सॉफ्ट टारगेट – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

विद्यासागर जी पुराने जमीदार थे।कभी उनकी तूती बोलती थी।शान शौकत तो थी ही,साथ ही विद्यासागर जी का रूवाब बेइंतिहा था।जिधर से निकल जाते थे,उधर ही उनकी रियाया सर झुका कर खड़ी हो जाती।इतना होने पर भी विद्यासागर जी रहम दिल थे,अपनी रियाया के प्रति हमदर्दी रखते थे। जमीदारी उन्मूलन के बाद सब रुतबा खत्म,बस मजदूरी … Read more

बंद आंखों से बहते आंसू – बालेश्वर गुप्ता Moral Stories in Hindi

हतप्रभ सी यशोदा कभी तो अपने बेटे राजू की ओर तो कभी उसके साथ आयी सोनी को देख रही थी।वे उससे आशीर्वाद मांग रहे थे,पर यशोदा तो मानो पथ्थर की हो गयी थी।        राजू और सोनी की मुलाकात ऐसे ही अचानक राजू के आफिस में ही हो गयी थी।सोनी नगर के उद्योग पति सेठ हीरालाल … Read more

माधवी का पुनर्जन्म – बालेश्वर गुप्ता Moral Stories in Hindi

    मेरठ से बृजघाट गंगा की दूरी मात्र 55 किलोमीटर है।पिछले वर्ष से आनंद जी के घुटनो में जो समस्या पैदा हुई तो उनका चलना ही दूभर हो गया।दुकान पर भी मुश्किल से ही जा पाते।घर के आंगन में चारपाई पर लेटे रहते थे।बृजघाट जाने के लिये आनंद जी ने टैक्सी की,स्टिक की सहायता से घर … Read more

खुशनुमा बयार – बालेश्वर गुप्ता Moral Stories in Hindi

मानसी-मानसी, खुश खबरी, कल पापा हमारे पास आ रहे है,तीन दिन रहेंगे।ओह, पापा, आपने हमे माफ कर दिया,इससे बढ़कर हमारे लिये कुछ भी नही।      क्यों, राजेश क्या अब मेरी बिरादरी बदल गयी है जो दो वर्ष पहले मुझे ताना देकर सुनाई गई थी,या अब अपने बेटे से कुछ जरूरत आन पड़ी है?        ये कैसा रिएक्शन … Read more

खुशनुमा बयार – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

मानसी-मानसी, खुश खबरी, कल पापा हमारे पास आ रहे है,तीन दिन रहेंगे।ओह, पापा, आपने हमे माफ कर दिया,इससे बढ़कर हमारे लिये कुछ भी नही। क्यों, राजेश क्या अब मेरी बिरादरी बदल गयी है जो दो वर्ष पहले मुझे ताना देकर सुनाई गई थी,या अब अपने बेटे से कुछ जरूरत आन पड़ी है? ये कैसा रिएक्शन … Read more

ताऊ बिहारी का खत-बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

शिव कुमार की आंखों के कौर से आंसू टपक रहे थे,उनके हाथ मे आज ही आया ताऊ बिहारी का खत था।अपनी घसीटे लेख में ताऊ बिहारी ने लिखा था,रे शिव मन्ने जरूर पाप करे होंगे तभी तो भगवान सजा दे रहा है।कहवै तो हैं छोरा छोरी बरोबर होवै हैं, हमने तो अपनी छोरी को छोरा … Read more

चुराना समय का – बालेश्वर गुप्ता: Moral Stories in Hindi

 निशिकांत,क्या यार इस उम्र में भी बच्चो के साथ कहीं भी घूमने चले जाते हो?क्या ये अच्छा लगता है?       क्या करे सुशांत, बेटा जिद करता है तो चला जाता हूँ।मैं अपनी तरफ से तो कहता नही।     पर तुम मना तो कर सकते हो।जवान बच्चे हैं, नैनीताल जा रहे हैं,उनके साथ तुम भी लटक लिये।भई साफ … Read more

उदारता (भाग – 2 ) – बालेश्वर गुप्ता : hindi stories with moral

(15 दिसम्बर 2023 को प्रकाशित मेरी कहानी उदारता का आज यानि 25 अप्रैल 2024 पुनः प्रकाशन हुआ है,कुछ पाठकों की प्रतिक्रिया थी कि कहानी का अंत अधूरा सा है,कहानी के नायक की अधोगति दिखाई जानी चाहिये थी,सो उसी कहानी का यह दूसरा भाग प्रस्तुत है।)     दूसरी प्रेमिका रीमा से शादी करने के लिये तलाक लेने … Read more

भ्रम जाल – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

माँ ओ माँ, देख तेरा लाडला क्या गुल खिला रहा है,पता नही कैसे मैं खून के घूंट पीकर आया हूँ?कैसे अपने को रोका है अरे बात तो बता,क्या पहाड़ टूट पड़ा है?अनुज ने ऐसा क्या कर दिया है? पूछ रही हो क्या कर दिया है?ये पूछो क्या नही कर दिया है? विक्रम क्यों पहेली सी … Read more

कोमलता की सीमा – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

   अब आये हो गोपाल,जीवन के पूरे तीन वर्ष छीनकर।क्या मिला तुम्हें?मेरा सम्मान मेरा अभिमान मेरा विश्वास सब कुछ तुमने ध्वस्त किया है।गोपाल तुम्हारे साथ चलूं भी तो क्या यह पहले वाली सीमा होगी,वो तो कभी की मर चुकी?      ऐसा मत कहो सीमा,सब मेरी ही गलती थी,आज मैं पूरी तरह स्वीकार करता हूं।मैं तुम बिन नही … Read more

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