हास्य व्यंग्य – भगवती सक्सेना गौड़

सुगंधा की शादी को पंद्रह दिन हुए थे, आज जरा फुरसत से आराम कर रही थी। प्रसिद्ध इंटीरियर डेकोरेटर थी, एक महीने की उसने शादी के लिए छुटियाँ ली थी। उसका बाबू, सोनू पति सुगंध आज आफिस गए थे। दिमाग की खोजी प्रकृति ने सिर उठाया, सुगंधा अपने विचारों में खो गयी। अरे मैने सात … Read more

कमेंट ” – *मधु मिश्रा,ओडिशा

निर्मला के युवा संगिनी ग्रुप की महिलाओं ने आज बसंत पंचमी के लिए सभी महिला मित्रों को पीले श्रृंगार में बुलाया था l ग्रुप में हर वर्ष जो महिला सबसे सुन्दर लगती.. उसे *बसंत बहार*की टाइटिल दी जाती थी l                इस कार्यक्रम में जाने के लिए निर्मला ने भी हल्की पीले रंग की साड़ी पहनी … Read more

आखिर करती क्या हो?” – अनुज सारस्वत

#बैरी पिया “मैंने जो व्हाट्सएप किया था सामान ले आए ना आप “ पूनम ने अपने पतिदेव अमन को कहा “अरे भूल गया ” अमन बोला “बस भूल जाओ आज तीसरी बार भूले हो ,बाकी सारे काम आपको याद रहते हैं मैं जो कह दो वह भूल जाओ” और इसके साथ ही 3 साल लंबी … Read more

दुल्हन – कंचन श्रीवास्तव 

मिन्नत करती हुई – रुको न थोड़े दिन और साथ रह लेने दो,देखो न बिगड़ती हालत देखकर लोग कैसे बिलख रहें हैं।इधर उधर भाग रहे ,दवा, दुआ सब कर रहे ।पर कोई फायदा नहीं हो रहा मैं देख रही हूं कि और  पैसे भी खत्म हो गए पत्नी का गहन गिरवी पड़ा है सेठ साहूकार … Read more

एहसास – माता प्रसाद दुबे,

” सुनिए जी.. बाहर वाला कमरा कब तक तैयार हो जाएगा?” सरिता कमरे के अंदर आते हुए प्रकाश से बोली।”दस बारह दिन और लगेंगे?” सरिता की तरफ बिना देखे ही प्रकाश बोला। “अभी पूरी दीवार बननी बाकी है..आप दो चार मजदूर बढ़ा क्यो नही देते..काम और जल्दी हो जाएगा?” सरिता  झुंझलाते हुए प्रकाश से बोली। … Read more

एक प्यारा सा रिश्ता – डा.मधु आंधीवाल

एक पेड़ के नीचे एक कृशकाय महिला प्रति दिन चुपचाप बैठी रहती थी । रुचिका सुबह कालिज आती जाती उसे देखती  थी । वह किसी से ना भीख मांगती ना कुछ  बोलती थी । आंखों में उदासी और  टकटकी लगाये रास्ता  निहारती । एक दिन रुचिका वहां से निकली तो देखा वहाँ भीड़ लगी हुई … Read more

कसक—–डा.मधु आंधीवाल

शोभित मुस्कुराता हुआ अपने मोबाइल पर फटाफट उँगलियां दौड़ा रहा था! उसकी पत्नी नीरजा बहुत देर से उसके पास बैठी खामोशी से देख रही थी, जो उसकी रोज़ की आदत हो गई थी और जब भी कोई बात शोभित  से करती तो जवाब ‘हाँ’ ‘हूँ’ में ही होता या नपे-तुले शब्दों में! “किससे चैटिंग कर … Read more

निर्णय ——डा.मधु आंधीवाल

सब आ चुके थे रजत की तबियत अधिक बिगड़ती जा रही थी ।उर्बि को कुछ समझ नहीं आ रहा था । वह अपने को बहुत संभाले हुई थी । बच्चे बाहर थे दोनो बेटियाँ और बेटा । सब शाम तक आजायेगे । रजत की लापरवाही से बीमारी बढ़ती गयी ।अभी बच्चों की पूरी जिम्मेदारी थी … Read more

सच्चा साथ – लतिका श्रीवास्तव 

  नई नवेली दुल्हन मानसी  सौरभ के साथ जैसे ही अपनी सासू मां सुनंदा देवी के चरण स्पर्श करने के लिए झुकी ,सुनंदा देवी ने अपने पैर तत्क्षण तेजी से पीछे हटा लिए यह सौरभ की तेज नजरों से अछूता नहीं रहा….मानसी की खूबसूरत आंखों के अनमोल  आंसू उसके हाथो के आश्वासन भरे स्पर्श से पलकों … Read more

*बचपन * – अनु ‘इंदु’

” अरे कानन तुम ? आज़ इतने दिनों बाद याद आई मेरी ? जब से यहाँ से मॉडल टाउन में शिफ्ट हुई हो , तुमने तो मिलना ही छोड़ दिया । चलो दिवाली के बहाने से सही तुम आई तो सही । बहुत सुँदर है बेटी तुम्हारी , कितनी बड़ी हो गई । जब तुम … Read more

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