मतलबी लोगों से दूरी बनाना अच्छा – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

“पता नहीं माँ,आखिर मेरे साथ ही यह सब क्यों होता है?जब भी किसी ने मेरी मदद माँगी या दोस्ती का हाथ मेरी ओर बढ़ाया तो मैंने पूरी शिद्दत से उसकी मदद भी की और दोस्ती भी निभाई उसकी खुशियों में भी सदा शामिल रही और जब मुझे मान देने का समय आता है तो सब … Read more

मर्यादा – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

अंजु की अभी नई-नई शादी हुई थी। वह अभी परिवार के लोगों को जानने समझने की कोशिश कर रही थी। सभी रिश्ते के देवर ननद उससे हंसी ठिठोली  करते और खुश  हो रहे थे। वह भी हम उम्र के साथ घुल मिल खुश हो रही थी। किन्तु उसने अनुभव किया कि दो जोडी आंखें उसी … Read more

सीमा रेखा – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

सुबह के पाँच बजे थे । डोर बेल की आवाज़ को सुनकर पंकज की नींद खुली तो उसने सोचा कि अब इस समय कौन हो सकता है सोचते हुए ही धीरे से दरवाज़ा खोलने के लिए गया तब तक बेल तीन बार बज चुका था । उसने जैसे ही दरवाज़ा खोला आश्चर्य से उसका मुँह … Read more

सीमा रेखा – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

नहीं! नहीं! बिल्कुल नहीं! झरना नौकरी नहीं करेगी। करना ही है तो अपनी ससुराल में जाकर करें, लेकिन इस घर में रहते हुए नौकरी करने का कोई प्रश्न नहीं उठता। सुधाकर जी ने अपना निर्णय सुना दिया। जब आप पिता होकर बेटी को नौकरी नहीं करने देना चाहते हैं तो अनजान परिवार (ससुराल) नौकरी करने … Read more

छोटी छोटी बातों में ढूंढ खुशियां – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

ज़ोर से खिलखिला कर हंसते हुए कल्पना को देखकर श्रुति आश्चर्य चकित थी ।वो कुछ लोगों के बीच में बैठी ज़ोर ज़ोर से हंस रही थी ।ये क्या हो गया कल्पना को कुछ ज्यादा ही हंस रही है। कुछ हो तो नहींगया मसलन दिमाग,विमाग खराब,,,,,,। फिर श्रुति ने अपने विचारों को झटका और सोचा चलकर … Read more

नागिनी के कांटे – पूनम भटनागर : Moral Stories in Hindi

आज फिर आफिस से निकलने में लेट हो गया, अभी सब्जी भी खरीदनी है नहीं ‌तो रात क्या कल आफिस में क्या बना कर ले जाऊंगी। रेहू के दिमाग में आफिस से निकलते समय यही चल रहा था।  तभी सड़क पर वह ‌किसी से टकराते टकराते बची। सोरी, मैं —जब रेहू ने आंख उठाकर सामने … Read more

दोष – मुकुन्द लाल : Moral Stories in Hindi

उसकी सास महीनों से कमला को भला-बुरा कहकर उसे प्रताड़ित कर रही थी जिसको वह सिर झुकाकर वह सुन लेती थी लेकिन जब उसकी सास ने उसके पति की दूसरी शादी की घोषणा की तो कमला की देह में आग लग गई। उसकी आंँखों से क्रोध की चिन्गारियांँ निकलने लगी। उसने विफरते हुए कहा, “मांँजी!.. … Read more

मेरा घर – सुनीता संधु : Moral Stories in Hindi

अरी मीणा, किन ख्यालों में खोई हो। जल्दी-जल्दी हाथ चलाओ और जल्दी खाना बनाओ। चांद निकलने वाला है। सुबह से करवा चौथ के व्रत के कारण हम भूखे हैं। अब तो खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा। पर तुम्हें क्या? सुबह से भरपेट खाया है। मजे हैं तुम्हारे। न व्रत रखना, ना भूखे रहना, थोड़ा … Read more

सीमा रेखा – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

विशाल के सीने से लगी सिया फूट फूट कर रो रही थी और बार बार मुझे माफ कर दो की रट लगाए जा रही थी… नाम के अनुसार हीं विशाल!विशाल हृदय का स्वामी भी था.. लगभग पैंतालिस साल की उम्र लंबा खूबसूरत ब्यक्तित्व के धनी धीर गंभीर विशाल की शादी सिया के साथ सत्रह साल … Read more

“मन की सीमा रेखा” – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

हां तो भई… सभी लोग  हाल में आ जाओ, जीजी की बेटी की शादी में भात में हम लोगों को क्या-क्या देना लेना है उस पर विचार विमर्श कर लेते हैं, सभी सदस्य अपनी-अपनी राय अवश्य दें, शादी में मात्र एक महीना रह गया है, बहुत सारी तैयारी करनी है, नकुल ने अपने दोनों छोटे … Read more

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