इंसान की परख

मुगल सम्राट अकबर का दरबार लगा हुआ था.  दरबार में सम्राट अकबर के सभी मंत्री और नवरत्न मौजूद थे।  प्रजा के लोग आकर एक-एक करके अपनी समस्या सुना रहे थे और अकबर उसी समय तुरंत  हल भी कर देते थे बाकी जिस विभाग की समस्या होती थी उस भाग को तुरंत उसको हल करने को आदेश दे देते थे।

उसी समय  दरबार में ही एक व्यक्ति आया और सम्राट अकबर से बोला कि महाराज में एक  जौहरी हूं और मुझे सोने-चांदी और हीरे की बहुत ही गहरी समझ है।

मेरे पास दो हीरे हैं जिसमें से एक हीरा असली है और एक हीरा नकली है।  लेकिन मैं यह सबको चैलेंज करता हूं कि जो भी इसमें से असली हीरा पहचान जाएगा मैं उसे असली वाला हीरा दे दूंगा, अगर वह नहीं पहचान पाया तो फिर हीरे की जितनी कीमत है उतना मूल्य वापस करना होगा।  ऐसा मैं कई सारे राज्यों में कर चुका हूं आज तक मुझसे कोई जीत नहीं पाया है मैंने सुना है कि आपके यहां बीरबल नाम के एक चतुर मंत्री हैं जो हर समस्या का समाधान ढूंढ लेते हैं मैं उनका परीक्षा लेना चाहता हूं।

मुगल सम्राट अकबर की चैलेंज को स्वीकार कर लिया । उसके बाद अपने मंत्री बीरबल को अकबर ने बुलाया और कहा बीरबल, “अब इस समय राज्य की नाक  तुम्हारे भरोसे हैं याद रखो मुगल सम्राट की नाक कटनी नहीं चाहिए।” बीरबल बोला, “महाराज जब आपको मुझ पर इतना भरोसा है तो यह भरोसा बना के रखिए।

बीरबल ने  जौहरी से बोला, “सामने मेज पर दोनों हीरे निकाल कर रखो।”  जोहरी ने कुछ देर में अपने थैले से दोनों ही हीरे निकालकर मेज पर रख दिया।  यह क्या दोनों हीरो निकालते ही दोनों समान रुप से एक जैसे चमक रहे थे कोई भी देख कर बता नहीं सकता था कि इसमें से कौन असली हीरा है और कौन नकली।  अकबर ने बीरबल से कहा बीरबल यह तो मुझे लगता है बड़ा मुश्किल है पहचानता, क्योंकि यह तो बिल्कुल दोनों एक जैसे ही लग रहे हैं।

बीरबल ने  सम्राट अकबर से बोला कि महाराज आप थोड़ा सा धैर्य रखें सब हो जाएगा।



राज दरबार में जितने भी लोग मौजूद थे सब आश्चर्यचकित थे यह  तो दोनों एक जैसा ही है, बीरबल कैसे पता लगाएंगे कि कौन असली हीरा है और कौन नकली हीरा।

बीरबल ने थोड़ी देर बाद एक सैनिक को बुलाया और बोला कि इन दोनों हीरे को उठा कर बाहर धूप में कुछ देर के लिए रख दो।  थोड़ी देर धूप में रखने के बाद बीरबल ने हीरे को अंदर मंगाया और उसके बाद उन दोनों हीरो को छुआ और बता दिया कि इसमें से या हीरा असली हीरा है।

जौहरी ने बीरबल की बात पर सहमति जताई और बोला महाराज आपकी बात बिल्कुल सही है यही हीरा असली है और यह हीरा मैं आप को गिफ्ट में देता हूं।  आप पहले आदमी हैं जिस में हीरे की नकली और असली में फर्क समझ गए। मैं आज यह मान गया कि आपकी प्र्सिधी जग में क्यों है जो कोई काम नहीं कर सकता वह बीरबल कर सकते हैं।

दरबार के सारे लोग देखकर हैरान परेशान थे कि बीरबल ने यह साबित कर दिया की कौन हीरा नकली है कौन असली ।  सम्राट अकबर से रहा नहीं गया उसने बीरबल से वही पूछा कि बीरबल मुझे तुम्हारा राज समझ नहीं आया तुमने कैसे पहचाना कि कौन हीरा असली है और कौन हीरा नकली।

बीरबल बोले महाराज इसमें ज्यादा घबराने की बात नहीं है मैंने हीरे को धूप में रखने के लिए इसलिए बोला कि जो असली हीरा होता है वह कभी भी गर्म नहीं होता है जब हीरे को धूप में रखा गया तो लाने के बाद मैंने जब हीरे को छुआ तो एक हीरा बिल्कुल ही गर्म था और एक हीरा बिल्कुल ही ठंडा तो मैं समझ गया कि जो ठंडा है वह असली हीरा है।  बीरबल की बातों पर जोहरी ने भी मुहर लगा दी थी।

दोस्तों हमें अपने जीवन में भी यही देखना चाहिए जो इंसान बात बात पर गुस्सा हो जाए किसी से लड़ाई कर ले वह व्यक्ति कांच का बना है और जो व्यक्ति विपरीत परिस्थितियों में भी अपने मन को शांत चित्त होकर काम करता है वह असली हीरे के समान होता है।

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