गला काटना – मोनिका रघुवंशी : Moral Stories in Hindi

सरिता बहु यदि तुम्हे इस घर में हिस्सा चाहिए तो जैसा मैं कहता हूं वैसा ही करो….. वरना छोटे को इसका आधा हिस्सा देकर तुम गांव के घर मे अपना हिस्सा ले लो। लेकिन याद रखो मैं तुम्हे कोई पैसा नही दे पाऊंगा यदि गांव के घर मे हिस्सा चाहिए तो वंही चलकर रहना पड़ेगा … Read more

सन्तुष्ट- मोनिका रघुवंशी : Moral Stories in Hindi

प्रतीक मैं नौकरी करना चाहती हूं… थाली में गर्म रोटियां रखती हुई नेहा बोली। नौकरी ऐसे अचानक, पर क्यों मैंने या मम्मी ने कभी किसी चीज के लिए रोका है तुम्हे। वो बात नही है प्रतीक, मैं अब घर की चारदीवारी से बाहर निकलकर अपनी एक पहचान बनाना चाहती हूं सुमि भी अब तीन साल … Read more

सन्तुष्ट-मोनिका रघुवंशी Moral stories in hindi

प्रतीक मैं नौकरी करना चाहती हूं… थाली में गर्म रोटियां रखती हुई नेहा बोली। नौकरी ऐसे अचानक, पर क्यों मैंने या मम्मी ने कभी किसी चीज के लिए रोका है तुम्हे। वो बात नही है प्रतीक, मैं अब घर की चारदीवारी से बाहर निकलकर अपनी एक पहचान बनाना चाहती हूं सुमि भी अब तीन साल … Read more

सन्तुष्ट – मोनिका रघुवंशी : Moral Stories in Hindi

प्रतीक मैं नौकरी करना चाहती हूं… थाली में गर्म रोटियां रखती हुई नेहा बोली। नौकरी ऐसे अचानक, पर क्यों मैंने या मम्मी ने कभी किसी चीज के लिए रोका है तुम्हे। वो बात नही है प्रतीक, मैं अब घर की चारदीवारी से बाहर निकलकर अपनी एक पहचान बनाना चाहती हूं सुमि भी अब तीन साल … Read more

मां की नसीहत – मोनिका रघुवंशी : Moral Stories in Hindi

ममता जी लाइट बन्द कर सोने ही जा रही थी कि डोरबेल की आवाज सुनकर ठिठक गयी। रात के 11 बजने वाले हैं इस समय कौन…हो…. सकता है। दरवाजा खोला तो सामने रुचि को देखकर हैरान रह गयी। क्या बात है रुचि इस तरह अचानक… और रौनक जी कंहा है मेरा मतलब तुम उनके साथ … Read more

धैर्य और लगन – मोनिका रघुवंशी : Moral Stories in Hindi

विवेक तुम कंही जा रहे हो…., तुम्हारी माँ बता रही थी कि कोई इंटरव्यू है ,खाने की टेबल पर दिवाकर जी ने अपने बेटे से पूछा। हां पापा एक बड़े होटल में रिसेप्शनिस्ट की जॉब है सैलरी भी अच्छी है तो….. लेकिन तुम्हे प्राइवेट जॉब करने की क्या सूझी….. पापा मैंने पिछले पांच सालों में … Read more

किस्मत की गाड़ी -मोनिका रघुवंशी   : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : सुधा दी का फोन आया था, उनके बेटे विवेक की शादी तय हो गयी है। हम दोनों को आने का न्यौता दिया है। मनस्वी अपने पति मयंक को खाना परोसते हुए बता रही थी। मैं तो नही जा पाऊंगा यार और बच्चों के भी एग्जाम रहेंगे….. देख लो बहुत जरूरी … Read more

चरित्रहीन औरतें – मोनिका रघुवंशी : Moral stories in hindi

moral stories in hindi : हमारे यंहा रविवार की सुबह अन्य दिनों की अपेक्षा कुछ सुकून भरी होती है सुबह के सात बजे तक आराम से उठो,पति मॉर्निंग वॉक पर निकले और मैं अपनी कड़क चाय की प्याली लेकर बालकनी में अपने नन्हे मुन्हे पौधों को निहार रही थी। तभी एक बड़ा सा ट्रक हमारे … Read more

नाम डुबोना – मोनिका रघुवंशी : Moral Stories in Hindi

सुना आपने, आपकी बड़ी बहुरिया क्या गुल खिला रही है आजकल। इस कुलक्षिनी ने तो हमारा नाम डुबोने की कसम ले रखी है….. ललिता अपने पति सोमेश जी से बोल रही थी। क्यों अब क्या कर दिया उस बेचारी ने…तुम्ही तो उसका जीना हराम किये देती हो। बड़ी दीदी ने आज छोटे तालाब के पास … Read more

आखिर क्यों… – मोनिका रघुवंशी : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : दीवार पर लगी घड़ी रात के 12 बजा रही थी कमरे में बहुत हल्की नीली रोशनी, मैं बिस्तर पर अकेले पड़ी पड़ी नींद का या शायद राघव का इन्तजार कर रही थी। आंखों से नींद कोसों दूर थी, पगफेरे के बाद ये हमारी पहली रात थी मन मे अनगिनत बातें … Read more

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