ना दुश्मनी अच्छी ना दोस्ती

बहुत पुरानी बात है एक जंगल एक   शेर रहता था वैसे तो शेर को जंगल का राजा कहा जाता है, लेकिन शेर एक छोटे चूहे से परेशान था।  शेर जब भी अपनी गुफा में रात मे  गहरी नींद में सो जाता था। तो  चुपके से धीरे-धीरे चूहा शेर की गुफा में आ जाता था और शेर के शरीर पर चहलकदमी करते हुए, उसके बालों को क़ुतुर देता था।

  सुबह होकर शेर जब अपने आसपास अपने बालों को कुतूरे हुये  देखता था तो गुस्से में लाल हो जाता था, उसे समझ नहीं आता था कि छोटे चूहा को वह कैसे पकड़े।  वह हमेशा यही सोचता रहता था कि इस चूहे से वह कैसे छुटकारा पाएं। 



 जंगल में शेर की एक हाथी से गहरी दोस्ती थी।   हाथी और शेर  दोनों एक दूसरे से अपने दिल की बातें बताते रहते थे।  शेर ने यह बात अपने दोस्त हाथी  से बताया।  हाथी   ने शेर को  सलाह दी तुम्हारी इस समस्या का हल कुत्ता ही  दे सकता है, क्योंकि कुत्ता चूहे का दुश्मन होता है और मैं एक कुत्ते को जानता भी हूं। 

 शेर ने कहा, “चलो भाई अभी चलते हैं उस कुत्ते से बात करते हैं। ”  शेर और हाथी दोनों संग संग कुत्ते के पास चल दिए दोनों कुत्ते के पास पहुंचे और हाथी ने कुत्ते से आग्रह किया कि कुत्ता भाई मेरे इस दोस्त शेर कि तुम ही मदद कर सकते हो, इनको एक चूहा परेशान करके रखा है, रात में जब यह सो जाते हैं तो इनके बाल को चूहा कुतुर  देता है।  

कुत्ते ने शेर की गुफा की रखवाली करने के लिए हामी भर दी क्योंकि वह जानता था कि शेर जंगल का राजा है अगर उसकी बातों को वह मानने से इंकार कर देता है तो अभी शेर उसको खा जाएगा। 

 रात हुआ शेर ने जो आज शिकार किया था उसी के मांस शेर और कुत्ता दोनों मिलकर खाए।  शेर अपनी गुफा में सोने चला गया   गुफा केबाहर  कुत्ता रखवाली करने लगा। 

 चूहे को यह बात पता नहीं था कि आज शेर ने रखवाली करने के लिए कुत्ते को दरवाजे के बाहर बैठा  रखा है रोजाना की तरह कुत्ता आज भी शेर के शरीर पर मटरगश्ती करने के लिए उसके

गुफा में घुसने लगा।  चूहा जैसे ही गुफा के अंदर घुसा कुत्ता झपट कर चूहे को अपने मुंह में दबोच लिया और उसके चिथड़े चिथड़े उड़ा दिए। 

 उस दिन के बाद से शेर चैन की बंसी बजाने लगा।  अगले दिन कुत्ता जब जाने लगा तो उसने बोला कहां जाते हो हम दोनों एक साथ ही रहते हैं।  मैं दिन में शिकार करूंगा फिर शाम को दोनों भाई मिल बांट कर खा लेंगे। 

 एक  दिन की बात है शेर ने पूरा जंगल छान मारा कोई भी उसे शिकार नहीं मिला।  शेर भूख से बिल्कुल तड़प रहा था।  वह शाम को खाली हाथ घर अपने गुफा में वापस लौटा।  कुत्ता ने पूछा,” क्या हुआ महाराज आज आप खाली हाथ लौटे।”  शेर ने कहा, “आज कोई भी शिकार नहीं मिला, चलो कोई बात नहीं आज दोनों भाई  बिना कुछ खाए सो जाते हैं आज एक तरह से हम दोनों का मान लेते हैं कि व्रत है। 

  कुत्ता कुछ देर के बाद सो गया लेकिन शेर को भूख के मारे नींद नहीं आ रही थी।  शेर ने सोचा क्यों ना इस कुत्ते को मारकर खाया जाए।  कम से कम आज की रात तो भूख से नहीं सोना पड़ेगा।  कल की कल देखी जाएगी  और शेर ने  उस कुत्ते को शिकार कर खा गया ।

  शिक्षा: बच्चों इस कहानी की मोरल स्टोरी यह है कि हमें कभी भी अपने से बड़े  आदमी से ना ज्यादा दुश्मनी रखनी चाहिए और ना ही दोस्ती क्योंकि वह एक ना एक दिन हमारे लिए घातक साबित होता है। 

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