रिश्तों में यूँ ही नहीं आती खटास – रश्मि प्रकाश  : Moral Stories in Hindi

आज सभी लोग अपने अपने घर को चले गए पीछे फिर से वही लोग रह गए जिनको कहीं जाना ही नहीं था पर सबकी विदाई करने के बाद भी मानसी को किसी भी बात का कोई मलाल नहीं था…. होता भी कैसे एक वक्त वो भी था जब वो बस पश्चाताप के आँसू बहाया करती … Read more

काश! उसकी बात मान लेती –   विभा गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

  हमेशा की तरह शाम को ठीक 5 बजे चाय का प्याला लेकर कृष्णा जी अपनी बालकनी में बैठी ही थी कि उनकी नज़र साथ वाले मकान के सामने खड़ी ट्रक पर गई।दो लोगों को ट्रक से सामान उतारते देखकर वो बड़ी खुश हुईं।चाय पीते हुए वो सोचने लगी कि नये पड़ोसी से कैसे परिचय किया … Read more

जन्म दिया है तो जिम्मेदारियां भी निभानी होगी – मनीषा सिंह : Moral Stories in Hindi

“आज पूरे 20 दिन बाद बर्न हॉस्पिटल में विद्या को अपने जिंदा होने का एहसास हुआ”। अब वह पहले से काफी ठीक थी– सामने पति प्रभात और अपने माता-पिता ,भाई को देख आंखों से बरबस ही अश्रु धारा निकल पड़े फिर प्रभात की तरफ देखते हुए धीरे से कुछ बोलने की कोशिश की परंतु ४0% … Read more

मुझे माफ कर दो – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 ए सी वाले कमरे में सोते हुए भी प्रतिभा पसीने से तरबतर हो चुकी थी। वह हड़बड़ा कर उठ बैठी,वह बहुत परेशान थी,उफ! फिर वही सपना, वह समझ नहीं पा रही थी कि यह सपना मुझे बार-बार क्यों आता है वह इस सपने से बहुत ज्यादा डर जाती थी हालांकि वह इन बातों पर यकीन … Read more

पछतावे के आँसू – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

रोनित  , कब  तक तुम छुट्टी लोगे यार …. तुम्हारा और  चंचल भाभी का इतना ही साथ था । जीवन में आगे बढ़ना ही पड़ेगा । मैं और इशिता भारत जा रहे हैं । तुम भी चलो ….. कैसे जाऊँ? एक तो मैंने घर में बिना बताए शादी की । ऊपर से छोटी सी रुमी … Read more

जब बच्चो को अकेले रहने की आदत हो जाती है तो बड़े बुजुर्गों से उन्हें बंधन दिखाई देने लगता है। – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

मम्मी जी बुरा मत मानिएगा छवि हमेशा अकेली रही हुई है ना? हो सकता है उसकी कोई आदत से आपको ठेस पहुंचे वैसे तो मैने समझा दिया है। I पर फिर भी…..? रितु ने अपनी सासु मां को बताया। बंगलौर में छवि हमेशा अपने मम्मी ,पापा के पास ही रही ओर वे दोनों इंटरनेशनल कंपनी … Read more

आत्मसम्मान – मोनिका रघुवंशी : Moral Stories in Hindi

देख बहु हमारा इंतजार हमारी तपस्या रंग लाई और मेरा बेटा वापिस आ गया। अब तू सब कुछ भूलकर उसे माफ कर दे बेटा, कल्पना जी अपनी बहू सिमी से बोली।  हां सिमी बेटा जिंदगी में खुशियां बार बार दस्तक नही देती, अब इनसे मुंह न मोड़, देख बेटा हम दोनो अब बूढ़े हो चुके … Read more

आंख से गिरना – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

मधु के बेटे की नई -नई शादी हुई थी।शादी का सारा इंतजाम नमिता(,बेटी),ने किया था। निमंत्रण पत्र से लेकर बग्गी,कपड़े, मेकअप,खाना सब नमिता अपनी देखरेख में बनवा रही थी।आखिर उसके इकलौते दो साल बड़े भाई की शादी जो थी।मधु सारा दिन नमिता -नमिता करती रहतीं,और नमिता मिनटों में सब काम निपटा रही थी।घर की पहली … Read more

पछतावे के आसूं – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

अरे श्रीधर देर मत कर, जल्दी से आजा। एक बार लड़का देख ले बहुत अच्छा लड़का है। सुंदर, पैसे वाला, एकलौता और क्या चाहिए। मधुलिका के लिए बहुत अच्छा रहेगा। बुआ जी लड़के की प्रशंसा के पुल बांधे जा रही थी।  ठीक है दीदी मैं घर में बात करके आपको बताता हूं। हां, हां कर … Read more

एहसास के परे – खुशी : Moral Stories in Hindi

नेहा आज सुबह से ही परेशान थी।मालती के आते ही उसे काम बताया और बोली मालती वो पीछे वाले कमरे की अच्छे से सफाई करना और बिस्तर पर नई चादर बिछा देना अलमारी साफ करना अच्छे से मैं दिन मे फोन करूजी तो मुझे सब्जी,फल और घर में कुछ खत्म हो तो बताना ।फिर ऑफिस … Read more

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