महारानी

प्रशांत एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करता था । मधु से उसकी शादी तय हो गई थी ।वह भी टी सी एस में काम करती थी । घर की बड़ी लड़की थी । उसकी एक बहन और एक भाई था । कुछ ही दिनों में दोनों का विवाह हो गया । प्रशांत का हाथ पकडकर … Read more

ना दुश्मनी अच्छी ना दोस्ती

बहुत पुरानी बात है एक जंगल एक   शेर रहता था वैसे तो शेर को जंगल का राजा कहा जाता है, लेकिन शेर एक छोटे चूहे से परेशान था।  शेर जब भी अपनी गुफा में रात मे  गहरी नींद में सो जाता था। तो  चुपके से धीरे-धीरे चूहा शेर की गुफा में आ जाता था … Read more

तीन गुना भोजन

सम्राट अकबर हमेशा अपने मंत्री बीरबल से हंसी ठिठोली करते रहते थे और उस हंसी ठिठोली में भी एक सामाजिक संदेश छुपा होता था आज की कहानी भी कुछ ऐसे ही है।   एक बार  मुगल सम्राट  अकबर अपने दरबार में बैठे हुए थे।  सम्राट अकबर ने अपने दरबारियों के सामने एक शर्त रखा।   यह … Read more

इंसान की परख

मुगल सम्राट अकबर का दरबार लगा हुआ था.  दरबार में सम्राट अकबर के सभी मंत्री और नवरत्न मौजूद थे।  प्रजा के लोग आकर एक-एक करके अपनी समस्या सुना रहे थे और अकबर उसी समय तुरंत  हल भी कर देते थे बाकी जिस विभाग की समस्या होती थी उस भाग को तुरंत उसको हल करने को … Read more

मायके का बेटा – मुकेश कुमार

मैं बाथरूम से जैसे ही नहा कर निकली मेरी पड़ोसन शीला ने दरवाजा खटखटाया।   दरवाजा खोलते ही मैंने बोला अंदर आओ, कैसी हो और क्या हाल है। तभी शीला ने कहा मैडम हाल-चाल बाद में पूछना पहले यह बताओ तुम्हारा फोन कहां है तुम्हारे मिस्टर ने हमें फोन किया है यह लो बात करो। … Read more

तुम देना साथ मेरा- मुकेश पटेल

समीरा देखने में जितनी सुंदर थी उतनी ही सुशील स्वभाव की भी थी। । समीरा ने शादी के कुछ दिनों बाद से ही पूरे परिवार का ख्याल रखना शुरू कर दिया था क्योंकि वह घर की सबसे बड़ी बहू थी  समीरा के पति से छोटे उसके देवर और एक ननद थी लेकिन उनकी अभी शादी … Read more

भाभी का घर – मुकेश कुमार

गर्मी की छुट्टियां शुरू होने वाली थी और  रजनी को मायके जाने की छटपटाहट मचने लगी थी क्योंकि इस बार मायके में सिर्फ मां और पापा नहीं थे बल्कि वहां पर एक और नया मेहमान आ चुका था वह थी  रजनी की भाभी ‘शालिनी’, रजनी के बड़े भाई की शादी को अभी कुछ महीने ही … Read more

मेरी गुरूर है मेरी सास!-Mukesh Kumar

रोजाना की तरह आज भी मैंने बच्चों और पति को नाश्ता दे कर बच्चो को स्कूल और पति को जॉब पर भेज दिया था। उसके बाद मैं कुछ देर अपने बालकनी में थोड़ी देर बैठती थी वहाँ पर ठंडी ठंडी हवा आती थी तो बहुत अच्छा लगता था। बालकनी में बैठे हुए रोजाना में एक … Read more

कब तक चुप रहूँगी-मुकेश कुमार

रोशनी बचपन से ही होनहार थी उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहती थी लेकिन उसके पिताजी के पास इतने पैसे नहीं थे   कि वह बहुत ज्यादा पढ़ाई कर सके।  इसलिए उसकी पढ़ाई 12वीं के बाद ही छूट गई थी और उसके पिताजी ने उसकी शादी एक साधारण कमाने वाले लड़के से कर दी थी। लेकिन … Read more

error: Content is Copyright protected !!