सॉफ्ट टारगेट – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi
विद्यासागर जी पुराने जमीदार थे।कभी उनकी तूती बोलती थी।शान शौकत तो थी ही,साथ ही विद्यासागर जी का रूवाब बेइंतिहा था।जिधर से निकल जाते थे,उधर ही उनकी रियाया सर झुका कर खड़ी हो जाती।इतना होने पर भी विद्यासागर जी रहम दिल थे,अपनी रियाया के प्रति हमदर्दी रखते थे। जमीदारी उन्मूलन के बाद सब रुतबा खत्म,बस मजदूरी … Read more