हरसिंगार खिल उठे ……. – लतिका श्रीवास्तव

….देर रात  बगल के मकान से आती खटर पटर की आवाजों ने मुझे बिस्तर छोड़ने पर विवश कर दिया ….चोरी की नित बढ़ती वारदातों ने हम सब कॉलोनी वालों को अतिरिक्त सतर्कता प्रदान कर दी थी..!थोड़ी आहट लेते हुए धीरे से दरवाजा खोल कर मैने जायजा लेने की कोशिश की तो देखा  बगल के नवनिर्मित … Read more

राम तेरी गंगा मैली हो गई – सरला मेहता

विभा व अमोघ का आंगन कई मन्नतों के पश्चात बेटी की किलकारियों से गूंज उठा। चूँकि बड़े भागीरथ प्रयासों से संतान का सुख नसीब हुआ तो बेटी का नाम रखा जान्हवी, बेटी क्या आई कि जीवन  में ख़ुशी की लहर आ गई।मानो मरुभूमि में गंगा मैया की निर्मल धारा का अवतरण हो गया हो। संयुक्त … Read more

करवाचौथ – पिंकी नारंग

सुनो ना, प्रीति ने प्यार से पति आशु के कंधे पर सिर रखते हुए कहा “करवाचौथ मे सिर्फ दो दिन रह गए है |क्या गिफ्ट चाहिए तुम्हें |”आशु ने प्रीति की बात बीच मे काटते हुए तल्खी भरी आवाज मे कहा, जैसे वो जानता हो की प्रीति क्या कहना चाहती है |   प्रीति ने भी … Read more

नासमझी – कंचन श्रीवास्तव

चटाक ……. की आवाज से दोनों तरफ ही सन्नाटा पसर गया , बिना कुछ बोले रवि अपने कमरे में और सुलेखा वहीं सोफे पर ढेर हो गई।ये क्या हो गया इन दोनों के बीच इसकी तो कल्पना भी नहीं थी। आखिर क्यों? क्यों कहा उसने ऐसे , ऐसा कहते वक्त उसकी जवान नहीं लड़खड़ाई, कैसी … Read more

यह कैसी मानसिकता है – कमलेश राणा

रीना बहुत चुलबुली और हंसमुख थी,, हमेशा फूल ही झरते रहते उसके मुँह से,, बस एक ही बात जिसे उसकी खूबी कह लो या खामी,,, सबको अखरती थी,, वो थी, उसकी स्पष्टवादिता,, अगर कोई बात बुरी लगती तो वह तुरंत सीधे शब्दों में विरोध जताने से नहीं चूकती थी,, लेकिन शादी के बाद उसके स्वभाव … Read more

मेरी अरज सुन लीज़ो ओ बाबुल मोरे,, – सुषमा यादव 

मेरा दिल, दिमाग़ बिल्कुल ही काम नहीं कर रहा है, बस रात दिन ये ही सोचता रहता है कि आखिर मुझे छोड़कर ऐसे कैसे जा सकते हैं आप बाबू जी, मुझसे ऐसी अनजाने में क्या ग़लती हो गई,, आप तो बहुत ही कर्मठ, आत्मस्वाभिमानी ,परम संतोषी, ईमानदार, नियमित दिनचर्या वाले और गायत्री मां तथा गुरु … Read more

अब समझौता नहीं! – डाॅ संजु झा : Moral stories in hindi

दूसरी बार दुल्हन   के लिबास में सजी मोनिका मन-ही-मन सोच रही है-“मैं अपनी शारीरिक और मानसिक  भावनाओं को कुंठित  कर क्यों समझौता करती?मेरे भी दिल में भावनाओं के ज्वार उठते हैं,उन्हें मैं क्यों दबाती?” नवीन से दूसरी शादी के बाद मोनिका  पति का इंतजार करती हुई  पहली धोखे से हुई  शादी के ख्यालों में … Read more

समझौता आखिर किसके लिए,,,,,? – मंजू तिवारी

जब मैं बाजार जाती हूं। तो कई छोटे-छोटे 8,10, 12,14,16 साल के बच्चों को वहां घूमते देखती हूं। कोई पैन लेकर आ जाता है आंटी यह पैन ले लो बहुत अच्छे हैं। या कोई बच्चा गुब्बारे लेकर आ जाता है जबरदस्ती खरीदने के लिए बोलता है। या कुछ बच्चे बच्चियां  भीख मांग रहे होते,,,,,, उनकी … Read more

‘ ऐसी भाभी सबको मिले ‘ – विभा गुप्ता 

 श्रुति की अपने ससुराल में पहली दीपावली थी।वह बड़े उत्साह से साफ़-सफ़ाई में अपनी सासूमाँ का हाथ बँटा रही थी।तभी उसने देखा कि सासूमाँ एक फोटो को निहार रहीं हैं तो उसने पीछे से टोक दिया, ” मम्मी जी, दीपा जीजी की याद आ रही है ना। ” सुनकर वे अचकचा गईं, फोटो को साड़ियों … Read more

भाई चाय वाला – अभिलाषा कक्कड़

जीवन में कभी कभी ऐसे भी क्षण आते हैं जब ज़िन्दगी कुछ देर के लिए अपना पड़ाव सा डाल लेती है । स्मृतियों में एक मधुर याद बनकर वो सदा विराजमान रहते हैं ।रक्षाबंधन बहुत ही प्यारा त्योहार है । भले ही भाई ना होने की वजह से इस त्योहार की मेरे जीवन में कुछ … Read more

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