ठंड के लड्डू – किरण केशरे

मधुसूदन जी और राधिका आँगन की धूप में बैठे अदरक की चाय की चुस्कियां ले रहे थे,, पूस की रातें वैसे भी बहुत ठंडी ही रहती है, गरम कोट और शाल में भी सर्द हवा अंदर घुस ही जाती है। 

इस बार लड्डू नही बन पाए थे राधिका जी से,, जो दोनों को ही बहुत पसंद थे । गिरते स्वास्थ्य और कमजोरी भी आ गई थी उन्हें साथ ही उम्र का भी तकाजा था! 

सुगंधा  और राजेश के लिए भी वह मिर्च का अचार और उड़द  मेवे के लड्डू बनाकर हर साल बेंगलौर भेजती थी, दोनों को बहुत पसन्द थे राधिका जी के हाथ के बने लड्डू और चटपटा अचार! लेकिन इस बार छुट्टियों में दोनों जब घर आए थे तब इस पुराने से बड़े घर और खेत को बेचकर बेंगलौर में ही बड़ा घर खरीदने का मन था राजेश का…लेकिन मधुसूदन जी तैयार नही थे, वे अपनी जड़ों से जुड़े रहना चाहते थे। 

राजेश नाराजगी के चलते ही सुगंधा के साथ बेंगलौर आ गया था …

कोई कॉल नही , कोई बातचित नही की लम्बे समय से राजेश ने माता पिता से! 

आज अचानक कोरियर से पार्सल आया था,,जिसे खोलते ही  ठंड के लड्डू और मिर्च के अचार की खुशबु आने लगी ,  कोरियर राजेश का था! राधिका जी  का मन सुखद एहसास से भर उठा था…साथ में एक छोटी सी चिट्ठी भी थी राजेश के हाथ की  ! 

लिखा था… बाबा मुझे माफ कर देना, मैं घर और खेत को बेचकर अपने स्वार्थ के लिए आपको और माँ को अपने घर से दूर करना चाहता था…लेकिन आज जब दस साल की नौकरी के बाद मुझे दूसरे शहर में जाकर काम करने आदेश आया है तो मैं बेचैन हो रहा हूँ… फिर आप दोनों ने तो अपना सारा जीवन इस घर में बिताया,, सेंकड़ो खट्टी- मिठी यादें जुड़ी होंगी ! मेरी इस धृष्टता की आप जो सजा देना चाहें मुझे स्वीकार है! सुगंधा ने आपकी पसंद के उड़द मेवे के लड्डू और मिर्च का अचार भेजा है, क्योंकी माँ ने तो हमेशा ही बड़े प्यार से बनाकर हमें खिलाया..लेकिन अब आप दोनों का ध्यान रखने की हमारी ,,पहली आवश्यकता और कर्तव्य है…सोनू और मिनी आपको बहुत याद करते हैं, हम सब आपके यहाँ आने की बेसब्री से प्रतिक्षा करेंगे। 

आपका बेटा  राजेश 

मधुसूदन जी चिट्ठी पढ़ रहे थे और राधिका जी की आँखों से खुशी मिश्रित अश्रु छलक रहे थे ,,,मधुसूदन जी भरे गले से बोल रहे थे… अरे राजेश की माँ ! वो ठंड के लड्डू और अचार तो खिलाओ जो हमारी सुगंधा बेटी ने भेजे हैं …आज हमारे बच्चों की पुनः घर वापसी हो गई है  ।

           

             किरण केशरे

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!