तुम्हारे लिए …!! –  लतीका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : बधाई हो विष्णु आज तेरी वर्षों की तपस्या त्याग और मेहनत  सफल हो ही गई शिवदयाल ने विष्णुप्रताप को गले लगाते हुए जोर से बधाई दी तो बेटा भड़क उठा हुंह..!पापा की कौन सी त्याग तपस्या मेहनत अंकल!!इन्होंने आज तक किया ही क्या है मेरे लिए ये सब मेरी मेहनत … Read more

तुम्हारे लिए …!! – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

बधाई हो विष्णु आज तेरी वर्षों की तपस्या त्याग और मेहनत  सफल हो ही गई शिवदयाल ने विष्णुप्रताप को गले लगाते हुए जोर से बधाई दी तो बेटा भड़क उठा हुंह..!पापा की कौन सी त्याग तपस्या मेहनत अंकल!!इन्होंने आज तक किया ही क्या है मेरे लिए ये सब मेरी मेहनत है.. पिता हैं  तो बेटे … Read more

 बंधते रिश्ते – लतिका श्रीवास्तव : Short Stories in Hindi

पापा इस बार मैं घर तभी आऊंगी जब भाभी घर से जाएंगी  वो नहीं दिखना चाहिए मुझे घर में……!नेहा बेटी का वही जिद्दी स्वर …. पर बेटा सुनो तो मेरी बात ….कैलाश नाथजी कहते रह गए और नेहा ने कॉल काट दिया। ………नेहा उनकी इकलौती बिटिया … बहुत ज्यादा लाडली …बचपन से अपनी हर ज़िद … Read more

आशीर्वाद की लाज..!! – लतिका श्रीवास्तव  : Moral Stories in Hindi

दादी आज मेरा फाइनल मैच है… सर पर कैप लगाए और हाथों में क्रिकेट का बेट लिए हुए शानू ने पैर छूते हुए कहा …जोरदार वाला आशीर्वाद  दीजिएगा दादी प्लीज इस बार ट्रॉफी लेकर आना है…” अरे बेटा दादी के आशीर्वाद से नहीं तेरे जोरदार खेलने से ही ट्रॉफी मिलेगी….सुधीर जी ने हंसते हुए कहा। … Read more

जोरू का गुलाम (भाग -2)- लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

बिचारी आनंदी दुखी हो जाती है सुन सुन कर उसे ऐसा लगता है जैसे जोरू का गुलाम एक इल्जाम है जो उसके कारण मेरे ऊपर लगाया जाता रहता है। अरे भाभीजी पलाश भइया पर क्या जादू किया है आपने हमें भी सीखा दीजिए पलाश के मित्रों की पत्नियां अक्सर उसे छेड़ती थीं। घर पर कोई … Read more

जोरू का गुलाम (भाग -1)- लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : रहने दे बेटा मां को छोड़ तू तो जा अपनी बीबी की ही तीमारदारी कर …..राजमोहन जी ने बहुत धीमे से दांत दबाकर कहा था लेकिन फिर भी अंत का शब्द जोरू का गुलाम पलाश के कानों में पड़ ही गया था। पत्नी आनंदी के साथ पलाश का हंसी ठिठोली … Read more

बादलों की घुमड़न- लतिका श्रीवास्तव : hindi stories with moral

hindi stories with moral : एक्सक्यूज मी मैडम…..तीसरी बार वही वाक्य सुनकर शिवानी ने उस ओर देखा तो एक नवयुवक सामने की सीट से उससे कुछ कहने की कोशिश कर रहा था.. क्या बात है पूछने पर समझ आया कि वह अपने  पिता को लेकर चिंतित था जो पहली बार हवाई यात्रा कर रहे थे … Read more

मन की आंखें – लतिका श्रीवास्तव : hindi stories with moral

hindi stories with moral : टिप टिप गिरती बारिश की बूंदों ने सागर के बढ़ते कदमों को रोक दिया और वो शीघ्रता से विशाल आम्र वृक्ष की सघन शरण में खड़ा हो गया था….हाथ की छड़ी उसने मजबूती से पकड़ी हुई थी और एक हाथ से बजते हुए मोबाइल को जेब से निकालने की कोशिश … Read more

मना करना सीख!! – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

सोमा आ तो ये मेरा सूटकेस खोल दे जरा जी मां अभी आई अरे ठीक से पकड़ ना ध्यान कहां रहता है तेरा आजकल एक काम ढंग से नहीं होता.. सोमा मेरी चाय कहां है कल सुबह मिलेगी क्या जी पिताजी अभी चाय लाई पता नही क्या करती रहती है एक चाय भी ढंग से … Read more

मना करना सीख!! – लतिका श्रीवास्तव   : hindi stories with moral

hindi stories with moral : सोमा आ तो ये मेरा सूटकेस खोल दे जरा जी मां अभी आई अरे ठीक से पकड़ ना ध्यान कहां रहता है तेरा आजकल एक काम ढंग से नहीं होता.. सोमा मेरी चाय कहां है कल सुबह मिलेगी क्या जी पिताजी अभी चाय लाई पता नही क्या करती रहती है … Read more

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