अपमान बना वरदान – अर्चना झा : Moral Stories in Hindi
सुबह से मूसलाधार बारिश हो रही थी रात के भोजन का वक्त हो चला था निशा ने अपनी मां से कहा कि मैं जाकर रोटियां सेक लेती हूं आज खाना जल्दी खा लेंगे क्योंकि मौसम भी ठीक नहीं है यह कहते हुए निशा किचन की तरफ मुड़ी ही थी कि दरवाजे की घंटी बजी, निशा … Read more