : Moral stories in hindi

क्यूं री चंदा अभी तक लेटी है नाश्ता खाना नहीं बनेगा क्या और घर का काम कौन करेगा जानकी जी की कड़कती आवाज आई जरा सी बेटे ने डांटा क्या दिया बैठी जाकर कोप भवन में। क्यों बकवास करती रहती है पति से बिना मतलब के उसका दिमाग खराब करती रहती है।अब तुम पर बस … Read more

नालायक – मंजू ओमर : Moral stories in hindi

जगदीश जी अपने बेटे की हरकतों से परेशान हो गए थे।आए दिन उसकी शिकायतें मिलती रहती थी परेशान हो गए थे वो अपने बेटे से ।कारण था घर में अच्छा खासा पैसा था और जगदीश जी की पत्नी निर्मला जी बेटे के हाथ में खूब पैसा देती रहती थी जिसकी वजह से बेटा थोड़ा सा … Read more

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