आखिर करती क्या हो?” – अनुज सारस्वत

#बैरी पिया

“मैंने जो व्हाट्सएप किया था सामान ले आए ना आप “

पूनम ने अपने पतिदेव अमन को कहा “अरे भूल गया ” अमन बोला

“बस भूल जाओ आज तीसरी बार भूले हो ,बाकी सारे काम आपको याद रहते हैं मैं जो कह दो वह भूल जाओ”

और इसके साथ ही 3 साल लंबी फेहरिस्त निकाल कर रख दी अमन के सामने  ।

” अरे इतना ही तो खुद क्यों नहीं ले आती, मेरे कान खाती रहती हो आखिर करती क्या हो दिनभर?” अमन गुस्से से बोला

अब तो  ज्वालामुखी फटना ही था तीनों लोकों में प्रलय जो आनी थी और इंद्र का सिंहासन हिलाने बाली क्रोध युक्त वाणी के साथ पूनम ने राफेल जेट से बम बरसाने शुरू किये कि,

“बस यही सुनना था तो सुनो महाराज  मैं क्या करती हूं ?सुबह उठकर जो आराम से नहा धो के नाश्ता करके लेकर जाते हो और यह जो दो तुम्हारे अनमोल रत्न एंड कंपनी का नहाना धोना टिफिन ,घर सफाई फिर दोपहर का खाना पीना, मम्मी जी का ध्यान तो कोई जिन भूत कर जाता होगा, कपड़े प्रेस करे हुए ,रुमाल ,वॉलेट चश्मा घड़ी, जो आकर ऐसे ही फेंक देते हो ऑफिस से ,वह अगले दिन सही से अपनी जगह वह देवता आकर रख जाते होंगे ,फिर शाम को क्या बनाना है बच्चों की अलग पसंद  तुम्हारी अलग और हर दूसरे दिन यार दोस्तों  जो आ जाते हैं ,तुम्हारे बिना बताए ,उनके लिए अलग तैयारी तो ब्रह्मा जी के वरदान से हो रही है, और सुनो तो नहीं तो “


आगे पूनम बोलने वाली थी कि सासू मां आ गई और  बोली

“बहू मैंने सब सुन लिया है “

इतना सुनते ही पूनम को सांप सूंघ गया पूनम को लगा अब तो डांट पड़ेगी ।

फिर उसकी सासु माँ  ने गियर बदला और अमन से कहा

” क्यों रे हाथी तेरा दिमाग खराब हो गया ,नालायक कहीं के बहू को क्या समझ रखा है नौकरानी है क्या तेरी देख मालकिन है वो  और तू घर गृहस्थी को क्या समझता है,ऐसे ही चलती है क्या,  कपड़े नहीं जूते कहीं इतना बड़ा ऊँट हो गया,लेकिन सारी अक्ल ऑफिस में छोड़ कर आता है, खबरदार मेरी बहू को परेशान किया तो ,उसकी मां ने मेरे भरोसे सौंपा है ,इसे यह मेरी डबल जिम्मेदारी है अभी रुक तू ,मेरा डंडा कहां है”

इतने में अमन के 6 वर्षीय बेटे ने अम्मा को डंडा पकड़ा दिया

“लो अम्मा मारो पापा को मम्मी को परेशान करते हैं “

अब तो अमन एक्सप्रेस की भांति आगे आगे, और उसकी मम्मी और पत्नी  राजधानी और शताब्दी की तरह पीछे-पीछे ,उधर बच्चे ताली बजा बजाकर कूद रहे थे और कह रहे थे

“आज पापा की पिटाई होगी येह येह”

पूनम ने भागकर तुरंत अमन को कवर करते हुए बोली

“रहने दो माँ जी मैं ही कुछ ज्यादा बोल गई, अभी तो ऑफिस में बिजी रहते हैं,लोड होगा बॉस का प्रेशर होगा”

सासु माँ ने कहा

“अरे  बेटी आफिस को आफिस में छोड़ कर आये करे ,कब सीखेगा गृहस्थी,सब बोलना भूल जायेगा कि करती क्या है तू?”

” अरे मम्मी माफ कर दो अब नहीं करूंगा ऐसी हरकत ,सब याद रखूंगा घर का सामान का भी ध्यान रखूंगा और बच्चों का भी “

और सासू मां ने अमन के कान पकड़कर कहा

” देख बहुत हो गया तेरा चल अब खाना खा शैतान “

उधर पूनम भी मुस्कुरा के किचन में चल दी  खाना बनाने के लिए,


अगले दिन ऑफिस जाते वक्त अमन पीछे से पूनम के कान में बोल कर भाग गया

“और जानेमन आखिर करती क्या हो?”

पूनम ने आवाज लगाई “मम्मी जी देखो”

अमन तुरंत बुलेट एक्सप्रेस की भाँति भाग लिया।

और पीछे दोनों सास बहू  साथ मिलकर खिलखिला कर हँस पड़ी ।

-अनुज सारस्वत की कलम से

(स्वरचित एवं मौलिक रचना)

(सारे अधिकार सुरक्षित)

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